Union Budgetः चंडीगढ़ में अब 15 व 20 साल पुरानी कमर्शियल व पर्सनल कारें होंगी स्क्रैप, वाहन चालकों की चिंता बढ़ी
बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पुरानी कारों के लिए स्क्रैप पालिसी लाने की घोषणा की है। इस ऐलान के बाद चंडीगढ़ के ऐसे लोगों ने अपनी गाड़ियों की जांच शुरू कर दी है। जिनके पास ज्यादा पुरानी कारें हैं। इसके पीछे वजह प्रदूषण बताई जा रही है।

चंडीगढ़, जेएनएन। बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पुरानी कारों के लिए स्क्रैप पालिसी लाने की घोषणा की है। कमर्शियल 15 साल पुरानी और पर्सनल 20 साल पुरानी गाड़ियां स्क्रैप होंगी। इसके लिए स्क्रैप सेंटर बनाए जाएंगे। चंडीगढ़ में ऐसी हजारों गाडिय़ां दौड़ रही हैं। जो इस समय सीमा को पार कर चुकी है। केंद्र सरकार के इस फैसले का असर चंडीगढ़ के ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर भी पड़ेगा। बजट में इस ऐलान के बाद अब चंडीगढ़ के ऐसे लोगों ने अपनी गाडिय़ों की जांच शुरू कर दी है। जिनके पास ज्यादा पुरानी कारें हैं। इसके पीछे वजह प्रदूषण बताई जा रही है। पुरानी गाड़ियां ज्यादा प्रदूषण करती हैं इसलिए इन गाड़ियों को स्क्रैप करने का फैसला लिया जा रहा है। इस समय सीमा के बाद अब पुरानी गाडिय़ों का रजिस्ट्रेशन भी नहीं होगा।
पुरानी गाड़ियों को इस समय सेना के पहले ही रजिस्टर्ड किया जाएगा। हालांकि अभी इस संबंध में विस्तृत गाइडलाइंस आनी बाकी है। इससे पहले भी एक बार 15 साल से पुरानी गाड़ियों को बैन करने का निर्णय प्रशासन ने लेना चाहा था। लेकिन ट्रांसपोर्ट कंपनियों और विभिन्न संगठनों के दबाव के बाद सांसद किरण खेर के हस्तक्षेप से यह फैसला प्रशासन को टालना पड़ा था। अभी यह फैसला डीजल वाहनों पर सबसे पहले लागू किया जाना बताया जा रहा है। पेट्रोल वाहन इसके दायरे से बाहर रखे जा सकते हैं। लेकिन फिलहाल पुराने वाहन मालिकों की चिंता बढ़ गई है।
दो महीने में 10 हजार वाहन पंजीकरण
चंडीगढ़ को कारों का शहर कहा जाता है। यहां वाहनों की संख्या का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हर दो महीने में 10 हजार नंबरों की नई सीरीज खत्म हो जाती है। इसके बाद अगली सीरीज लानी पड़ती है। कमर्शियल वाहनों की संख्या भी कम नहीं है। वाहनों की लगातार बढ़ती संख्या की वजह से सड़कों पर भार बढऩे से आए दिन जाम लगने लगे हैं। जो ट्रैफिक पुलिस के लिए भी मुश्किल का सबब बन रहे हैं।
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