बंद मोबाइल नंबर को अपने नाम अलाट कर एक्टिवेट की नेट बैंकिंग और निकाल लिए 25 लाख, तीन शातिर काबू
चंडीगढ़ साइबर क्राइम पुलिस ने ऑनलाइन ठगी के मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने एक बंद पड़े मोबाइल नंबर को अपने नाम पर आवंटित कराकर नेट बैंकिंग सक्रिय की और खाते से 25.54 लाख रुपये निकाल लिए। पुलिस ने आरोपियों के खातों से 543031 रुपये फ्रीज कर दिए हैं और मामले की जांच जारी है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। साइबर अपराध के एक मामले में चंडीगढ़ पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। आनलाइन 25 लाख रुपये की ठगी के मामले में तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान बलविंदर उर्फ बिंदु (33 वर्ष), प्रदीप कुमार (31 वर्ष) और अनुप कुमार (31 वर्ष) के रूप में हुई है।
पुलिस ने रामदरबार निवासी एक व्यक्ति की शिकायत पर केस दर्ज किया था। शिकायतकर्ता ने बताया था कि उनका पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) सेक्टर-26, ब्रांच में सेविंग अकाउंट है। वह साधारण फोन इस्तेमाल करते हैं जिसमें इंटरनेट या बैंकिंग ऐप भी नहीं हैं।
21 अप्रैल 2025 को जब वह बैंक से पांच हजार रुपये निकालने गए तो अधिकारियों ने बताया कि उनके खाते से मार्च से अप्रैल के बीच कुल 25.54 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए हैं। जबकि शिकायतकर्ता ने कोई आनलाइन लेन-देन नहीं किया था। उन्होंने तुरंत बैंक और फिर साइबर क्राइम पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।
खाते में थे 26 लाख
जांच से पता चला कि शिकायतकर्ता का रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर टेलीकाम कंपनी ने बंद कर दिया था और बाद में यह नंबर बलविंदर को अलाट हो गया। बलविंदर को पता लगा कि यह नंबर पहले से ही पीएनबी खाते से जुड़ा है, जिसमें लगभग 26 लाख रुपये थे।
बलविंदर ने धोखाधड़ी की नीयत से नेट बैंकिंग एक्टिवेट कर खाते से रकम ट्रांसफर कर ली पूछताछ में बलविंदर ने बताया कि उसने यह काम अनुप कुमार (एसबीआई में कांट्रेक्ट कर्मचारी) और प्रदीप कुमार (पीएनबी, सिरसा में क्लर्क) की मदद से किया।
पांच लाख रुपये रिकवर हुए
पुलिस ने 20 अगस्त को राजस्थान से बलविंदर को गिरफ्तार किया। दो दिन बाद सिरसा से अनूप और प्रदीप भी पकड़े गए। पुलिस ने अब तक आरोपितों के खातों से 5,43,031 रुपये फ्रीज करवा लिए। पुलिस अब बैंक खातों की गहन जांच कर रही है ताकि पूरे वित्तीय लेन-देन का पता लगाया जा सके और इस अपराध में शामिल अन्य लोगों तक पहुंचा जा सके।
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