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    Punjab News: पंजाब में 3 महीने में हुए 41 एनकाउंटर, फिर भी कम नहीं हो रही अपराध की घटनाएं

    पंजाब में अपराध रोकने के लिए पुलिस ने पिछले तीन महीनों में 41 एनकाउंटर किए हैं। हालांकि गैंगस्टर और फिरौती की घटनाएं अब भी जारी हैं। इन मुठभेड़ों में कई गैंगस्टर घायल हुए हैं जबकि दो मारे गए हैं। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने पुलिस को मिली विशेष शक्तियों पर सवाल उठाए हैं और फर्जी मुठभेड़ों के इतिहास को लेकर चिंता व्यक्त की है।

    By Jagran NewsEdited By: Rajiv Mishra Updated: Sat, 19 Apr 2025 11:09 PM (IST)
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    पंजाब में तीन माह में हुए 41 एनकाउंटर (सांकेतिक तस्वीर)

    रोहित कुमार, चंडीगढ़। राज्य में बढ़ते अपराध को रोकने के लिए पंजाब पुलिस ने पिछले तीन माह में 41 एनकाउंटर किए जबकि पिछले वर्ष कुल 64 एनकाउंटर किए गए थे। इसके बावजूद राज्य में गैंग्सटरों व फिरौती की घटनाओं पर लगाम नहीं लग पा रही है। औसतन हरेक दो दिन में एक पुलिस मुकाबला हो रहा है। आंकड़ों के अनुसार 45 से अधिक गैंगस्टरों की टांगों में गोली मारी गई।

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    इस साल दो गैंगस्टरों की एनकाउंटर में हुई मौत

    इस वर्ष दो गैंगस्टरों की पुलिस एनकाउंटर में मौत हो चुकी है जबकि 18 जगहों का बम धमाके हो चुके हैं। पंजाब में पिछले कुछ समय से अपराधियों, विशेष रूप से गैंगस्टरों से पुलिस मुठभेड़ में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है। आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष जनवरी से 31 मार्च तक कुल 41 पुलिस एनकाउंटर हुए हैं।

    किसी गैंगस्टर के परिवार ने एनकाउंटर पर नहीं उठाया सवाल

    अभी तक किसी भी गैंगस्टर के परिवार ने सार्वजनिक रूप से इन एनकाउंटरों पर सवाल नहीं उठाए हैं और न ही उन्हें फर्जी बताया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पुलिस का उद्देश्य किसी अपराधी को शारीरिक नुकसान पहुंचाना नहीं है लेकिन जब पुलिस पर हथियारबंद संदिग्ध फायरिंग करते हैं तो जवाब देना जरूरी हो जाता है। हाल के एनकाउंटरों में अपराधियों ने पहले गोली चलाई, फिर भी पुलिस टीमों ने संयम बरता और केवल अपराधियों के पैरों को निशाना बनाया ताकि वे फरार न हो सकें।

    राज्य सरकार का है पूरा समर्थन

    हर दो दिन में हो रहे इन एनकाउंटरों से यह स्पष्ट है कि पुलिस को राज्य सरकार व शीर्ष अधिकारियों का पूरा समर्थन मिल रहा है। अमृतसर में हत्या के आरोपित और पटियाला में एक अपहरणकर्ता की पुलिस गोलीबारी में मौत हो चुकी है। इसके अलावा, लगभग 45 अपराधियों जिनमें गैंगस्टर, नशा तस्कर व हत्यारे शामिल हैं, को पुलिस मुठभेड़ों में गोली लगी है।

    अपराध के खिलाफ पंजाब पुलिस का आक्रामक रुख

    इन घटनाओं से यह संदेश जरूर गया है कि पंजाब पुलिस अपराध के खिलाफ आक्रामक रुख अपना चुकी है लेकिन इसके साथ ही पुलिस के अधिकारों के दुरुपयोग की आशंका भी बढ़ गई है। हाल ही में पटियाला में एक कर्नल और उसके बेटे की पुलिस की ओर से की गई कथित पिटाई ने इस चिंता को और गहरा कर दिया है।

    रोचक बात यह है कि यही पुलिसकर्मी कुछ समय पहले एक सात वर्ष के बच्चे को अपहरणकर्ता से छुड़वाने में अहम भूमिका निभा चुके थे। इसके बावजूद अब उनके खिलाफ कार्रवाई की संभावनाएं जताई जा रही हैं जिससे उनके करियर और सम्मान पर असर पड़ा है।

    मानवाधिकार कार्यकर्ता ऋषि ने पुलिस को दी गई विशेष शक्तियों पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि इससे कानून अपने हाथ में लेने की प्रवृत्ति बढ़ सकती है और पंजाब, जहां फर्जी मुठभेड़ का इतिहास रहा है, फिर उसी दिशा में जा सकता है। यह लोकतंत्र और कानून के शासन के लिए एक गंभीर खतरा है।

    कब कब हुई मुठभेड़

    • 9 अप्रैल : मोगा पुलिस से मुठभेड़ में डोनी बल गैंग का शूटर गुरजंट सिंह घायल
    • 6 अप्रैल : फाजिल्का पुलिस से मुठभेड़ में एक नशा तस्कर जख्मी
    • 18 मार्च : यूट्यूबर के घर हमला करने वाले आरोपित हार्दिक कंबोज को गोली लगी
    • 17 मार्च : मोगा में दविंदर बंबीहा ग्रुप के गैंग्सटर अमन कुमार उर्फ टिवाणा को मुठभेड़ में गोली लगी
    • 16 मार्च : अमृतसर ग्रामीण पुलिस से मुठभेड़ में गैंगस्टर बिश्वरजीत सिंह गोली लगने से घायल
    • 16 मार्च : लुधियाना ग्रामीण पुलिस से मुठभेड़ में गैंगस्टर कृष्ण जख्मी
    • 14 मार्च : बठिंडा सीआईए से मुठभेड़ में एक गैंगस्टर घायल
    • 14 मार्च : मोगा पुलिस से मुठभेड़ में मनप्रीत सिंह उर्फ मनी जख्मी