चंडीगढ़ में छात्र संघ चुनाव, पंजाब यूनिवर्सिटी में एबीवीपी के गौरव का परचम लहराया
चंडीगढ़ में छात्र संघ चुनाव के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने पंजाब यूनिवर्सिटी में जश्न मनाया। उनके अध्यक्ष पद के उम्मीदवार गौरव वीर सोहल ने जीत का परचम लहराया। पीजीजीसी-46 में पंकज अध्यक्ष चुने गए जबकि गुरु गोबिंद सिंह कॉलेज फॉर वुमन में भूमि को प्रधानी मिली। एमसीएम डीएवी महिला महाविद्यालय में अपराजिता बाली अध्यक्ष निर्वाचित हुईं। कुछ कॉलेजों में नतीजे देर शाम तक स्पष्ट हुए।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ़ में बुधवार को बारिश के बीच छात्र संघ चुनाव के दौरान स्टूडेंट्स लीडर्स और उनके साथियों में कभी उत्साह और कभी मायूसी का दौर चलता रहा। चुनाव नतीजे जैसे-जैसे आते गए, उसी तरह माहौल बदलता गया। शाम करीब पौने पांच बजे तक पंजाब यूनिवर्सिटी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने जीत का जश्न मनाया। उनके अध्यक्ष पद के उम्मीदवार गौरव वीर साेहल ने 2953 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया। पीयू में एबीवीपी की पहली जीत है।
वहीं, वाइस प्रेसिडेंट के लिए साथ यूनियन से अश्मित सिंह जीते। उन्हें 3249 वोट हासिल हुए। सेक्रेटरी पद के लिए अभिषेक डागर ने 3262 वोट के साथ जीत दर्ज की। यह सोपू के गुरनूर ग्रुप से संबंध रखते हैं और चार संगठनों के साथ गठबंधन किया हुआ था। जॉइंट सेक्रेटरी पद पर मोहित मंडेरा ने 3128 वोट के साथ जीत हासिल की है। मंडेरा ने एनएसयूआई के साथ गठबंधन किया था।
एनएसयूआई को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। ज्यादातर काॅलेजों में भी शाम छह बजे तक तस्वीर स्पष्ट हो गई थी।
पीजीजीसी–46 में पंकज अध्यक्ष, रविंदर उपाध्यक्ष
पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कॉलेज सेक्टर-46 में बीसीए तृतीय वर्ष के छात्र पंकज को अध्यक्ष चुना गया। बीकॉम प्रथम वर्ष के रविंदर सिंह ने उपाध्यक्ष का पद हासिल किया, जबकि बीए तृतीय वर्ष की स्नेहा सचिव निर्वाचित हुईं। बीए तृतीय वर्ष की अंजलि को संयुक्त सचिव चुना गया।
गुरु गोबिंद सिंह कॉलेज फॉर वुमन में भूमि बनीं छात्र संघ की प्रधान
सेक्टर-26 के गुरु गोबिंद सिंह कॉलेज फॉर वुमन में छात्र संघ की प्रधानी बी कॉम तृतीय वर्ष की छात्रा भूमि संभालेंगी। बुधवार को छात्र संघ के चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न हुए। भूमि को अध्यक्ष, बीए तृतीय वर्ष की छात्रा अकोइजम जेसिता को उपाध्यक्ष, बीसीए द्वितीय वर्ष की छात्रा दिव्या जे. मांगैन को सचिव और बीएससी प्रथम वर्ष की छात्रा वंशिका को संयुक्त सचिव चुना गया।
एमसीएम में अपराजिता ने सबको पराजित किया
मेहर चंद महाजन डीएवी महिला महाविद्यालय में बीए तृतीय वर्ष की अपराजिता बाली अध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुईं, जबकि बीए तृतीय वर्ष की आरुषि बक्षी, बीए द्वितीय वर्ष की ओजस्विता कौर और बीए तृतीय वर्ष की अन्वी ठाकुर क्रमशः उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव चुनी गईं। छात्र परिषद चुनाव में 759 विद्यार्थियों ने मताधिकार का प्रयोग कर नयी परिषद के गठन में योगदान दिया।
