आधार कार्ड में पत्नी की उम्र 17 साल, गर्भवती होने पर चेकअप कराने पहुंचा तो डॉक्टरों ने दुष्कर्म केस में पहुंचा दिया जेल, तीन माह बाद जमानत
नाबालिग पत्नी के गर्भवती होने पर दुष्कर्म केस में सजा काट रहे एक युवक को जिला अदालत से बड़ी राहत मिली है। वह तीन महीने से जेल में बंद था। अदालत ने उसे जमानत दे दी है। वह गर्भवती पत्नी का चेकअप कराने अस्पताल गया तो पत्नी के आधार कार्ड में उम्र 17 साल देखकर डॉक्टरों ने पुलिस को सूचित किया था। इसके बाद पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर लिया था। तीन महीने बाद उसे जमानत मिली।

नाबालिग पत्नी से दुष्कर्म केस में सजा काट रहे युवक के पक्ष में जिला अदालत ने सुनाया फैसला।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। गभर्वती पत्नी की आधार कार्ड में उम्र 17 वर्ष होने पर दुष्कर्म केस में आरोपित को जिला अदालत से जमानत मिल गई है। वह तीन महीने से यानी पांच अगस्त से जेल में बंद था। उसके खिलाफ मौलीजागरां थाना पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता और पाॅक्सो एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया था।
उसकी पत्नी गर्भवती थी और अस्पताल में चेकअप के लिए गई थी। स्टाफ ने आधार कार्ड पर उसकी उम्र 17 साल देखकर पुलिस को शिकायत दी थी। वहीं, आरोपित के वकील विजय कुमार ने अदालत में कहा कि पुलिस ने जल्दबाजी में गिरफ्तार किया। उसकी पत्नी की उम्र आधार कार्ड में गलत लिखी गई थी जबकि जन्म प्रमाण पत्र के हिसाब से उसकी उम्र 22 साल है।
इसके अलावा पत्नी ने भी अदालत में कह दिया कि उसके पति ने उसके साथ दुष्कर्म नहीं किया। उसने तीन साल पहले अपनी मर्जी से शादी की थी। उन्होंने यूपी के एक मंदिर में शादी की थी और कुछ महीने पहले ही वह चंडीगढ़ आकर रहने लगे थे। इस दौरान वह गर्भवती हो गई।
उसका पति ही उसे इलाज के लिए सेक्टर-32 के अस्पताल लाया था, लेकिन यहां उससे आधार कार्ड दिखाने को कहा गया। उस पर उसकी गलत उम्र लिखी गई थी। इसी गलतफहमी के कारण उसके पति को गिरफ्तार कर लिया गया। ऐसे में अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद आरोपित पति की जमानत अर्जी को मंजूर कर दिया।

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