बब्बर खालसा का आतंकी शेरा एनआईए कोर्ट से भगोड़ा घोषित, चंडीगढ़ में हैंड ग्रेनेड फेंकने समेत पंजाब में कई वारदातों में शामिल
बब्बर खालसा के आतंकी शमशेरा सिंह उर्फ शेरा को एनआईए कोर्ट ने भगोड़ा घोषित किया है। शेरा सेक्टर-10 में हुए हैंड ग्रेनेड हमले में शामिल था और वह हरिंदर सिंह रिंदा का खास है। रिंदा और शेरा ने हैप्पी पासियां के जरिए धमाका करवाया था। रोहन और विशाल ने सेक्टर-10 में ग्रेनेड फेंका था। पुलिस ने ऑटो चालक को गिरफ्तार किया था, और बाद में एनआईए को जांच सौंपी गई।

चंडीगढ़ में सेक्टर-10 की कोठी नंबर 575 में हैंड ग्रेनेड फेंकने की साजिश में आया शेरा का नाम।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। सेक्टर-10 में पिछले साल हुए हैंड ग्रेनेड हमले की साजिश और पंजाब की कई वारदातों में शामिल शमशेरा सिंह उर्फ शेरा को चंडीगढ़ स्थित राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने भगोड़ा घोषित कर दिया है। वह बब्बर खालसा इंटरनेशनल संगठन से जुड़ा आतंकी है। इसी संगठन से जुड़े आतंकी हरिंदर सिंह रिंदा का खास बताया जाता है। इस समय अरमेनिया में छिपा हुआ है।
पिछले साल सेक्टर-10 में हुए बम धमाके में एनआईए ने उसे भी आरोपित बना लिया था। उस केस में रिंदा का भी नाम है और दोनों ही लंबे समय से फरार हैं। पिछले साल रिंदा और शेरा ने आतंकी हैप्पी पासियां के जरिए यह धमाका करवाया था। यह तीनों ही इस समय एजेंसी की पकड़ से बाहर हैं। शेरा के बाद एनआईए कोर्ट ने रिंदा और हैप्पी पासियां को भी भगोड़ा घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
पिछले साल रोहन और विशाल नाम के युवकों ने सेक्टर-10 की कोठी नंबर 575 में हैंड ग्रेनेड फेंका था। हालांकि इस हमले में किसी की जान का नुकसान नहीं हुआ था। अमेरिका बैठे आतंकी हैप्पी पासियां ने इस हमले की साजिश रची थी। उसी के इशारे पर रोहन और विशाल ने इस वारदात को अंजाम दिया था। यह हमला पंजाब पुलिस के रिटायर्ड अधिकारी पर करवाया गया था। हालांकि, कुछ महीने पहले ही वह इस घर को छोड़कर जा चुके थे।
ऑटो में आए थे हमलावर
पिछले साल रोहन और विशाल इस वारदात को अंजाम देने के लिए सेक्टर-43 से सेक्टर-10 तक आटो में आए थे। इसके बाद वह आटो से ही फरार हो गए थे। चंडीगढ़ पुलिस ने वारदात के कुछ ही घंटों बाद आरोपित आटो चालक को गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि इस हमले में उसकी कोई भूमिका सामने नहीं आई थी। पंजाब पुलिस भी मामले की जांच कर रही थी। उन्होंने ही रोहन और विशाल को ढूंढ निकाला था। इसके बाद केस की जांच एनआइए को सौंप दी गई थी।

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