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    चंडीगढ़ में बनेगा नियम, सार्वजनिक स्थलों पर कुत्तों को खाना डाला तो खैर नहीं, स्थान होंगे निर्धारित

    Updated: Sat, 23 Aug 2025 01:06 PM (IST)

    चंडीगढ़ में सार्वजनिक स्थानों पर कुत्तों को खाना खिलाना प्रतिबंधित हो सकता है। निगम और रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन मिलकर कुत्तों के लिए स्थान निर्धारित करेंगे। पेट एंड कम्युनिटी डॉग बायलाज के अनुसार घरों में कुत्तों की संख्या सीमित होगी और पंजीकरण अनिवार्य होगा। उल्लंघन करने पर जुर्माना लगेगा। कुत्तों के काटने पर मुआवजे का बोझ बढ़ रहा है इसलिए निगम नियंत्रण चाहती है।

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    कुत्तों का खाना डालने के स्थान रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन और दूसरे संगठनों से मिलकर निगम तय करेगा।

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ़ में सार्वजनिक स्थलों पर कहीं भी कुत्तों को खाना नहीं डाला जा सकेगा। ऐसा करने वालों पर कार्रवाई होगी। कुत्तों को खाना देने के लिए स्थान निर्धारित होंगे। यह स्थान रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन और दूसरे संगठनों से मिलकर नगर निगम तय करेगा।

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    पेट एंड कम्युनिटी डाॅग बाॅयलाज में इसका प्रविधान किया गया है। हालांकि यह बायलाज नगर निगम सदन से पास होने के बाद लागू नहीं हो सके हैं। निगम ने 11 मार्च 2024 को सदन में यह प्रस्ताव पास किया था। एक वर्ष से अधिक बीतने के बाद भी इसकी अधिसूचना जारी नहीं हुई है।

    बायलाज के ड्राफ्ट पर लोगों के सुझाव और आपत्तियां भी ली जा चुकी हैं। निगम ने सुझाव और आपत्तियों को देखते हुए इनमें बदलाव कर अधिसूचना के लिए प्रशासन को भेज रखा है। लेकिन वहां अभी भी यह अटके हुए हैं। अधिसूचना के बाद ही यह लागू हो सकेंगे।

    सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए नया आदेश जारी किया है। जिसमें आवारा कुत्तों को सार्वजनिक स्थानों पर खाना डालने पर रोक के साथ केवल खतरनाक कुत्तों को ही नहीं छोड़ने के आदेश दिए हैं। बाकी कुत्तों को नसबंदी के बाद छोड़ा जाएगा। चंडीगढ़ प्रशासन भी इन आदेशों को देखते हुए इन्हें लागू करेगा। हालांकि यहां बायलाज में पेट और कम्युनिटी डाग दोनों को लेकर नियम बनाए गए हैं।

    मरले और कनाल के हिसाब से घरों में एक से चार कुत्ते रखे जा सकेंगे

    पेट एंड कम्युनिटी डाग बायलाज की अधिसूचना जारी होने के बाद अपनी मनमर्जी से घर में पालतु कुत्ते नहीं रख सकते। मरले और कनाल के हिसाब से घरों में एक से चार कुत्ते रखे जा सकेंगे। चार में से दो पेट और दो स्ट्रे अपनाए गए कुत्ते हो सकते हैं। इन बायलाज के तहत खतरनाक प्रवृति के कुत्तों पर पाबंदी लगाने के साथ बाकी कुत्तों के जन्म से मृत्यु और अंतिम संस्कार तक के लिए नियम शर्तें निर्धारित की गई है।

    स्टर्लाजेशन के बाद भी कुत्तों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पहचान के लिए प्रत्येक कुत्ते के कान में स्टर्लाजेशन होते ही चिप लगाई जाएगी। इसे स्कैन कर पूरी जानकारी मिल जाएगी। मालिक को अपने पालतु कुत्ते का नगर निगम के पास प्रति कुत्ता 500 रुपये में पंजीकरण करना होगा।

    पंजीकृत कुत्तों के अलावा घर में कुत्ता रखते हैं या सड़क पर वह ऐसे ही घूमते मिलता है तो उसे एमसी इंपाउंड करेगी।बायलाज का उल्लंघन करने पर रजिस्ट्रेशन अथोरिटी 500 से 10 हजार रुपये तक जुर्माना लगा सकती है। कई बार नियम तोड़ने पर समन किया जा सकता है। चार बार से ज्यादा चालान हुए तो इसे इंपाउंड किया जाएगा। गंदगी फैलाने पर भी दस हजार तक जुर्माने का प्रविधान है।

    मुआवजे का भार भी लगातार बढ़ रहा

    निगम को कुत्तों के काटने अौर जानवरों के हादसों पर मुआवजा भी देना पड़ रहा है। पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के निर्देश के बाद प्रशासन ने डीसी की अध्यक्षता में जिस सब कमेटी का गठन किया था वह अभी तक 184 ऐसे मामले में मुआवजा देने को मंजूरी दे चुकी है। 171 केस में मुआवजा दिया जा चुका है। जांच के लिए 291 लंबित हैं। कुल 495 केस कमेटी के पास ऐसे आए हैं।

    एक मामले में तो पशु से टकराने पर मौत में पांच लाख रुपये मुआवजा भी देना पड़ा है। अभी तक करीब 29 लाख रुपये मुआवजे के तौर पर दिए जा चुके हैं। मुआवजे के इसी बोझ को देखते हुए निगम बायलाज की तुरंत अधिसूचना के बाद इन्हें सख्ती से लागू कर कुत्तों पर नियंत्रण चाहती है।