'पंजाब यूनिवर्सिटी पर नियंत्रण की कोशिश बर्दाश्त नहीं', सुखबीर बादल ने केंद्र पर लगाए गंभीर आरोप
पंजाब यूनिवर्सिटी में सीनेट चुनाव की तारीख को लेकर विवाद गहरा गया है। सुखबीर सिंह बादल ने 'पीयू बचाओ मोर्चा' का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार पर पंजाब के अधिकारों को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पीयू पंजाब की धरोहर है और इस पर किसी भी तरह का समझौता नहीं होगा।

सुखबीर बादल ने केंद्र पर लगाए गंभीर आरोप। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पंजाब यूनिवर्सिटी में सीनेट चुनाव की तारीख की घोषणा को लेकर चल रहा विवाद अब गंभीर राजनीतिक मोड़ ले चुका है। बीते 15 दिनों में 20 से अधिक राजनीतिक दलों के नेता पीयू बचाओ मोर्चा का समर्थन करने के लिए कुलपति कार्यालय के बाहर पहुंच चुके हैं।
इसी कड़ी में शनिवार को शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल भी मोर्चा के मंच पर पहुंचे और केंद्र सरकार पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि पीयू पंजाब की धरोहर है और इसका किसी भी प्रकार का टेकओवर पंजाब के लोग किसी कीमत पर नहीं होने देंगे।
बादल ने कहा कि यूनिवर्सिटी पर पंजाब का ऐतिहासिक और कानूनी अधिकार पूरी तरह स्पष्ट है, इसलिए इस पर किसी भी तरह का समझौता संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि पीयू की स्थापना में एसजीपीसी की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी और समय के साथ अन्य राज्यों ने अपने हिस्से से कॉलेज अलग कर नई यूनिवर्सिटियां बनाई, लेकिन पंजाब यूनिवर्सिटी हमेशा पंजाब की ही रही। वर्तमान में इससे 200 से अधिक कॉलेज जुड़े हैं और किसी भी तरह का हस्तक्षेप सीधे पंजाब के अधिकारों को चुनौती देने जैसा है।
उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि चंडीगढ़ को धीरे-धीरे पंजाब से दूर करने की कोशिश की जा रही है। उनका कहना था कि चंडीगढ़ देश का एकमात्र ऐसा केंद्र शासित क्षेत्र है जिसका अपना मुख्यमंत्री नहीं है, जबकि यह पंजाब का आधिकारिक हिस्सा रहा है। पिछले कुछ वर्षों में प्रशासनिक ढांचा और भर्ती नीति इस तरह बदली जा रही है कि पंजाब की पकड़ कमजोर पड़ती जा रही है।
अकाली दल प्रमुख ने राजनीतिक दलों, किसान संगठनों और पंजाब की जनता से पीयू की अस्मिता की लड़ाई में एकजुट होने की अपील की। उन्होंने कहा कि जैसे किसान आंदोलन में पूरा पंजाब एकजुट हुआ था, वैसे ही अब पंजाब यूनिवर्सिटी की रक्षा के लिए भी एक होना आवश्यक है।
चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि यह आपके घर पर हमला है। पहले ड्राइंग रूम पर कब्जा करेंगे, फिर बेडरूम तक पहुंचेंगे। पीयू इस लड़ाई की पहली कड़ी है और पंजाब के लोग किसी भी हाल में यह कब्जा नहीं होने देंगे। पीयू हमारी पहचान है और अकाली दल हर स्तर पर संघर्ष के लिए तैयार है।

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