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    328 पावन स्वरूप गायब मामले में एक्शन, जत्थेदार गड़गज ने SIT से पहले बुलाई सिंह साहिबान की बैठक

    Updated: Wed, 24 Dec 2025 01:22 PM (IST)

    श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 328 पावन स्वरूप गायब होने के मामले में, राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी की जांच से पहले, जत्थेदार कुलदीप सिंह गड़गज ने पांच सि ...और पढ़ें

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    गायब 328 पावन स्वरूप मामले में दर्ज एफआइआर को लेकर जत्थेदार गड़गज ने बुलाई सिंह साहिब की बैठक (फाइल फोटो)

    इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 328 पावन स्वरूप गायब होने के मामले की जांच लिए राज्य सरकार द्वारा बनाई गई स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम की जांच अभी शुरू भी नहीं हुई थी कि श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार कुलदीप सिंह गड़गज ने पांच सिंह साहिब की बैठक 28 दिसंबर को बुला ली है।

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    ऐसा करने को लेकर इसे सरकार और पंथक संस्थानों के बीच टकराव के रूप में देखा जा रहा है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के प्रधान हरजिंदर सिंह धामी ने भी इसे धार्मिक मामलों में दखलअंदाजी बताकर एसआइटी बनाने की आलोचना की थी।

    जत्थेदार कुलदीप सिंह गड़गज और हरजिंदर सिंह धामी केस दर्ज करने और एसआइटी का गठन करने को राजनीति से प्रेरित बता रहे हैं। उनका कहना है कि एसजीपीसी अपने आंतरिक मामलों की जांच करने में सक्षम है।

    किसी तरह का राजनीतिक और पुलिस हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। सरकार की ओर से गठित एसआइटी में एआइजी (विजिलेंस) एसएएस नगर मोहाली जगतप्रीत सिंह प्रमुख होंगे जबकि अमृतसर, पटियाला और लुधियाना के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी इसके सदस्य होंगे।

    एसआइटी अमृतसर के पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर की निगरानी में काम करेगी। पुलिस अधिकारियों के अनुसार एसआइटी 328 पावन स्वरूपों के रखरखाव, उनके स्थानांतरण, रिकार्ड और जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका की गहन जांच करेगी।

    इसके साथ ही यह भी देखा जाएगा कि यह चूक प्रशासनिक लापरवाही है या इसके पीछे कोई संगठित साजिश है। लेकिन इसी बीच एसआइटी की ओर से जांच शुरू करने के मामले को लेकर जत्थेदार गड़गज की ओर से बुलाई बैठक के बाद इस पर विवाद भी शुरू हो सकता है।

    ऐसा माना जा रहा है कि जत्थेदार एसजीपीसी को आदेश कर सकते हैं कि वह एसआइटी को सहयोग न करे क्योंकि यह निरोल धार्मिक मामला है। यदि ऐसा होता है तो पिछले लंबे समय से इस मामले को लेकर संघर्ष कर रही संस्थाएं आरोप लगा सकती हैं कि एसजीपीसी जानबूझकर 328 पावन स्वरूपों के गायब होने का सच सामने नहीं लाना चाहती।

    बता दें कि 2015-2016 में एसजीपीसी के प्रकाशन विभाग से 328 पावन स्वरूप गायब हुए थे। इसके बाद सिख समुदाय में विवाद खड़ा हो गया था। सत्कार कमेटी ने इस मामले के विरोध में श्री हरिमंदिर साहिब के गलियारे में चार वर्ष तक धरना भी लगाया और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की थी।

    उस समय श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पावन स्वरूपों की संख्या में भारी अंतर पाया गया। रजिस्टरों में दर्ज संख्या और मौके पर मौजूद स्वरूपों का मिलान करने पर 328 स्वरूप गायब पाए गए।

    जांच में न तो उनके सुरक्षित स्थानांतरण का कोई स्पष्ट रिकार्ड मिला और न ही यह पता चल सका कि ये स्वरूप किसके निर्देश पर और कहां ले जाए गए। मामले की गंभीरता को देखते हुए सात दिसंबर 2025 को थाना सी डिवीजन में एफआइआर नंबर 168 दर्ज की गई। इसमें एसजीपीसी के 16 कर्मचारियों को नामजद किया गया था।