देव समाज कॉलेज फॉर वुमेन में खुशी की जीत
देव समाज कॉलेज फॉर वुमेन में खुशी को प्रधानी मिली है। अंतिका उपाध्यक्ष, हरलीन कौर सचिव और परनीत कौर संयुक्त सचिव बनी हैं।
सेक्टर 11 पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज फॉर गर्ल्स में महकदीप विजयीभव:
सेक्टर-11 स्थित पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज फॉर गर्ल्स में अध्यक्ष पद पर बीए तृतीय वर्ष की महकदीप, उपाध्यक्ष पद पर राधिका शर्मा और महासचिव पद पर मलीहा शर्मा ने जीत दर्ज की। सेक्टर 11 के ही पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कॉलेज में हिंदुस्तान स्टूडेंट्स एसोसिएशन के सचिन सिंह 668 वोट हासिल कर विजयी रहे। हरभजन लाल 968 वोट पाकर उपाध्यक्ष चुने गए। सचिव पद पर 980 वोट लेकर प्रियांश ठाकुर ने जीत दर्ज की।
गवर्नमेंट कॉलेज फॉर गर्ल्स सेक्टर 42 से श्रीयाल के सिर जीत का सेहरा
गवर्नमेंट कॉलेज फॉर गर्ल्स सेक्टर 42 से श्रीयाल चौहान प्रधान पद पर जीतीं। श्रीयाल को 413 वोट मिले। उपप्रधान पद पर 290 प्राप्त कर जानकी राणी ने जीत दर्ज की। एसडी कॉलेज में आईएसएफ ने बाजी मार ली है।
पीयू में एनएसयूआई की करारी हार पर टिकट बंटवारे पर उठे सवाल
पीयू में एनएसयूआई को भारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। पार्टी की परंपरागत पकड़ इस बार पूरी तरह ढीली पड़ गई। इसका कारण संगठनात्मक गड़बड़ियां, टिकट वितरण में मनमानी और प्रभारी की निष्क्रियता को बताया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि मेहनत करने वाले छात्रों को टिकट से वंचित रखा गया, जबकि कुछ छात्रों को पार्टी में शामिल होने के कुछ ही घंटे बाद टिकट थमा दिया गया।
बताया गया कि सुबह 11 बजे पार्टी में शामिल छात्र को उसी दिन शाम चार बजे टिकट मिल गया। इससे कार्यकर्ताओं में गहरा असंतोष पनपा। एनएसयूआई चंडीगढ़ प्रभारी दलीप चौधरी पर आरोप है कि उन्होंने टिकट बंटवारे में मनमानी की और वरिष्ठ नेताओं तक गलत संदेश पहुंचाया। कार्यकर्ताओं का कहना है कि यही रवैया चुनाव में पार्टी की हार का बड़ा कारण बना।
चुनाव प्रचार में भी एनएसयूआई पिछड़ गई। जहां दूसरी पार्टी के नेता हॉस्टलों में घूम-घूमकर छात्रों से सीधे संपर्क कर रहे थे, वहीं एनएसयूआई के नेता फाइव स्टार होटलों में बैठकर रणनीति बनाते रहे। इससे छात्रों का भरोसा टूट गया और विरोधी संगठनों को बढ़त मिल गई।
हरियाणा, पंजाब, हिमाचल और चंडीगढ़ के कई नेताओं ने टिकट वितरण और चुनावी रणनीति की विफलता को लेकर दिल्ली आलाकमान तक शिकायत भेजी है। उनका कहना है कि यदि संगठन में तुरंत सुधार नहीं किए गए तो भविष्य में पार्टी की परंपरागत पकड़ और भी कमजोर हो सकती है।
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