'शौकीनों' को नहीं मिलेगी पुलिस सुरक्षा, तिकड़मबाज होंगे ब्लैक लिस्ट; इनलोगों पर सरकार की नजर टेढ़ी
हरियाणा में दिखावे के लिए अब किसी को भी पुलिस सुरक्षा नहीं दी जाएगी। ऐसे 'शौकीनों' से सुरक्षाकर्मी तुरंत वापस लिए जाएंगे। जान का खतरा होने पर सीआइडी ज ...और पढ़ें
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हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में अब स्टेटस सिंबल और शो-ऑफ (दिखावा) के लिए किसी को पुलिस सुरक्षा नहीं मिलेगी। ऐसे सभी 'शौकीनों' से सुरक्षाकर्मी तुरंत प्रभाव से वापस लेने के निर्देश दिए गए हैं। जिन लोगों को वास्तव में किसी से जान की सुरक्षा है तो उन्हें न केवल बंदूक का लाइसेंस दिया जाएगा, बल्कि बचाव के लिए ट्रेनिंग भी दिलाई जाएगी।
सुरक्षाकर्मी दिए जाने से पहले सीआइडी जांच कराई जाएगी और रिपोर्ट सही मिलने पर ही सुरक्षा दी जाएगी।कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने इस संबंध में सभी अतिरिक्त पुलिस महानिदेशकों (एडीजीपी), पुलिस महानिरीक्षकों (आइजी), पुलिस आयुक्तों (सीपी), पुलिस अधीक्षक (एसपी), उप पुलिस अधीक्षक (डीएसपी) और थाना प्रभारियों (एसएचओ) को निर्देश जारी कर दिए हैं।
डीजीपी के मुताबिक ऐसे भी लोग हैं जो अपराधियों को प्रश्रय देते हैं, आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं और फिर जान का खतरा होने का रोना रोते हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई करें। अक्सर माल-सिनेमा, शादी-मैयत में कुछ फुकरे लोग पुलिस सुरक्षा का शो-आफ करते दिख जाते हैं।
ऐसे तिकड़मियों को ब्लैक लिस्ट कर दें। फोर्स में वैसे ही मानव बल की कमी रहती है। इन्हें बेकार के काम में लगाने का क्या मतलब है।
आदेशों में कहा गया है कि कानून के पाबंद जिन लोगों को गुंडों से खतरा है, उनकी प्रभावी रक्षा करें। उनसे लगातार संपर्क रखें। बंदूक का लाइसेंस और ट्रेनिंग दिला दें। बचाव के लिए उपाय एवं डेली रूटीन के लिए गाइड करें। निजी सुरक्षा बारीक जांच और सीआइडी के थ्रेट असेसमेंट के बाद ही दें।
ऐसी तैनाती की साप्ताहिक समीक्षा करें। पुलिस का मूल काम है अपनी फोर्स को बदमाशों से भिड़ाए रखना। अगर इनको आपने कुछ ही लोगों के घरों के आगे बिठा दिया तो बाकी आमजन का सुरक्षा घेरा कमजोर पड़ जाएगा।
आंधी-तूफान आते रहेंगे, बचाव खिड़की-दरवाजे बंद करने में
डीजीपी ने पत्र में शायरना अंदाज में लिखा है कि आंधी-तूफान आते रहेंगे, बचाव खिड़की-दरवाजे बंद करने में है। पेशेवर बदमाशों के लिए धमकी-वसूली एक धंधा है। आपको उनकी दुकान बंद करनी है। जो फरार हैं, उन्हें ढूंढ़-ढूंढ़ कर जेल में ठूंसे।
अपने इलाके में रह रहे उनके चेले-चपाटों का पक्का इलाज बांधें। बगैर इनके कुछ नहीं हो सकता। इनको फुल टाइट करें। इसका सबसे कारगर तरीका ये है कि जैसे फुटबाल में होता है। आप गुंडों और उनके गुर्गों की मैन-टू-मैन मार्किंग करें। जेल में हों, बेल पर हों या फरार हों, उन पर लगातार निगरानी रखें।
बदमाशों के पासपोर्ट जब्त किए जाएंगे
डीजीपी ने फील्ड अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जो अपराधी बेल पर बाहर हैं, उनकी अवैध प्रापर्टी जब्त करें। नाजायज कब्जे ढहायें, पासपोर्ट जब्त करें, हिस्ट्री शीट अपडेट करें और उनके मिलने-जुलने वालों का हिसाब रखें।
जो बदमाश आपकी जानकारी में हैं और आपके इलाके में वारदात की हिमाकत कर जाएं तो मैं इसे आपकी कोताही मानूंगा। जो फरार हैं, उन्हें भगोड़ा घोषित कराएं और उनके संपत्ति की कुर्की करें। उनके खिलाफ लुक आउट/रेड कार्नर नोटिस जारी करें, जिनसे वे देश छोड़कर भाग ना जाएं।

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