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    चंडीगढ़ की लाइफलाइन बचाने के मुद्दे पर होगी बैठक, प्लान मंजूर हुआ तो पांच साल में बदलेगी सुखना झील

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 06:28 PM (IST)

    चंडीगढ़ प्रशासन ने सुखना झील में गाद की समस्या और घटती जल क्षमता से निपटने के लिए पांच वर्षीय एकीकृत प्रबंधन योजना बनाई है। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के सहयोग से तैयार इस योजना में झील के मूल स्वरूप को बनाए रखने जल स्तर को नियंत्रित करने और जलीय जीवन को संरक्षित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

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    सुखना लेक के समग्र विकास के लिए चंडीगढ़ प्रशासन ने तैयार किया है प्लान।

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। सुखना झील में बढ़ती गाद और घटती जलभरण क्षमता जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए यूटी प्रशासन ने पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट प्लान तैयार किया है। इस प्रस्ताव को शुक्रवार को सुखना वेटलैंड अथाॅरिटी की बैठक में मंजूरी के लिए रखा जाएगा। बैठक की अध्यक्षता यूटी प्रशासक गुलाब चंद कटारिया करेंगे। 

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    इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट प्लान को विश्व वन्यजीव कोष (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) के सहयोग से तैयार किया गया है, जोकि सुखना लेक के समग्र विकास पर केंद्रित है। झील के मूल स्वरूप में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। योजना में जल स्तर बनाए रखना, जलीय जीवन का संरक्षण और आसपास का क्षेत्र स्वच्छ रखना प्राथमिकता होगी। झील में हर वर्ष आने वाली गाद से निपटने के लिए नए उपाय सुझाए गए हैं ।

    झील की जल क्षमता बढ़ाने के लिए दो विकल्प 

    पानी मौजूद रहते हुए गाद हटाना या झील के बांध की ऊंचाई दो फीट बढ़ाना। बांध की ऊचाई बढ़ाई गई तो जलभरण क्षमता लगभग 20 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। साल 2002-03 में भी इसी तरह का काम किया गया था, जब झील के रेगुलेटरी एंड की ऊंचाई दो फीट बढ़ाई गई थी। उस समय विशेषज्ञों ने बाढ़ के खतरे को लेकर चेतावनी दी थी, लेकिन इससे झील की जलभरण क्षमता 27 प्रतिशत तक बढ़ी थी। 

    10,395 एकड़ में कैचमेंट एरिया 

    सुखना वेटलैंड लगभग 565 एकड़ में फैली है। इसका कैचमेंट एरिया 10,395 एकड़ है। इसे वर्ष 1988 में केंद्र सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने राष्ट्रीय वेटलैंड घोषित किया था। कैचमेंट एरिया को सुखना वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी के रूप में अधिसूचित किया गया है।