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    हनी सिंह के खिलाफ 6 साल पुराना केस रद, गाने में महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों के इस्तेमाल से जुड़ा है मामला

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 11:33 AM (IST)

    मोहाली की लोक अदालत ने हनी सिंह के खिलाफ मखना गाने के विवाद में पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार कर ली। 2018 में गाने में महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों के इस्तेमाल पर एफआईआर दर्ज हुई थी। शिकायतकर्ताओं की सहमति और सेंसर बोर्ड की मंजूरी के बाद अदालत ने यह फैसला सुनाया जिससे हनी सिंह को बड़ी राहत मिली है।

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    राष्ट्रीय लोक अदालत के फैसले से हनी सिंह को मिली बड़ी राहत।

    जागरण संवाददाता, मोहाली। पंजाब के मोहाली में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत ने मशहूर रैपर यो यो हनी सिंह (हरदेश सिंह औलख) के खिलाफ दर्ज एक लंबे समय से चल रहे मामले में पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है। यह मामला 2018 में रिलीज हुई मखना एलबम के एक गाने में महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों के इस्तेमाल से जुड़ा था, जिसने उस समय देशभर में हलचल मचा दी थी। इस फैसले से हनी सिंह को कानूनी राहत मिली है।

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    2018 में शुरू हुआ मामला

    यह विवाद तब शुरू हुआ जब 2018 में हनी सिंह के एलबम मखना के एक गीत में महिलाओं के प्रति आपत्तिजनक भाषा के इस्तेमाल की शिकायतें सामने आईं। मोहाली के मटौर थाने में उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 294 (अश्लील कृत्य), 509 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना), सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 (अश्लील सामग्री प्रकाशन) और अश्लील प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 6 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।

    शिकायत एएसआई लखविंदर कौर और उस समय पंजाब महिला आयोग की चेयरपर्सन रहीं मनीषा गुलाटी की ओर से की गई थी। मनीषा गुलाटी ने गीत पर पंजाब में प्रतिबंध लगाने की भी मांग उठाई थी, जिसके बाद यह मामला कानूनी प्रक्रिया में चला गया।

    शिकायतकर्ता हुए सहमत

    छह साल तक चली इस कानूनी जंग में हाल ही में हुई सुनवाई के दौरान एक महत्वपूर्ण मोड़ आया। दोनों शिकायतकर्ताओं, एएसआई लखविंदर कौर और मनीषा गुलाटी, ने अदालत में बयान दर्ज करवाते हुए स्पष्ट किया कि उन्हें इस केस को रद करने पर कोई आपत्ति नहीं है।

    पुलिस ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट में दलील दी कि सेंसर बोर्ड ने 27 दिसंबर 2018 को ही गाने को मंजूरी दे दी थी और इस मामले में किसी विशिष्ट महिला को प्रत्यक्ष तौर पर पक्षकार नहीं बनाया गया था। प्रोसिडिंग अफसर अनीश गोयल ने फाइल की गहन समीक्षा की और शिकायतकर्ताओं की सहमति को ध्यान में रखते हुए पुलिस की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया।

    इस फैसले के साथ यो यो हनी सिंह के खिलाफ 6 साल पुरानी कानूनी लड़ाई पर पूर्ण विराम लग गया। यह निर्णय हनी सिंह के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, जो लंबे समय से इस विवाद से जूझ रहे थे।