Amritpal Singh News: शादी के लिए लड़की वाले देखने आ रहे थे मेहमान, लेकिन पहुंचा अमृतपाल; खाना खाकर हुआ फरार
गुरुद्वारे के ग्रंथी के पत्नी ने बताया कि बेटे को देखने लड़की वाले आ रहे थे इसलिए उनके लिए खाना बनाया था लेकिन अमृतपाल व उसके साथियों वे वह खाना खा लिया। इसके बाद भागते समय ग्रंथी के फोन से अमृतपाल ने कुछ लोगों को फोन किए।
जालंधर, जागरण संवाददाता। शनिवार को जिस समय पुलिस अमृतपाल की मर्सडीज का पीछा कर रही थी उसे महितपुर में ढूंढ रही थी उस समय अमृतपाल शाहकोट-मोगा हाईवे पर बाजवा कलां गांव के पास बने फ्लाईओवर के नीचे से मर्सडीज छोडकर एक पंजाबी अखबार के पत्रकार की ब्रेजा कार में बैठकर पुलिस से बचकर भाग निकला था। वहां से अमृतपाल को गांव के ही मनप्रीत नामक युवक ने दादोवाल गांव तक पहुंचाया था। वहां के नशा उन्मूलन केन्द्र में अमृतपाल ने जाकर युवकों से कपड़ों की मांग की तो उन्होंने उसे वहां से भगा दिया। इसके बाद मनप्रीत उसे वहां से नंगलअंबिया गांव में बने गुरुद्वारे में लेकर पहुंचा।
इसी गुरुद्वारे में हथियारों के बल पर अमृतपाल ने एक घंटा गुजारा था। गुरुद्वारे से निकलने के बाद अमृतपाल को बाइक पर लेने आए दो युवकों ने नंगल अंबिया के स्मारक के पास ब्रेजा कार से बाइक पर बैठाकर वहां से निकल गए थे। पुलिस के घटना के 72 घंटे बाद पुलिस के साथ लगी अमृतपाल की सीसीटीवी फुटेज के बाद पुलिस की जांच अब फिरोजपुर की तरफ मुड गई है। नंगल अंबिया गांव से यह सड़क फिरोजपुर और मोगा दोनो रास्तों पर जाकर मिलती है। वहां से बठिंडा या राजस्थान भी निकला जा सकता है।
पुलिस 72 घंटों तक अमृतपाल की तलाश सड़क की दूसरी तरफ करती रही, लेकिन अमृतपाल सड़क की नंगल अंबिया गांव वाली साइड पर पुलिस के चंगुल से बचने के बाद एक घंटे तक रुक कर भागने की रणनीति बनाता रहा। नंगल अंबिया गुरुद्वारे से भागने के बाद अमृतपाल के सभी साथे अलग-अलग दिशा में बाइक से निकल गए। ब्रेजा कार लेकर बिल्लियां चक गांव की तरफ दो युवक निकल गए। गांव में ही एक घर में ब्रेजा कार को छिपा दिया गया। ब्रेजा कार नंबर PB02EE3343 नंबर एक पंजाबी अखबार के पत्रकार के नाम पर पंजीकृत है। पुलिस को इस पत्रकार की भी तलाश है। इसी के साथ बाइक पर बैठकर अमृतपाल किसी अज्ञात स्थल की तरफ नंगिल अंबिया से भागा था।
ग्रंथी के बेटे की शादी के लिए उसे लड़की वाले देखने आने वाले थे, लेकिन पहुंचा अमृतपाल
शनिवार को जिस समय अमृतपाल गुरुद्वारा नंगल अंबिया पहुंचा उसी समय ग्रंथी रंजीत सिंह के बेटे जितेंदर सिंह को शदी के लिए देखने के लिए लड़की वाले आने वाले थे। ग्रंथी की पत्नी नरिंदर कौर ने बताया कि उसने सोचा लड़की वाले आए हैं। गुरुद्वारा पहुंचे ही अमृतपाल ने पूछा ग्रंथी है तो उन्होंने उसे लड़की वाला समझ कर अंदर बुला लिया।
हथियार के बल पर डराकर रुका एक घंटाग्रंथी के परिवार ने बताया कि अमृतपाल व उसके साथ आए चार युवकों के पास राइफल व पिस्तौल तथा बहुत ढेर सारे कारतूस थे। उन्होंने ग्रंथी के परिवार को हथियार दिखाकर डरा दिया था। अमृतपाल सीधे टायलेट करने चला गया और एक युवक ग्रंथी के कमरे में चला गया। टायलेट से निकलने के बाद अमृतपाल ने गुरुद्वारे में मत्थाटेका और खाना बनाने को कहा। इस दौरान वह किसी को फोन करके वहां पर बुला रहे थे।
बेटे के कपड़े व ग्रंथी की जैकेट पहनकर भागा अमृतपाल
अमृतपाल के साथियों ने ग्रंथी के कमरे में जबरन घुसकर उनके बेटे जतिंदर के कपड़े ले लिए। बेटे की पिंक (गुलाबी रंग) की पगड़ी भी ले ली। उसे अमृतपाल ने पहना। इसके बाद जैकेट मांगी तो कील पर टंगी ग्रंथी की जैकेट जबरन उठाकर पहन ली। जैकेट ओवरसाइज थी, लेकिन फिर भी अमृतपाल ने पहन ली। इसी गुरुद्वारे में अमृतपाल ने अपना हुलिया बदला और उपने कपड़ों को एक पालीथिन के बैग में डालकर अमृतपाल व उसके साथी मौके से निकल गए। १०० मीटर दूर नंगल अंबिया के स्मारक के पास सड़क पर खड़ी ब्रेजा के पास जब अमतपाल पहुंचा तो दो बाइक सवार और एक स्कूटी सवार व्यक्ति पहले से वहां पहुंचे हुए थे। वहीं पर ब्रेजा से कुछ सामान निकाल कर अमृतपाल मौके से बाइक पर पीछे बैठकर फरार हो गया।
लड़की वालों के लिए बना था खाना, लेकिन खा गया अमृतपाल
गुरुद्वारे के ग्रंथी के पत्नी ने बताया कि बेटे को देखने लड़की वाले आ रहे थे इसलिए उनके लिए खाना बनाया था, लेकिन अमृतपाल व उसके साथियों वे वह खाना खा लिया। इसके बाद भागते समय ग्रंथी के फोन से अमृतपाल ने कुछ लोगों को फोन किए। नंगल अंबिया के स्मारक के पास अमतपाल ने फोन फेंक दिया और बाइक पर आए युवकों के साथ बैठकर निकल गया।