मोहाली में फल और सब्जी मंडी बेचने के लिए प्रस्ताव पारित, इस वजह से बोर्ड ने लिया बड़ा फैसला
मोहाली में फल और सब्जी मंडी को बेचने का फैसला किया गया है। मंडी बोर्ड ने 12 एकड़ में फैली वातानुकूलित मंडी की जमीन को पूडा को ट्रांसफर करने का प्रस्ताव भेजा है। इस मंडी को 11 साल पहले बनाया गया था लेकिन यह कभी चल नहीं पाई। मंडी बोर्ड का अनुमान है कि इस जमीन को बेचकर 700 करोड़ रुपये जुटाए जा सकते हैं।

इन्द्रप्रीत सिंह, मोहाली। मोहाली के 11 फेस के साथ लगती फल और सब्जियों के लिए 2012 में अकाली भाजपा सरकार की ओर से बनाई गई मंडी को मंडी बोर्ड ने बेचने का फैसला कर लिया है। पिछले हफ्ते बोर्ड की हुई बैठक में वातानुकूलित मंडी जो लगभग 12 एकड़ में फैली हुई है कि जमीन को पूडा को बाजारी कीमत पर ट्रांसफर करने का प्रस्ताव पारित करके भेज दिया गया है।
मंडी बोर्ड के चेयरमैन हरचंद सिंह बरसठ ने पूडा को प्रस्ताव भेजने की पुष्टि करते हुए कहा है कि पिछले 11 सालों से यह मंडी बंद पड़ी थी। उन्होंने अपने तीन साल के कार्यकाल के दौरान इसे चलाने का हर संभव प्रयास किया लेकिन बात नहीं बनी और मात्र 45 लाख रुपए सालाना ही आमदनी हो रही थी। लेकिन अगर हम इस मंडी को बेचकर छह सात सौ करोड़ रुपए जुटा लेते हैं तो हमारी योजना पंजाब की सबसे बड़ी मंडी और अत्याधुनिक मंडी तैयार करने की है।
उन्होंने बताया कि इसके लिए लगभग डेढ़ से दो सौ एकड़ जमीन की जरूरत होगी जिसके लिए अगले सप्ताह विज्ञापन जारी करके इसकी मांग की जाएगी। काबिले गौर है कि मंडी बोर्ड की यह जमीन हमेशा ही विवादों में रही है। इससे पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह के 2002-2007 वाले कार्यकाल में यह जमीन रिलायंस को देने की योजना तैयार की थी जो फार्म टू फोक योजना के तहत इस जमीन को लेना चाहता था।
मंडी बोर्ड की इस बीस एकड़ जमीन को लेकर इतना विवाद खड़ा हो गया कि सरकार को यह योजना वापिस लेनी पड़ी। इसके बाद अकाली भाजपा सरकार ने मंडी बोर्ड के सेक्टर 17 स्थित मुख्यालय को यहां स्थापित करने और इसके साथ 12 एकड़ मंडी बनाने और पांच एकड़ में कमर्शियल शोरूम बनाने का फैसला लिया। इसका उद्घाटन प्रकाश सिंह बादल ने आठ फरवरी 2014 को मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रकाश सिंह बादल ने किया।
बोर्ड का मुख्यालय, मंडी आदि बनाने पर तब 49 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे लेकिन यहां बनाई गई वातानुकूलित फल और सब्जियों को लिए बनाई मंडी ढंग से एक दिन भी नहीं चल सकी। लिहाजा बोर्ड ने अपनी इस करोड़ों रुपए की जायदाद को बेचने का फैसला कर लिया है। 12 एकड़ जमीन जिसमें मंडी बनी हुई है को पूडा का स्थानांतरित किया जाएगा जो मार्किट रेट पर इसे बेचेगा। पता चला है कि इससे बोर्ड को सात सौ करोड़ रुपए की आमदनी होने का अनुमान है।
याद रहे कि दैनिक जागरण ने पिछले दिनों एक खबर प्रकाशित की थी जिसमें कहा गया था कि मुख्य सचिव केएपी सिन्हा ने सभी विभागों के साथ एक बैठक करके उनकी खाली पड़ी जमीन जिसे उपयोग में नहीं लाया जा रहा है को आपटिमम यूज आफ गवर्मेंट लैंड नीति के तहत पूडा को ट्रांसफर करने का फैसला लिया था।
मंडी बोर्ड के चेयरमैन हरचंद सिंह बरसठ ने कहा, मोहाली में 12 एकड़ की फल और सब्ज़ी मंडी से 700 करोड़ रुपये से ज़्यादा की आय होने का अनुमान है। इस पैसे से बोर्ड पंजाब में 200 एकड़ में एक बड़ी मंडी स्थापित करेगा जैसा कि हरियाणा सरकार ने गन्नौर में स्थापित की है। मंडी बोर्ड के उप महाप्रबंधक (एस्टेट) ने 26 सितंबर को आवास एवं शहरी विकास विभाग के प्रशासनिक सचिव को इस संबंधी पत्र लिख दिया है।
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