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    अकाली दल ने नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने के CM मान के फैसले की निंदा की, कहा- राज्य के लिए आत्मघाती

    Updated: Thu, 25 Jul 2024 11:19 PM (IST)

    Punjab Politics नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने पर शिरोमणि अकाली दल ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सीएम मान का यह फैसला राज्य के हितों के लिए आत्मघाती होगा। शिअद नेता ने दलजीत चीमा ने कहा कि पंजाब के पक्ष में फैसला लेने और बैठक में भाग लेने के बजाय सीएम मान ने इसका बहिष्कार करना चुना है।

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    Punjab Politics: अकाली दल का सीएम मान के फैसले का विरोध, नीति आयोग के बहिष्कार के फैसले को लें वापस।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने नीति आयोग की आगामी बैठक का बहिष्कार करने के मुख्यमंत्री भगवंत मान के फैसले की निंदा की। शिअद ने कहा कि यह राज्य के हितों के लिए आत्मघाती होगा। शिअद के वरिष्ठ नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा नीति आयोग की बैठक एक ऐसा मंच है, जिसमें राज्य केंद्र की विभिन्न नीतियों और कार्यक्रमों पर इनपुट देते हैं।

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    यह राज्य विशेष योजनाओं की आवश्यकता को विस्तृत करने और सभी के लिए एक ही सूत्र के तहत केंद्रीय योजनाओं को हतोत्साहित करने का अवसर है। यह पंजाब की विशेष जरूरतों को स्पष्ट करने और आयोग को केंद्र सरकार को उचित सिफारिशें करने के लिए राजी करने का भी अवसर है। दलजीत चीमा ने कहा कि पंजाब के पक्ष में फैसला लेने और बैठक में भाग लेने के बजाय मान ने राजनीति करना और कांग्रेस के साथ मिलकर इसका बहिष्कार करना चुना है।

    'बहिष्कार करने का निर्णय तुरंत वापस लें'

    इस निर्णय का कोई औचित्य नहीं होने पर जोर देते हुए शिअद नेता ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि इतना कठोर कदम उठाने से पहले मुख्यमंत्री ने न तो विधानसभा को विश्वास में लिया और न ही उन्होंने राज्य के राजनीतिक दलों से परामर्श किया। मुख्यमंत्री से पंजाब का पक्ष ठीक से तैयार करने और नीति आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने को कहते हुए चीमा ने कहा कि बैठक का बहिष्कार करने का निर्णय तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।

    'पंजाब के हितों का बलिदान न दें'

    उन्होंने कहा कि पंजाब को केंद्रीय बजट 2024 में राज्य की अनदेखी के लिए केंद्र सरकार को जवाबदेह ठहराने के लिए उपलब्ध मंच का उपयोग करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आगे की नीतियां और कार्यक्रम तैयार करते समय इसे फिर से नजरअंदाज न किया जाए। चीमा ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री को अपने संवैधानिक कर्तव्यों से भागना नहीं चाहिए और कांग्रेस पार्टी की लाइन पर चलकर पंजाब के हितों का बलिदान नहीं करना चाहिए।

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