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    INDI गठबंधन सामप्त होने के केजरीवाल के दावे से चंडीगढ़ में हलचल, BJP मेयर बनाने में होगी सफल!

    Updated: Thu, 03 Jul 2025 11:46 PM (IST)

    अहमदाबाद में अरविंद केजरीवाल के आइएनडीआइए गठबंधन को लेकर दिए गए बयान से चंडीगढ़ की राजनीति में हलचल है। केजरीवाल ने कहा कि गठबंधन लोकसभा चुनाव तक ही था जिससे चंडीगढ़ में कांग्रेस-आप गठबंधन के भविष्य पर सवाल उठ रहे हैं। यदि गठबंधन टूटता है तो मेयर चुनाव में समीकरण बदल सकते हैं और भाजपा फिर से मेयर बना सकती है।

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    INDI गठबंधन सामप्त होने के केजरीवाल के दावे से चंडीगढ़ में हलचल।

    बलवान करिवाल, चंडीगढ़। अहमदाबाद में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के दिए बयान ने चंडीगढ़ की राजनीति में भी हलचल पैदा कर दी है। केजरीवाल ने अहमदाबाद में कहा था कि आइएनडीआइए गठबंधन केवल लोकसभा चुनाव तक था, अब उनका किसी से कोई गठबंधन नहीं है। वह अकेले चुनाव लड़ेंगे। इस बयान से चंडीगढ़ के राजनीतिक गलियारे में भी गठबंधन को लेकर चर्चा शुरू हो गई है।

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    चर्चा इस बात की है कि जब केजरीवाल ने बिहार चुनाव अकेले लड़ने की घोषणा कर दी है और आइएनडीआइए गठबंधन अब नहीं होने की बात कह दी है तो चंडीगढ़ में कांग्रेस-आप गठबंधन का भविष्य क्या होगा। आप और कांग्रेस गठबंधन चंडीगढ़ में आगे रहेगा या नहीं।

    यदि गठबंधन टूटता है तो अगले वर्ष होने वाले मेयर चुनाव में समीकरण बदल जाएंगे और भाजपा फिर अपना मेयर बनाने में सफल होगी। आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस से गठबंधन करके चंडीगढ़ में पहली बार अपना मेयर बनाया था। इसके बाद दोनों दलों ने साथ मिलकर लोकसभा चुनाव में भी भाजपा प्रत्याशी संजय टंडन को हराया था। कांग्रेस प्रत्याशी मनीष तिवारी सांसद बने।

    हालांकि 2025 में गठबंधन नंबर अधिक होने के बाद भी अपना मेयर बनाने में कामयाब नहीं हो सका था। भाजपा की प्रत्याशी हरप्रीत कौर बबला मेयर बनी थीं। केजरीवाल के अहमदाबाद में दिए बयान से चंडीगढ़ के गठबंधन पर कोई असर पड़ेगा या नहीं, इस पर दोनों तरह के कयास लग रहे हैं। भाजपा नेता इसे गठबंधन नहीं बल्कि सीधे डील बताते रहे हैं।

    यह भी हो सकता है कि बिहार और गुजरात जैसे राज्यों में भले आप-कांग्रेस चुनाव अलग लड़ें, लेकिन चंडीगढ़ में मेयर की कुर्सी के लिए गठबंधन जारी रख सकते हैं। इससे पहले पंजाब को लेकर भी ऐसा हो चुका है। पंजाब के नेता चंडीगढ़ गठबंधन को हमेशा तोड़ने की बात करते रहे।

    विशेष रूप से कांग्रेस नेता पंजाब में आप सरकार पर विभिन्न आरोप लगाकर गठबंधन तोड़ने के बयान देते रहे, बावजूद इसके चंडीगढ़ में गठबंधन पर असर नहीं हुआ।