पंजाब में आम आदमी क्लीनिक ने घटाया मरीजों का आर्थिक बोझ, दो वर्षों में करोड़ों की हुई बचत
आम आदमी क्लीनिक में रोजाना 70 से अधिक मरीज ईलाज करवाने के लिए आ रहे है। मुख्य मंत्री भगवंत सिंह मान कहते हैं क्लीनिकों में आने वाले 2 करोड़ लोगों में से 90 लाख आने वाले मरीज नए हैं। जिससे क्लीनिकों की व्यापक पहुंच का पता चलता है। जबकि 1.10 करोड़ लोग दोबारा ईलाज करवाने के लिए आए। जो मरीजों के विश्वास और संतुष्टि को दर्शाता है।

डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। पंजाब सरकार द्वारा खोले गए 842 आम आदमी क्लीनिक न सिर्फ 2 करोड़ से अधिक लोगों को स्वास्थ्य लाभ दे चुकी है बल्कि मरीजों का आर्थिक बोझ भी घटाया है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार 2 साल में मरीजों के 1030 करोड़ रुपये की बचत हुई है। आम आदमी क्लीनिक में रोजाना 58,900 से अधिक मरीज ईलाज करवाने के लिए आ रहे है। इन मरीजों में 55 फीसदी महिलाएं है।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का कहना है, ' आम आदमी क्लीनिक ने शहर और ग्रामीण की सीमाओं को मिटा दिया है। पहले छोटी-मोटी बीमारी के लिए भी लोगों को शहर जाना पड़ता था। अब ग्रामीण क्षेत्र में 530 आम आदमी क्लीनिक लोगों को अपनी सेवाएं दे रही है। जबकि शहरी क्षेत्र में 312 आम आदमी क्लीनिक है। जहां मुफ्त इलाज के साथ 80 प्रकार की मुफ्त दवाइयां और 38 प्रकार की मुफ्त जांच (डायग्नोस्टिक टेस्ट) की सुविधा दी जाती है।'
आंकड़े बताते है की प्रत्येक आम आदमी क्लीनिक में रोजाना 70 से अधिक मरीज ईलाज करवाने के लिए आ रहे है। मुख्य मंत्री भगवंत सिंह मान कहते हैं, क्लीनिकों में आने वाले 2 करोड़ लोगों में से 90 लाख आने वाले मरीज नए हैं। जिससे क्लीनिकों की व्यापक पहुंच का पता चलता है। जबकि 1.10 करोड़ लोग दोबारा ईलाज करवाने के लिए आए। जो मरीजों के विश्वास और संतुष्टि को दर्शाता है। इससे लोगों के लिए स्वास्थ्य देखभाल पर होने वाले खर्चों में 1030 करोड़ रुपये की कटौती हुई है।
आम आदमी क्लीनिक कि ओपीडी में 55 फीसदी मरीज महिलाएं आती हैं। इसके अलावा, 11.20 फीसदी मरीज बच्चे और किशोर (0-12 वर्ष की उम्र के) हैं। जबकि महत्वपूर्ण 68.86 फीसदी मरीज वयस्क (13-60 वर्ष की उम्र के) हैं। साथ ही, 19.94 फीसदी ईलाज सीनियर सिटीजन ने करवाया है।
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