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    पंजाब सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के बाद बदला रिश्वत लेने का ट्रेंड, ऑनलाइन पेमेंट के जरिए हो रहा भ्रष्टाचार

    By Deepak SaxenaEdited By: Deepak Saxena
    Updated: Sat, 16 Sep 2023 10:34 AM (IST)

    पंजाब में मान सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के बाद रिश्वत लेने का ट्रेंड बदल गया है। विजिलेंस टीम के खुलासे में सामने आया है कि अब रिश्वत का रुपया कैश में न लेकर बल्कि इसका ऑनलाइन पेमेंट करवाया जा रहा है। भ्रष्ट अधिकारी रिश्वत का पैसा ऑनलाइन माध्यम (Online Payment) से अपने रिश्तेदारों के अकाउंट पर करवा रहे हैं।

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    पंजाब सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के बाद बदला रिश्वत लेने का ट्रेंड।

    चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो: पंजाब में रिश्वतखोरी को लेकर मान सरकार की जीरो टॉलरेंस (Zero Tolerance) नीति के बाद अब रिश्वत लेने का ट्रेंड बदल गया है। विजिलेंस की टीम में इस बात का खुलासा किया गया है कि रिश्वत लेने वाले अब कैश में डील न करके ऑनलाइन पेमेंट के साधनों से भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं।

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    विजिलेंस टीम (Vigilance Team) ने इस तरह के मामलों में एक दर्जन से ज्यादा एफआईआर पिछले एक साल में दर्ज की है। इसमें रिश्वत लेने वाले सरकारी कर्मचारियों की ओर से रिश्वत का पैसा ऑनलाइन पेमेंट के जरिए अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के खातों में जमा करवाए गए हैं।

    ऐसे हुआ मामलों का खुलासा

    ब्यूरो की ओर से बीते जून कॉरपोरेपेशन के सब डिवीजन ऑफिसर मोहन लाल लाइनमैन को 34,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा। लुधियाना के एक व्यक्ति का बिजली का कनेक्शन न काटने के लिए ली गई धनराशि गूगल पे के जरिए ली गई। मोहन लाल को पांच हजार रुपये रिश्वत लेने पर ब्यूरो ने पकड़ा। लेकिन जांच के बाद पता चला कि बाकी की राशि गूगल पे के जरिए ली गई।

    कई मामले आ चुके हैं सामने

    वहीं, बीते मई महीने में जांलधर के हेड कांस्टेबल रघुनाथ सिंह को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इस मामले में भी रिश्वत का पैसा गूगल पे के जरिए ही लिया गया। इस मामले में शिकायतकर्ता उत्तराखंड का था, जिससे विसरा रिपोर्ट को लेकर रिश्वत की राशि ली गई। बीते अगस्त माह में मलेरकोटला में सिकंदर नाम के शिकायतकर्ता ने अपने मैरिज प्रमाण पत्र में नाम ठीक करवाने के लिए संपर्क किया। जिसके लिए सरकारी कर्मचारी मंगलदीप ने 7500 रुपये की रिश्वत ली। यह पैसा गूगल पे के जरिए अपने किसी जानकार के खाते में डलवाई गई।

    ऑनलाइन मामलों में सजा दिलवाना आसान

    विजिलेंस ब्यूरो के अधिकारियों का कहना है कि ऐसे कई मामले है। जिनमें ऑनलाइन एप के जरिए रिश्वत लेने का पता चला है। इन मामलों में रिश्वत लेने वालों का सजा दिलवाना आसान होता है। ध्यान रहे कि राज्य में आप की सरकार बनने के बाद एंटी करप्शन हेल्पलाइन शुरू की गई थी। जिसके बाद लगातार रिश्वत लेने वालों पर शिकंजा कसा जा रहा है। एंटी करप्शन हेल्पलाइन पर भी ऑनलाइन रिश्वत लेने की शिकायतें मिल रही है। जिनकी जांच की जा रही है।

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