करोड़ों की वसूली और घोटालों में डूबा चंडीगढ़ नगर निगम, आप ने भाजपा पर लगाए गंभीर आरोप
चंडीगढ़ नगर निगम में भ्रष्टाचार को लेकर आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर हमला बोला है। विजयपाल सिंह ने भाजपा शासित निगम को भ्रष्टाचार का अड्डा बताया। उन्होंने 93 करोड़ और 238 करोड़ की फंडिंग में गड़बड़ी का आरोप लगाया। स्ट्रीट वेंडरों से अवैध वसूली 24x7 वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट की विफलता और बिजली निजीकरण को लेकर भी आप ने सवाल उठाए।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। नगर निगम की इंफोर्समेंट विंग के कर्मचारियों पर पैसे लेकर रेहड़ी-फड़ी लगाने के आरोपों के चलते आम आदमी पार्टी (आप) ने भाजपा पर हमला बोला है। आप के अध्यक्ष विजयपाल सिंह ने कहा कि भाजपा शासित चंडीगढ़ नगर निगम भ्रष्टाचार का गढ़ बन चुका है। निचले स्तर से लेकर उच्च पदस्थ अधिकारियों तक, हर विभाग करोड़ों की वसूली और घोटालों में डूबा हुआ है। सरकारी तंत्र में बैठे अधिकारी जनता के पैसों की खुली लूट में संलिप्त हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में अध्यक्ष विजयपाल सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचार से जुड़े हर मुद्दे को समय-समय पर चंडीगढ़ प्रशासक के संज्ञान में लाया गया, लेकिन इसके बावजूद भ्रष्टाचार पर कोई रोक नहीं लग पाई और आज जनता भ्रष्ट तंत्र के कारण त्रस्त है। प्रशासन अपनी सुविधा के अनुसार कानूनों में बदलाव करता रहता है ताकि कानून की आड़ में भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता रहे और यह और गहराई तक जड़ें जमा सके।
93 करोड़ और 238 करोड़ की फंडिंग में गड़बड़ी
भाजपा मेयर ने नगर निगम मीटिंग में दावा था किया कि केंद्र और राज्य सरकार 92–93 करोड़ और 238 करोड़ दे चुकी हैं। विजयपाल ने इसे भ्रामक करार देते हुए कहा कि 92 करोड़ का फंड नहीं पहुंचा और 238 करोड़ की राशि भी अब तक स्वीकृत नहीं हुई। भाजपा जनता को गुमराह कर रही है।
स्ट्रीट वेंडरों से अवैध वसूली
नगर निगम के एन्फोर्समेंट विंग में संगठित भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है। एक कर्मचारी ने वीडियो जारी कर बताया कि वैध और अवैध स्ट्रीट वेंडरों से दो से तीन हजार रुपये प्रति व्यक्ति की वसूली की जाती है। निरीक्षक भी इस घोटाले में शामिल हैं। कर्मचारियों पर महीने में पांच से छह लाख की वसूली का दबाव डाला जाता है। कार्रवाई के नाम पर कर्मियों का तबादला कर यह धंधा जारी रखा गया।
दुकानदारों पर असर
अवैध स्ट्रीट वेंडरों के कारण किराया, टैक्स और बिल भरने वाले दुकानदारों का व्यापार चौपट हो गया है। प्रशासन की मिलीभगत से पूरा सिस्टम ‘कॉर्पोरेट माफिया’ में बदल चुका है।
मणिमाजरा में जल संकट
नए पानी के कनेक्शन के लिए मनमानी शर्तें लगाई जा रही हैं। पब्लिक हेल्थ विंग पुराने घरों के लिए असंभव “बिल्डिंग कंप्लीशन सर्टिफिकेट” मांग रही है। बाधाएं हटाने के बावजूद नगर निगम फिर नई शर्तें थोप रहा है। लाखों ग्रामीण पानी के कनेक्शन से वंचित हैं।
24x7 वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट – 165 करोड़ की विफलता
स्मार्ट सिटी मिशन के तहत शुरू की गई इस परियोजना पर ₹165 करोड़ खर्च हुए, लेकिन यह पूरी तरह असफल रही। पीआरवी, पंप और स्काडा सिस्टम बंद पड़े हैं। उद्घाटन के बाद से मणिमाजरा के किसी भी क्षेत्र में 24 घंटे पानी नहीं आया, बल्कि गंदा पानी सप्लाई हो रहा है। कुल 475 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ, फिर भी कोई एफआईआर या गिरफ्तारी नहीं।
बारिश में जलभराव
हल्की बारिश में भी पूरे शहर में पानी भर गया। गाड़ियां नावों की तरह तैर रही थीं। सड़कें टूटी और गड्ढों से भरी पड़ी हैं। भाजपा के वर्षों के शासन के बावजूद जवाबदेही नहीं दिखती। पहली बार मोहाली की सड़कें चंडीगढ़ से बेहतर नज़र आईं।
बिजली निजीकरण घोटाला
लाभदायक बिजली विभाग को निजी हाथों में सौंप दिया गया। निजी कंपनी ने बिना ऑडिट बिजली दरें बढ़ाने का प्रस्ताव रखा, और टैरिफ में 14 प्रतिशत बढ़ोतरी कर दी गई। अब सात से आठ घंटे की कटौती हो रही है। आप ने बिजली विभाग को तुरंत वापस सरकारी नियंत्रण में लेने की मांग की।
कम्युनिटी सेंटर घोटाला
गरीब परिवारों के नाम पर सामुदायिक केंद्रों की बुकिंग में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा हुआ। दलाल फर्जी दस्तावेज़ों के जरिए 26 हजार से 55 हजार रुपये की वसूली करते थे। पिछले पांच साल में निगम को 100 करोड़ का नुकसान हुआ। करोड़ों की जिम मशीनें धूल फांक रही हैं। कोई एफआईआर नहीं, कोई गिरफ्तारी नहीं।
प्रमुख घोटाले और भ्रष्टाचार
93 करोड़ और 238 करोड़ फंडिंग नहीं मिली
स्ट्रीट वेंडर रैकेट और अवैध वसूली
मणिमाजरा 24×7 वाटर सप्लाई विफल प्रोजेक्ट
बिजली निजीकरण और टैरिफ घोटाला
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