96 साल पुरानी अंतरराष्ट्रीय संधि के तहत एयरलाइन पर जुर्माना, गुम किया था बैग
दिल्ली से फुकेट जा रहे एक परिवार का बैग स्पाइसजेट की लापरवाही से गुम हो गया जो बाद में लेह में मिला। चंडीगढ़ के जिला उपभोक्ता आयोग ने एयरलाइन पर 11493 रुपये का जुर्माना लगाया। आयोग ने सेवा में कमी मानते हुए 15 हजार रुपये का मुआवजा भी देने का आदेश दिया। यह फैसला 1929 की वारसा कन्वेंशन के आधार पर लिया गया।

रवि अटवाल, चंडीगढ़। दिल्ली से फुकेट (थाईलैंड) जा रहे एक परिवार को एयरलाइन की लापरवाही के कारण बेहद परेशान होना पड़ा। सेक्टर-37 के रहने वाले अश्वनी सोनी अपने परिवार के साथ थाईलैंड गए थे। वहां फुकेट एयरपोर्ट पर उनका बैग गुम हो गया। करीब 20 दिन बाद उन्हें पता चला कि उनका बैग गलती से लेह पहुंच गया था।
यह गलती स्पाइस जेट एयरलाइन को काफी महंगी साबित हुई है। चंडीगढ़ जिला उपभोक्ता आयोग ने एयरलाइन को सेवा में कोताही का दोषी ठहराते हुए 15 हजार रुपये मुआवजा और 140 यूएस डालर यानी 11,993 रुपये जुर्माना अदा करने के निर्देश दिए।
उपभोक्ता आयोग ने 96 साल पुरानी एक अंतरराष्ट्रीय संधि का हवाला देते हुए एयरलाइन पर यह जुर्माना लगाया। यह संधि थी 'वारसा कन्वेंशन 1929' जिसे 12 अक्टूबर 1929 को पोलैंड की राजधानी वारसा में बनाया गया था और 1933 में लागू किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन के नियमों को समान बनाना और किसी यात्री की मृत्यु, चोट, देरी या उनके सामान की क्षति पर जुर्माना तय करना था।
इस संधि के तहत एयरलाइन को यात्री का बैग गुम होने पर 20 डालर प्रति किलो जुर्माना देना पड़ता है। इस मामले में शिकायतकर्ता के बैग का वजन सात किलो था। ऐसे में एयरलाइन पर 140 डालर यानी 11,993 भारतीय रुपये जुर्माना लगाया गया।
20 दिनों बाद एयरलाइन ने बताया था बैग के बारे में
अश्वनी ने शिकायत में बताया कि वह 25 जून 2024 को परिवार के साथ स्पाइस जेट एयरलाइन से फुकेट जा रहे थे। जब वह फुकेट पहुंचे तो उनका एक बैग गुम हो गया। उन्होंने तुरंत एयरलाइन को सूचित किया, लेकिन आगे से कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला। उन्होंने एयरलाइन के पास प्रापर्टी इरेगुलेरिटी रिपोर्ट दर्ज करवा दी। करीब 20 दिनों बाद एयरलाइन ने उन्हें ई-मेल भेजकर बताया कि उनका बैग गलती से लेह पहुंच गया है।
कोई और यात्री ले गया था बैग
एयरलाइन ने शिकायतकर्ता को बताया कि उनकी कोई गलती नहीं है। साथ ही कहा कि वह इसके लिए फुकेट एयरपोर्ट से संपर्क करें जबकि शिकायतकर्ता और उनका परिवार तो पांच दिन बाद ही फुकेट से भारत लौट आया था। इन पांच दिनों में बैग के गुम होने के कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। ऐसे में उन्होंने एयरलाइन के खिलाफ चंडीगढ़ जिला उपभोक्ता आयाेग में केस दायर कर दिया।
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