हाईकोर्ट की हरी झंडी के बाद कालका में चढ़ा सियासी पारा
नगर परिषद कालका के चुनाव को लेकर पिछले करीब दो वर्ष से चल रही कशमकश पर अब जल्द ही विराम लगने की संभावना प्रबल हो गई है।

राजकुमार, कालका : नगर परिषद कालका के चुनाव को लेकर पिछले करीब दो वर्ष से चल रही कशमकश पर अब जल्द ही विराम लगने की संभावना प्रबल हो गई है। क्योंकि पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने नगर निकाय चुनाव करवाने के लिए सरकार को हरी झंडी दे दी है। इसके साथ ही कालका में अचानक सियासी पारा चढ़ गया है और चुनावी मैदान में उतरने वाले संभावित उम्मीदवार अपनी टिकट सुनिश्चित करने के लिए एक बार फिर अपनी तिकड़म बैठाने में लग गए हैं।
पंचकूला नगर निगम से अलग करके कालका, पिजौर और कुछ गांवों को शामिल करके बनाई गई नगर परिषद कालका के चुनाव को लेकर सियासी दलों के नेताओं सहित स्थानीय लोग भी इंतजार कर रहे हैं। लोगों का तो यह भी मानना है कि चुनाव नहीं होने के कारण कहीं न कहीं विकास कार्यो के साथ-साथ लोगों के निजी कार्यो पर भी असर पड़ रहा है। ऐसे में लोगों को न केवल परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि अन्य कार्य भी अधर में लटक जाते हैं। नेताओं की चल रही तैयारी
नगर परिषद चुनाव को लेकर पिछले करीब एक वर्ष से विभिन्न दलों के स्थानीय नेताओं की चुनाव लड़ने को लेकर तैयारियां चल रही हैं। करीब एक वर्ष के दौरान न केवल यहां समाज सेवियों की भीड़ लग गई है, बल्कि लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए नेताओं ने विभिन्न पर्व एवं अवसरों पर होर्डिग बोर्ड आदि लगाकर बधाइयां देने का दौर भी खूब चल रहा है। चुनावी मैदान में उतरने का मन बनाने वाले लोग जल्द चुनाव होने की बात को ध्यान में रखते हुए अपनी तैयारियों में कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं। नप प्रधान पद को लेकर जजपा व भाजपा के बीच क्या निर्णय होता है यह तो समय ही बताएगा। लेकिन इस बार प्रधान पद भी आजाद उम्मीदवार भी सियासी दलों का गणित बिगाड़ सकते हैं।
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