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    AAP ने किया 'वन नेशन-वन इलेक्शन' का विरोध, कहा- यह व्यावहारिक तौर पर संभव नहीं; SAD-BJP पर साधा निशाना

    By Rohit KumarEdited By: Gaurav Tiwari
    Updated: Sat, 02 Sep 2023 04:55 PM (IST)

    AAP ने वन नेशन वन इलेक्शन का विरोध किया है। पंजाब आप के प्रमुख प्रवक्ता मलविंदर कंग का कहना है कि भाजपा का विचार एक राष्ट्र एक चुनाव एक राष्ट्र एक पार्टी एक राष्ट्र एक धर्म और एक राष्ट्र एक भाषा है जो देश के संविधान और लोकतंत्र के सार के खिलाफ है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी घबराए हुए हैं।

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    आम आदमी पार्टी ने किया 'वन नेशन-वन इलेक्शन' का विरोध।

    चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। AAP On One Nation One Election आम आदमी पार्टी (AAP) ने 'एक देश एक चुनाव' के विचार को पूरी तरह से खारिज किया है। भाजपा की ओर से वन नेशन वन इलेक्शन के लिए एक समिति के गठन पर आप ने कहा कि भारत में वन नेशन वन इलेक्शन को लागू करना व्यावहारिक तौर पर संभव नहीं है।

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    पार्टी के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग (AAP Leader Malvinder Kang) ने कहा कि भारत विभिन्न राज्यों (जिसमें रहने वाले विभिन्न धर्मों, जातियों, समुदायों और भाषाओं के लोगों) का एक संघ है। लेकिन भाजपा का विचार एक राष्ट्र एक चुनाव, एक राष्ट्र एक पार्टी, एक राष्ट्र एक धर्म और एक राष्ट्र एक भाषा है जो देश के संविधान और लोकतंत्र के सार के खिलाफ है।

    भाजपा आईएनडीआईए (I.N.D.I.A) ब्लॉक और उसकी ताकत से डरी हुई है। उन्होंने कहा कि वैचारिक मतभेदों के बावजूद विभिन्न पार्टियां एक साझा मंच पर एक साथ आई है। हमें भारत को 140 करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करना है और अपने राष्ट्र के लोकतंत्र को बचाना है।

    'नफरत की राजनीति भी विफल हो रही है'

    उन्होंने कहा कि पांच प्रमुख राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम के चुनाव नजदीक आ रहे हैं लेकिन बीजेपी अपनी जमीन खोती जा रही है। ध्रुवीकरण और नफरत की राजनीति भी विफल हो रही है जिसके कारण भाजपा सभी राज्यों में बुरी तरह हार रही है। इसीलिए प्रधानमंत्री मोदी घबराए हुए हैं और चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं।

    SAD पर साधा निशाना

    मलविंदर कंग ने वन नेशन वन इलेक्शन का समर्थन करने के लिए शिरोमणि अकाली दल (SAD) पर जमकर हमला बोला। कंग ने कहा कि शिअद को देश, देश के लोगों, पंजाब और सिख धर्म की परवाह नहीं है, वे केवल अपने राजनीतिक, वित्तीय और व्यक्तिगत हितों से प्रेरित हैं। उन्होंने कहा कि अकाली दल राज्यों के अधिकारों और देश के संघीय ढांचे की कीमत पर इस विचार का समर्थन कर रहा है, जिसका मतलब है कि शिअद का श्री आनंदपुर साहिब प्रस्ताव के प्रति सम्मान नहीं है।