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    Chandigarh University MMS Case: छात्रा सहित तीनों आरोपित सात दिन की पुलिस रिमांड पर, गुजरात व मुुंबई से जुड़े तार

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Mon, 19 Sep 2022 07:39 PM (IST)

    Chandigarh University MMS Case माेहाली के चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के गर्ल्‍स हास्‍टल एमएमएस कांड में गिरफ्तार छात्रा और दो युवकों को अदालत में पेश किया गया। अदालत ने तीनों को सात दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया गया है। मामले के तार अब मुंबई और गुजरात से जुड़ रहे हैं।

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    Chandigarh University MMS Case: गिरफ्तार की गई आरोपित छात्रा व दो युवकों को अदालत में पेश किया गया। (जागरण)

    मोहाली, जेएनएन। Chandigarh University MMS Case: चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के गर्ल्‍स हास्‍टल में नहाने के दौरान छात्राओं का वीडियो बनाए जाने के मामले में गिरफ्तार आरोपत युवती और दो युवकों को अदालत ने सात दिन की पुलिस रिमांड में दिया है। मामले के तार गुजरात और मुंबई से जुड़ गए हैं। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।    

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    तीनों आरोपितों को पुलिस ने खरड़ की अदालत में पेश किया। ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट फर्स्‍ट क्लास निधि सैनी की अदालत में पुलिस ने तीनों आरोपितों के 10 दिन के पुलिस रिमांड की मांग की। पु‍लिस ने कहा कि आरोपितों के मोबाइल फोन पर गुजरात व मुंबई से भी फोन काल्स आई हैं। उनका इनसे क्या कनेक्शन है इस संबंध में पूछताछ करनी है।

    चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी एमएमएस केस के आरोपितों को अदालत में पेश करने लेकर आई पुलिस। (जागरण)

    वहीं, अदालत में पुलिस ने यह भी तर्क दिया कि इस मामले में एक चौथा शख्स भी है, जो कि युवती को ब्लैकमेल कर रहा था। उसे भी गिरफ्तार करना बाकी है। वहीं, युवती अपने ब्वायफ्रेंड सनी को जो वीडियो भेजती थी, उस वीडियो को सनी एक डिवाइस में स्टोर करता था। सनी से वह डिवाइस रिकवर करनी है।

    पुलिस की दलील सुनने के बाद अदालत तीनों आरोपितों को सात दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया। बचाव पक्ष की ओर से एडवोकेट संदीप शर्मा कोर्ट में पेश हुए। बता दें कि वीडियो बनाने वाली युवती को चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी से गिरफ्तार करने के बाद उसके 23 वर्षीय ब्वायफ्रेंड सन्नी को रोहडू (हिमाचल प्रदेश) व रंजत वर्मा गांव को ढली से गिरफ्तार किया था।

    अदालत में दूसरे वीडियो का हुआ खुलासा

    अब तक प्रशासन व पुलिस यह कहती आई कि युवती ने एक ही वीडियो बनाया था, वह भी उसका खुद का था,  लेकिन आज अदालत में खुलासा हुआ कि युवती ने दो वीडियो बनाए थे। दूसरे वीडियो पर बातचीत करते युवती के वकील एडवोकेट संदीप शर्मा ने कहा कि जो दूसरी वीडियो सामने आई है उसमें किसी का फेस नजर नहीं आ रहा और वह वीडियो वायरल नहीं हुआ है।

    चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी मामले में कोर्ट में पेश करने लाया गया आरोपित। (जागरण)

    वहीं, उन्होंने यह भी खुलासा किया सन्नी और रंजत काफी अच्छे दोस्त हैं। रंजत का इस मामले में कोई लेना-देना नहीं है। जिस चौथे शख्स ने युवती को ब्लैकमेल कर यह वीडियो बनवाए हैं उसने अपने आईपी एड्रेस पर रंजत की फोटो लगाई हुई थी, जो युवती से रंजत बनकर चैटिंग कर रहा था।

    तीनों के मोबाइल फोरेंसिक लैब भेजे

    युवती सहित तीनों आरोपितों के मोबाइल जांच के लिए फारेंसिक लैब भेजे गए हैं। अब तक की जांच में सामने आया है कि तीनों ने अपने मोबाइल से वीडियो डिलीट की हुई हैं। डाटा रिकवर करने के लिए एक आइटी एक्सपर्ट टीम काम कर रही है। वहीं, फोरेंसिक लैब में मोबाइलों की जांच होगी। इसकी रिपोर्ट चार दिन में मिलेगी। पुलिस इस मामले की जांच भी कर रही है कि इस मामले में उनके गिराह में और कौन-कौन शामिल हैं।

    कौन सही, कौन गलत.. तीनों सरकारी स्टेटमेंट्स में अलग-अलग बयान

    चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में अश्लील वीडियो मामले के बाद पुलिस प्रशासन, अदालत व एफआइआर तीनों में दर्ज की गई स्टेटमेंट अलग-अलग है। एक तरफ यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट्स का कहना है कि 60 युवतियों की वीडियो वायरल हुई। दूसरी तरफ पुलिस, प्रशासन व यूनिवर्सिटी प्रबंधकों का कहना है कि एक वीडियो बनी थी, वह भी वीडियो बनाने वाली युवती की थी।

    तीसरी तरफ पुलिस ने जो एफआइआर दर्ज की उसमें छह युवतियों की वीडियो बनाए जाने का जिक्र किया गया है। एफआइआर में इन युवतियों के बकायदा नाम भी पुलिस ने दर्ज किए। पुलिस ने आफिशियल स्टेटमेंट में भी एक युवती के वीडियो बने होने की बात कही। अदालत में आज दो वीडियो बने होने की बात सामने आई, जिसमें कहा गया कि दूसरी वीडियो बनी जरूर है, लेकिन उसमें फेस नहीं दिखाई दे रहा। सवाल उठता है कि आखिर पुलिस सच क्यों छिपा रही है।

    इन धाराओं में इतनी सजा

    तीनों आरोपितों के खिलाफ खरड़ थाने में आइपीसी की धारा 354 सी (किसी को छिपकर देखना) व 66ई (किसी आपत्तिजनक चीज को इंटरनेट पर फैलाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस धाराओं के तहत एक से तीन साल तक की कैद की सजा का प्राविधान है और अगर दोबारा से इसी धाराओं के तहत मामला दर्ज होगा तो सात साल तक की कैद की सजा का प्राविधान है।