खुशखबरी! देश में चलेंगी 10 हजार E-Bus, हरियाणा को मिलेंगी 450 इलेक्ट्रिक बसें
केंद्र सरकार ने प्रदूषण कम करने के लिए पीएम-ई-बस सेवा योजना शुरू की है जिसके तहत हरियाणा को 450 इलेक्ट्रिक बसें मिलेंगी जिनमें से 100 गुरुग्राम में चलेंगी। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने यह जानकारी दी। इस योजना से वायु गुणवत्ता में सुधार होगा और नए रोजगार भी पैदा होंगे। गुरुग्राम में मेट्रो कॉरिडोर का भी भूमि पूजन हुआ।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। देशभर में प्रदूषण की समस्या से निपटने और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने ‘पीएम-ई-बस सेवा योजना’ के तहत 10 हजार इलेक्ट्रिक बसें संचालित करने का निर्णय लिया है। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को काफी रियायती दरों पर यह बसें उपलब्ध कराई जाएंगी। हरियाणा के हिस्से में करीब 450 बसें आएंगी, जिनमें से 100 बसें अकेले गुरुग्राम में चलेंगी।
केंद्रीय ऊर्जा, आवास एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस महत्वाकांक्षी योजना के संकेत दिए हैं। यह निर्णय वायु गुणवत्ता में सुधार लाने, सार्वजनिक परिवहन को सशक्त बनाने और इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से लिया गया है।
केंद्र सरकार की इलेक्ट्रिक बसें संचालित करने की यह पहल न सिर्फ प्रदूषण नियंत्रण में मदद करेगी, बल्कि लोगों को किफायती, आरामदायक और आधुनिक यातायात सुविधा भी प्रदान करेगी। केंद्रीय शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने गुरुग्राम में मिलेनियम सिटी सेंटर से साइबर सिटी पार्क-द्वारका एक्सप्रेस वे तक जाने वाले 28.5 किलोमीटर लंबे मेट्रो कारिडोर के भूमि पूजन के दौरान 10 हजार इलेक्ट्रिक बसें राज्यों को उपलब्ध कराने की पुष्टि की है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भी उनके साथ थे। इस प्रोजेक्ट पर 27 स्टेशन बनेंगे। यह मेट्रो सेवा नये और पुराने गुरुग्राम को जोड़ेगी। विश्व संसाधन संस्थान (डब्ल्यूआरआइ) का अनुमान है कि यह योजना देशभर में 45 से 55 हजार नये रोजगार पैदा कर सकती है।
इंटरनेशनल काउंसिल आन क्लीन ट्रांसपोर्टेशन (आइसीसीटी) की रिपोर्ट बताती है कि अब तक चल रही 3,800 से ज्यादा ई-बसों से करीब 1,200 टन नाइट्रोजन आक्साइड और 700 टन कार्बन मोनोआक्साइड उत्सर्जन में कमी आई है। इसका सीधा असर आम जनता के स्वास्थ्य और पर्यावरण पर पड़ेगा। केंद्र सरकार ने अगस्त-2023 में ‘पीएम-ई-बस सेवा योजना’ की शुरूआत की थी।
इस योजना को लगभग 20 हजार करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता के साथ देशभर में लागू किया जा रहा है। पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड के तहत इन बसों का संचालन होगा। केंद्र द्वारा तय शर्तों के तहत 12 मीटर लंबी स्टैंडर्ड बस के लिए 24 रुपये प्रति किलोमीटर, नौ मीटर मिडल बस के लिए 22 रुपये तथा सात मीटर ऊंचाई वाली मिनी बस के लिए 20 रुपये प्रति किलोमीटर की केंद्रीय सहायता तय की है।
चार्जिंग स्टेशन व बस डिपो समेत नागरिक ढांचे के निर्माण पर भी केंद्र की ओर से 100 प्रतिशत तक मदद दी जाएगी।केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल के अनुसार हरियाणा को 450 बसों का कोटा मिला है। इनमें से गुरुग्राम को 100 इलेक्ट्रिक बसें दी जाएंगी।
गुरुग्राम को इसलिए प्राथमिकता दी गई है क्योंकि यहां दिल्ली से सटे क्षेत्रों में वाहनों की संख्या सबसे अधिक है और वायु प्रदूषण भी लगातार चिंता का विषय रहा है। बताया जाता है कि राज्य परिवहन विभाग और निजी ऑपरेटरों के बीच अनुबंध पूरा नहीं होने की वजह से बसों की डिलीवरी अटक गई थी। अब केंद्र व राज्य सरकार इस परियोजना के क्रियान्वयन को लेकर गंभीर हो गई है। जल्दी ही इसे सिरे चढ़ाया जाएगा ताकि हरियाणा को उसके हिस्से की सभी बसें मिल सकें।
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