Move to Jagran APP

कांग्रेस सरकार के विरुद्ध 'जबर विरोधी लहर' चलाएगा अकाली दल

कांग्रेस की ओर से अकाली कार्यकर्ताओं पर किए जा रहे अत्याचार के विरुद्ध अकाली दल ने कांग्रेस सरकार के विरुद्ध 'जबर विरोधी लहर' चलाने का फैसला किया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 20 Jul 2017 09:59 AM (IST)Updated: Thu, 20 Jul 2017 10:01 AM (IST)
कांग्रेस सरकार के विरुद्ध 'जबर विरोधी लहर' चलाएगा अकाली दल
कांग्रेस सरकार के विरुद्ध 'जबर विरोधी लहर' चलाएगा अकाली दल

जेएनएन, चंडीगढ़। एक दशक के बाद अकाली दल एक बार फिर सड़कों पर होगा। कांग्रेस की ओर से अकाली कार्यकर्ताओं पर किए जा रहे अत्याचार के विरुद्ध अकाली दल ने कांग्रेस सरकार के विरुद्ध 'जबर विरोधी लहर' चलाने का फैसला किया है। यह फैसला शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) की बैठक में लिया गया। इस लहर की शुरुआत पार्टी अध्यक्ष सुखबीर बादल 25 जुलाई को डेरा बाबा नानक से करेंगे।

prime article banner

पीएसी में पास किए गए प्रस्ताव पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि कांग्रेस ने इस बात के लिए बाध्य किया है कि अकाली दल जबर विरोधी लहर चलाए। क्योंकि कांग्रेस की ओर से अकाली दल के कार्यकर्ताओं को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 25 जुलाई को इसकी शुरुआत होगी और पार्टी अध्यक्ष सुखबीर बादल पूरे राज्य में घूम-घूम कर उन कार्यकर्ताओं से मिलेंगे, जिन्हें निशाना बनाया गया है।

कार्यकर्ताओं की शिकायतें सुनेंगे

पूर्व मुख्यमंत्री ने अकाली कार्यकर्ताओं की समस्याएं सुनने का भी जिम्मा उठा लिया है। उन्होंने कहा कि एक महीने में दो बार पार्टी कार्यालय में दो-दो दिन कार्यकर्ताओं की शिकायतों को सुनने के लिए मिलेंगे। पहली ऐसी बैठकें 1 और 2 और 16 और 17 अगस्त को होंगी।

एसवाईएल पर समझौता नामंजूर

एसवाईएल पर बादल ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह अगर एसवाईएल पर कोई समझौता करते हैं, तो अकाली दल को यह मंजूर नहीं होगा। एसवाईएल को दोबारा बनाने की कोशिश करना व्यर्थ है। क्योंकि पंजाब में अब एसवाईएल है ही नही। पूर्व अकाली-भाजपा सरकार पहले ही एसवाईएल को लेकर अधिगृहीत की गई जमीन किसानों को वापस कर चुकी है।

जिलों में बनेंगी कमेटियां

पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल ने कहा कि कांग्रेस की ओर से निशाना बनाए गए कार्यकर्ताओं के साथ पार्टी कंधे से कंधा जोड़ कर खड़ी है। किसी भी प्रकार की ज्यादती से निपटने के लिए हर जिले में कमेटियां गठित की जाएंगी। बैठक में एसएसपीसी अध्यक्ष किरपाल सिंह बडूंगर, निर्मल सिंह काहलों, चरणजीत सिंह अटवाल, अजीत सिंह कोहाड़, सिकंदर सिंह मलूका, जनमेजा सिंह सेखों, बीबी जगीर कौर, सेवा सिंह सेखवां, गुलजार सिंह रणीके, सुरजीत सिंह रखड़ा, दलजीत सिंह चीमा आदि उपस्थित थे।

पीसीए ने खारिज किया आयोग

पीएसी ने कांग्रेस सरकार की ओर से बनाए गए जस्टिस (सेवानिवृत्त) रणजीत सिंह और मेहताब सिंह आयोग को खारिज करते हुए कहा कि उन्हें इनसे न्याय की उम्मीद नहीं है। पीएसी ने एक प्रस्ताव में कहा कि पूर्व न्यायाधीशों से न्याय की कोई उम्मीद नहीं की जा सकती। रणजीत सिंह कांग्रेस विधायक हरप्रताप अजनाला के भाई हैं। उन्हें एक सेवा न्यायाधीश के तौर पर एसएडी के खिलाफ पूर्वाग्रह दिखाने के लिए भी जाना जाता था। मेहताब सिंह के मामले में यह पता चला कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ उनके निकटता को इस तथ्य से देखा जा सकता है कि उन्होंने मोगा लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के नेता को रहने के लिए अपने घर सौंप दिया था।

यह भी पढ़ें: लंगर पर भिड़े सुखबीर और मनप्रीत बादल, लपेटे में भाभी हरसिमरत भी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.