Sidhu Moose Wala Murder: सिद्धू मूसेवाला की हत्या में एके-47 राइफल सहित अन्य हथियार का इस्तेमाल
Sidhu Moose Wala Murder पंजाबी गायक व कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला की हत्या में एके 47 राइफल सहित कई हथियारों का इस्तेमाल किया गया था। जांच में खुलासा हुआ है कि सिद्धू मूसेवाला को सीधे सात गाेलियां लगी थीं और उनकी थार गाड़ी पर 25 गाेलियां चलाई गई थीं।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Sidhu Moose Wala Murder : पंजाबी गायक और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला की हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियारों की फोरेंसिक रिपोर्ट आ गई है। रिपोर्ट के मुताबिक मूसेवाला की हत्या एके-47 राइफल के अलावा प्वाइंट 30 बोर और नौ एमएम पिस्टल का इस्तेमाल हुआ। उल्लेखनीय है कि पहले रूसी हथियार एएन-94 के इस्तेमाल होने की बात सामने आई थी, लेकिन अब साफ हो गया है कि हत्या में कौन-कौन से हथियार इस्तेमाल किए गए। सात गोलियां सीधे मूसेवाला को लगी। उनकी थार गाड़ी पर 25 फायर किए गए।
जांच में खुलासा- प्वाइंट 30 बोर व नौ एमएम पिस्टल का भी प्रयोग, मूसेवाला को लगींं सात गोलियां
शूटर्स ने मूसेवाला पर अंधाधुंध फायरिंग की चली गोलियों के खोल आसपास के घरों, दीवारों, घरों, खेतों में मिले। इस हत्याकांड में इस्तेमाल किए गए हथियारों को पुलिस बरामद नहीं कर सकी है। कत्ल के बाद हरियाणा से कोई व्यक्ति शूटर्स से यह हथियार लेकर चला गया।
अभी तक पकडे़ गए 18 आरोपित, इनमें तीन शूटर, बाकी पकड़ से दूर
सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में साजिश रचने और मदद करने वाले 18 आरोपितों को पुलिस की ओर से गिरफ्तार किया जा चुका है। हालांकि, इस केस में पंजाब पुलिस की ओर से एक भी शूटर को नहीं पकड़ा जा सका है। हत्याकांड को अंजाम देने के लिए छह शूटरों ने सिद्धू पर गोलियां चलाई, जिनमें से प्रियव्रत फौजी, कशिश, अंकित सेरसा को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि जगरूप रूपा, मनप्रीत मन्नू कुस्सा और दीपक मुंडी अभी फरार हैं।
जग्गू भगवानपुरिया के जरिए पहुंचाए हथियार
एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स लारेंस और जग्गू भगवानपुरिया से पूछताछ कर रही है। पूछताछ में सामने आया है कि हत्या में इस्तेमाल हथियार जग्गू भगवानपुरिया के जरिए कातिलों तक पहुंचाए गए थे। शूटर मनप्रीत सिंह मन्नू कुस्सा और जगरूप रूपा से भी भगवानपुरिया के लिंक थे।
अब पुलिस इस बात की पूछताछ कर रही है कि कत्ल को अंजाम देने के बाद आरोपितों से हथियार कौन लेकर गया, ताकि हथियारों की रिकवरी की जा सके। इस मामले में दिल्ली पुलिस की ओर से कुछ हथियार भी रिकवर किए गए थे, लेकिन जो हथियार रिकवर किए गए थे वह किसी दूसरी साजिश का हिस्सा था।
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