Updated: Mon, 08 Sep 2025 09:09 PM (IST)
हरियाणा सरकार राज्य में 10 नए औद्योगिक शहर बसाने जा रही है जिसमें किसानों ने भी रुचि दिखाई है और लगभग 30000 एकड़ जमीन सरकार को बेचने का प्रस्ताव दिया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 2025-26 के बजट में इसकी घोषणा की थी। सरकार जल्द ही इन जमीनों की स्क्रूटनी करके औद्योगिक मॉडल टाउनशिप को शुरू करने की योजना बना रही है।
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा में अनियमित औद्योगिक कालोनियों को नियमित करने का बिल पास कर चुकी नायब सरकार अब राज्य में 10 औद्योगिक शहर (आइएमटी) बसाने की दिशा में तेजी से प्रयासरत है। इन नये औद्योगिक शहरों को बसाने में राज्य के किसान भी काफी रुचि दिखा रहे हैं।
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प्रदेश सरकार को किसानों से करीब 30 हजार एकड़ जमीन बेचने के प्रस्ताव मिल चुके हैं। किसानों ने औद्योगिक शहर बसाने के लिए ई-भूमि पोर्टल पर स्वेच्छा से अपनी जमीन सरकार को बेचने की पेशकश की है। राज्य सरकार इन जमीन की बिक्री के प्रस्तावों का अध्ययन कराने में लगी है, ताकि उनका मोल-भाव तय कर जमीन की खरीद को अंतिम रूप दिया जा सके।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने साल 2025-26 के बजट में आइएमटी खरखौदा की तर्ज पर 10 नई औद्योगिक माडल टाउनशिप (आइएमटी) बनाने की घोषणा की थी। इनमें से नौ औद्योगिक माडल टाउनशिप के स्थान फाइनल हो चुके हैं। छह नई औद्योगिक माडल टाउनशिप तैयार होंगी, जबकि तीन को विस्तार (एक्सटेंशन) दिया जाएगा।
अंबाला, नारायणगढ़, पलवल, जींद, रेवाड़ी और राई में नई औद्योगिक माडल टाउनशिप विकसित की जाएगी। सोहना में पूर्व से संचालित आइएमटी का 1500 एकड़ में विस्तार होगा। आइएमटी खरखौदा का करीब 6000 एकड़ में विस्तार किया जाएगा। बावल आइएमटी का करीब 5000 एकड़ जमीन में नया विस्तार होगा।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की इस योजना को उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के आयुक्त एवं सचिव डा. अमित अग्रवाल, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के चीफ कार्डिनेटर सुनील शर्मा और एचएसआइआइडीसी के प्रबंध निदेशक यश गर्ग धऱातल पर उतारने में लगे हैं। उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर, सीएम के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर और प्रधान सचिव अरुण गुप्ता की देखरेख में पूरी कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के चीफ कार्डिनेटर सुनील शर्मा को किसानों के जमीन बेचने संबंधी प्रस्तावों पर पूरी कार्ययोजना बनाने को कहा गया है। फिलहाल जमीन की स्क्रूटनी का काम चल रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि संबंधित जमीन आइएमटी के लिए कितनी उपयोगी है।
जमीन की उपयोगिता के हिसाब से उसके रेट तय किए जाएंगे। हरियाणा सरकार की योजना अगले तीन माह में इन औद्योगिक माडल टाउनशिप को संचालित करने की है। इससे न केवल हजारों रोजगार मिलेंगे, बल्कि राज्य में औद्योगिक क्रांति के नये युग का सूत्रपात होगा।
जमीन बेचने वाले किसानों को उनके मूल्य के साथ-साथ यह विकल्प भी दिया गया है कि वे बदले में प्लाट ले सकते हैं और बाद में उसे वापस एचएसआइआइडीसी को बेच भी सकते हैं। उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के आयुक्त एवं सचिव डा. अमित अग्रवाल और विभाग के चीफ कार्डिनेटर सुनील शर्मा ने कहा है कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी जिस तरह से उद्योगपतियों व स्टार्टअप्स को राज्य में प्रोत्साहित कर रहे हैं, यह औद्योगिक क्रांति का ही प्रतिफल है।
हरियाणा औद्योगिक क्रांति के शानदार सफर की ओर हरियाणा औद्योगिक क्रांति के शानदार सफर की ओर अग्रसर है। राज्य में नई-नई कंपनियां आ रही हैं और पहले से संचालित कंपनियां अपना कारोबार बढ़ाने में लगी हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री नायब सैनी ने गुरुग्राम में स्थापित उद्योगपतियों, स्टार्टअप्स, इनक्यूबेटर्स और आइकान उद्योगपतियों के साथ करीब साढ़े चार घंटे तक संवाद किया है।
सबके अनुभव सुने। बाजार, पालिसी, पूंजी, जरूरत, समस्या और समाधान सभी पर बात हुई। मुख्यमंत्री, उद्योग मंत्री, विभाग के आयुक्त और एचएसआइआइडीसी के एमडी की मौजूदगी में सभी उद्योगपतियों ने एक दूसरे के नंबरों और आइडिया का आदान प्रदान किया।
एचएसआइआइडीसी भविष्य में इन सभी के बीच कार्डिनेशन को बढ़ानेका काम करेगी और औद्योगिक रूप से उन्हें सशक्त कर अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को देगी। - सुनील शर्मा, चीफ कार्डिनेटर, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, हरियाणा
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