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    चंडीगढ़ की सड़कों पर नहीं चला पाएंगे 15 साल पुराने वाहन, ऐसे वाहनों के लिए बनेंगे स्क्रैप सेंटर

    By Ankesh KumarEdited By:
    Updated: Mon, 01 Feb 2021 02:52 PM (IST)

    चंडीगढ़ में अब 15 साल पुराने वाहन नहीं चल सकेंगे। इस बात का ऐलान एक फरवरी को प्रस्तावित आम बजट में हुआ है। इससे उन लोगों की परेशानी और बढ़ गई है जिनके पास बहुत पुराने वाहन हैं।

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    चंडीगढ़ की सड़कों पर नहीं चला पाएंगे पुराने वाहन।

    चंडीगढ़, जेएनएन। सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ की सड़कों पर अब बहुत पुराने वाहन नहीं चल पाएंगे। शहर में कमर्शियल 15 साल पुरानी और पर्सनल 20 साल पुरानी गाड़ियां स्क्रैप होंगी। इसके लिए स्क्रैप सेंटर बनाए जाएंगेl चंडीगढ़ में ऐसी हजारों गाड़ियां दौड़ रही हैं जो इस समय सीमा को पार कर चुकी हैं। केंद्र सरकार के इस फैसले का असर चंडीगढ़ के ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर भी पड़ेगा।

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    एक फरवरी को प्रस्तावित आम बजट में इस ऐलान के बाद अब चंडीगढ़ के ऐसे लोगों ने अपनी गाड़ियों की जांच शुरू कर दी है, जिनके पास ज्यादा पुरानी कारें हैं। इसके पीछे की वजह प्रदूषण बताई जा रही है। पुरानी गाड़ियां ज्यादा प्रदूषण फैलाती हैं। इसलिए इन गाड़ियों को स्क्रैप करने का फैसला लिया जा रहा है।

    इस समय सीमा के बाद अब गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन भी नहीं होगा। पुरानी गाड़ियों को इस समय सीमा से पहले ही रजिस्टर्ड किया जाएगा। हालांकि अभी इस संबंध में विस्तृत गाइडलाइंस आनी बाकी है l इससे पहले भी एक बार 15 साल से पुराने वाहनों को बैन करने का निर्णय चंडीगढ़ प्रशासन ने लेना चाहा था, लेकिन ट्रांसपोर्ट कंपनियों और विभिन्न संगठनों के दबाव के बाद सांसद किरण खेर की हस्तक्षेप से यह फैसला प्रशासन को टालना पड़ा था। अभी यह फैसला डीजल वाहनों पर सबसे पहले लागू किया जाना बताया जा रहा है। पेट्रोल वाहन इसके दायरे से बाहर रखे जा सकते हैं, लेकिन अभी फिलहाल पुराने वाहनों वाले सभी वाहन मालिकों की चिंता बढ़ गई है l

    2 महीने में 10,000 वाहन पंजीकरण

    चंडीगढ़ को कारों का शहर कहा जाता है। यहां वाहनों की संख्या का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हर 2 महीने में 10,000 नंबरों की नई सीरीज खत्म हो जाती है। इसके बाद अगली सीरीज लानी पड़ती है। कमर्शियल वाहनों की संख्या भी कम नहीं है। वाहनों की लगातार बढ़ती संख्या की वजह से सड़कों पर ट्रैफिक का भार बढ़ने से आए दिन जाम लगने लगे हैं, जो ट्रैफिक पुलिस के लिए भी मुश्किल का सबब बन रहे हैं l