Chandigarh University Video Case: रंकज की फोटो लगा छात्रा को ब्लैकमेल कर रहा था फौजी संजीव, रिलेशनशिप की भी चर्चा
Chandigarh University Video case चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के गर्ल्स हास्टल में बाथरूम में नहाते समय छात्राओंं के वीडियो बनाने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। इस मामले में गिरफ्तार किए गए सेना के जवान ने कहा है कि वह रंकज वर्मा का फोटो लगाकर छात्रा को ब्लैकमेल कर रहा था।
मोहाली, जेएनएन । Chandigarh University Video Case : चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के गर्ल्स हास्टल में बाथरूम में नहाते समय छात्राओं के वीडियो बनाने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। इस मामले में अरुणाचल प्रदेश से गिरफ्तार सेना का जवान संजीव सिंह ही मास्टरमाइंड था और वह हिमाचल प्रदेश के युवक रंकज वर्मा का फोटो लगाकर इंटरनेट पर अपनी प्रोफाइल बनाकर वीडियो बनाने वाली छात्रा को ब्लैकमेल कर रहा था। बता दें कि रंकज वर्मा को भी इस मामले में आरोपित है और पुलिस ने उसे शिमला से गिरफ्तार किया था।
आरोपित छात्रा के साथ रिलेशनशिप में था सेना का जवान संजीव
दूसरी ओर , सूत्रों के अनुसार सेना का जवान संजीव सिंंह वीडियो बनाने की आरोपित छात्रा से रिलेशनशिप में था। उनकी दोस्ती इंटरनेट मीडिया पर हुई थी। हालांकि पुलिस ने इसकी अभी कोई पुष्टि नहीं की है। बताया जाता है कि रिलेशनशिप के दौरान संजीव ने एक अन्य अकाउंट बनाकर उस पर रंकज का फोटो लगा दिया और छात्रा को ब्लैकमेल करने लगा।
इस मामले में गिरफ्तार सेना के जवान ने अदालत में कहा- रंकज वर्मा बेगुनाह है
संजीव सिंह ने सोमवार को अदालत में जोर-जोर से कहा कि हिमाचल प्रदेश निवासी रंकज वर्मा का इस मामले में कोई लेनादेना नहीं है। उसी ने इंटरनेट मीडिया प्रोफाइल से रंकज की फोटो ली थी और उसी का प्रयोग कर छात्रा को ब्लैकमेल करता रहा। रंकज वर्मा ने स्वयं को निर्दोष बताते हुए जमानत अर्जी दायर की, जिस पर मंगलवार को सुनवाई होगी।
बता दें कि 17 सितंबर को चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के छात्रावास में छात्राओं का वीडियो बनाने का मामला उजागर हुआ था, जिसमें वीडियो बनाने वाली एमबीए छात्रा समेत चार आरोपित गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इनमें फौजी संजीव सिंह जम्मू के सांबा का रहने वाला है और इन दिनों अरुणाचल प्रदेश में तैनात है।
एसआइटी ने सभी आरोपितों को सोमवार को खरड़ अदालत में पेश किया और सात दिन का पुलिस रिमांड मांगा। अदालत ने पांच दिन का ही रिमांड दिया। एसआइटी ने दलील दी कि संजीव के साथ अन्य आरोपितों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करनी है। आरोपित के मोबाइल से आपत्तिजनक सामग्री मिली है। उसकी सीएफएलएल से जांच रिपोर्ट अभी नहीं आई है।
एसआइटी की ओर से बताया गया कि संजीव के पास से मिले तीन मोबाइल फोन में एक में वही नंबर (6269275576) चल रहा था, जिस पर छात्रा ने वीडियो और फोटो भेजी थी। रंकज का टूरिज्म का बिजनेस है, फेसबुक व इंस्टाग्राम प्रोफाइल के जरिये उसे अपने बिजनेस में मदद मिलती है। रंकज इन पर अपनी प्रोफाइल पर एडवरटाइजमेंट शेयर करता है, जिसमें वह अक्सर शिमला के टूरिस्ट पैकेज शेयर करता है। संजीव ने वहीं से रंकज की फोटो उठाई और अपने नंबर की डीपी पर लगा ली।
एसआइटी ने बताया कि इसी नंबर से छात्रा को ब्लैकमेल किया जा रहा था। रंकज के वकील ने कोर्ट में कहा कि फौजी संजीव की करतूत के कारण ही रंकज मामले में झूठा फंसा। क्रास एग्जामिनेशन के दौरान सन्नी व छात्रा दोनों ही रंजक को पहचानने से इन्कार कर चुके हैं।
सेना का जवान कोर्ट में हाथ उठाकर बोला- मैं कुछ बताना चाहता हूं..
अदालत में जब पुलिस दलीलें रख रही थी तभी सेना के जवान संजीव सिंह ने हाथ उठाकर कहा कि वह कुछ कहना चाहता है। अदालत की इजाजत पर उसने बताया कि रंकज का इस मामले से कोई लेनादेना नहीं है। उसे छोड़ दिया जाए।