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    पपीतों के अर्क से बनी दवा करेगी डेंगू का खात्मा

    By Edited By:
    Updated: Tue, 13 Oct 2015 08:30 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : बेंगलूरू की एक नामी कंपनी माइक्रो लैब्स लिमिटेड ने डेंगू की टेबलेट लांच क

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : बेंगलूरू की एक नामी कंपनी माइक्रो लैब्स लिमिटेड ने डेंगू की टेबलेट लांच की है। दावा किया गया है कि यह दवा न केवल ब्लड प्लेटलेट्स को बढ़ाएगी, बल्कि जानलेवा बीमारी से हो रही मौतों के सिलसिले को भी रोकेगी। ब्लड प्लेटलेट्स का घटना डेंगू में एक गंभीर लक्षण माना जाता है। कैरीपिल नाम की इस दवा को कैरिका पपैया की पत्तियों के अर्क से बनाई गई है और इसके कोई साइड-इफैक्ट नहीं हैं। यह दवा दिन में तीन बार लेनी है और लगातार पांच दिन तक लेनी है। वैसे डेंगू वायरल इनफेक्शन है। भारत में इसके चार तरह के संक्रमण होते हैं। अलग-अलग जगहों पर अलग अलग संक्रमण होता है।

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    परीक्षण में निकली लाजवाब

    पीजीआइ सहित देश के चार अन्य अस्पतालों में इस दवा के क्लीनिकल ट्रायल चल रहे हैं। माइक्रो लैब्स द्वारा संचालित व्यापक आरएंडडी एवं चिकित्सीय परीक्षणों के बाद निर्मित इस दवा ने भारत में लगभग एक लाख रोगियों में अपनी सुरक्षा एवं दक्षता को साबित किया है। डेंगू समूचे विश्व में एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बनकर उभर रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार 2.5 अरब लोगों को इसका खतरा है और प्रतिवर्ष 50 मिलियन डेंगू संक्रमण सामने आ रहे है।

    ट्राईसिटी में इस साल बढ़े मामले

    पंजाब और हरियाणा के बाद इन दोनों की राजधानी चंड़ीगढ़ में इस सीजन में डेंगू के मामलों में अचानक बहुत अधिक बढ़ोतरी दर्ज की गई। कैरीपिल के विषय में फोर्टिस हॉस्पिटल बेंगलूरू के प्रमुख जांचकर्ता डॉ़ एसी गौड़ा ने कहा कि 'डेंगू के रोगियों में प्रोत्साहक परिणामों ने कैरीपिल के अत्यधिक साम‌र्थ्य को दर्शाया है। 250 रोगियों पर चिकित्सीय परीक्षण और व्यापक शोध के बाद हमें हैमरेज स्थिति में सकारात्मक परिणाम देखने को मिले है। जिन लोगों को यह दवा दी गई है, उनमें से किसी को भी अभी तक ब्लड ट्रांसफ्यूजन (रक्त आधान) नहीं कराना पड़ा है।

    सभी आयुवर्ग के लोगों को हो रही बीमारी

    भारत में कम प्रतिरोधक क्षमता वाले सभी आयु वर्ग के लोगों में डेंगू के मामलों में बेतहाशा वृद्घि हो रही है। पीडि़त व्यक्ति, मच्छर के काटने से शरीर में जाने वाले वायरस के प्रति मजबूती से रिएक्ट करते है। वायरस से डेंगू के रोगियों में आंखों, शरीर और जोड़ों में अत्यधिक दर्द, तेज बुखार, थकावट, चलने फिरने में कठिनाई और प्लेटलेट काउंट में अचानक गिरावट देखी जाती है। यह जानलेवा भी हो सकता है। इसके अतिरिक्त, पारंपरिक उपचार जिसमें प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन की आवश्यकता पड़ती है, से काफी आर्थिक बोझ पड़ता है। इसके साथ ही रोगी एवं उसका परिवार बुरी तरह परेशान होता है। कैरीपिल की एक टेबलेट की कीमत 25 रुपये है और 5 दिनों तक दिन में एक बार एक टेबलेट (1100एमजी) की खुराक लेनी होती है।

    अब तक नहीं था विशेष उपचार

    बता दें कि डेंगू के लिए कोई विशिष्ट उपचार अभी तक उपलब्ध नहीं था। बस बुखार घटाने के लिए पैरासिटामॉल की कुछ टेबलेट दी जाती थी। हालांकि, बुखार उतरने के फौरन बाद रक्त में मौजूद प्लेटलेट काउंट घटना शुरू हो जाता और स्वास्थ्य संबंधी गंभीर परिणाम सामने आते थे।