हरियाणा: किसानों को खाद खरीदने के लिए मजबूर करने वालों पर होगी कार्रवाई, दुकानदारों के लाइसेंस होंगे निलंबित
हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने उर्वरक डीलरों को किसानों को डीएपी या यूरिया के साथ अतिरिक्त खाद खरीदने के लिए मजबूर न करने के सख्त निर्देश दिए हैं। उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें लाइसेंस निलंबन और आपराधिक मुकदमा भी शामिल है।
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किसानों को खाद खरीदने के लिए मजबूर करने वालों पर होगी कार्रवाई। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने सभी सरकारी अधिकारियों और निजी उर्वरक व कीटनाशक डीलरों को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि किसानों को डीएपी या यूरिया के साथ अतिरिक्त खाद, जिंक, कीटनाशक या किसी अन्य कृषि सामग्री को जबरन खरीदने के लिए बाध्य नहीं किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसी किसी भी जबरदस्ती पर तुरंत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
राणा ने कहा कि किसानों को अवांछित उत्पाद खरीदने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। इस तरह की प्रथाएं अनैतिक हैं और केंद्र व राज्य सरकार की नीतियों का सीधा उल्लंघन हैं। उर्वरक वितरण संबंधी स्पष्ट दिशा-निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं।
कोई भी अधिकारी या डीलर इन नियमों का उल्लंघन करता पाया गया तो उसे किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा। कृषि मंत्री ने सभी जिलों के कृषि उपनिदेशकों को ऐसे मामलों पर तुरंत संज्ञान लेने, मौके पर जांच करने और दोषियों के खिलाफ लाइसेंस निलंबन से लेकर आपराधिक मुकदमा दर्ज करने तक की कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि उल्लंघन करने वालों पर नजर रखने के लिए विशेष मानीटरिंग व्यवस्था सक्रिय कर दी गई है। राणा ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि यदि कोई अधिकारी या डीलर डीएपी या यूरिया के साथ अतिरिक्त उत्पाद खरीदने का दबाव डालता है, तो किसान तुरंत टोल-फ्री नंबर 1800-180-1551 पर काल करें या जिला कृषि कार्यालय में शिकायत दर्ज कराएं।
किसान ब्लाक या जिला स्तर पर कृषि अधिकारियों को भी अपनी शिकायत दे सकते हैं। सरकार तुरंत कार्रवाई करेगी और दोषियों को सख्त सजा दिलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि हरियाणा को डीएपी और यूरिया की पर्याप्त आपूर्ति मिल चुकी है। केंद्र सरकार से नियमित रूप से सप्लाई जारी है और सभी जिलों में पर्याप्त बफर स्टाक बनाए रखा गया है।
कृषि मंत्री ने कहा कि उर्वरक का वितरण पैक्स, निजी डीलरों और हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के केंद्रों के माध्यम से किया जा रहा है। पीओएस मशीनों पर अनिवार्य बायोमीट्रिक सत्यापन ने कालाबाजारी पर प्रभावी रोक लगाई है।
हाल ही में जबरन बिक्री की मिली शिकायतों का जिक्र करते हुए राणा ने बताया कि संबंधित डीलरों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई और उनके लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं। किसानों को किसी प्रकार की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। किसानों को समय पर और जरूरत के अनुसार उर्वरक उपलब्ध कराया जाएगा।

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