यूके का वीजा लगवाने का झांसा देकर ठगे एक करोड़ रुपये, 2 इमिग्रेशन एजेंटों के खिलाफ केस दर्ज
बठिंडा में वीजा दिलाने के नाम पर तीन लोगों से 75 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। आरोपियों ने फर्जी स्पॉन्सरशिप सर्टिफिकेट का इस्तेमाल किया और वीजा रद्द होने पर पैसे वापस करने का वादा किया था। शिकायतकर्ता वाशु शर्मा ने पुलिस को शिकायत दर्ज कराई है जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

जागरण संवाददाता,बठिंडा। मुल्तानियां रोड निवासी एक व्यक्ति समेत तीन लोगों को वर्क परमिट देकर और वीज़ा के लिए आवेदन करते समय फ़र्ज़ी स्पॉन्सरशिप सर्टिफिकेट का इस्तेमाल करके ठगने का मामला सामने आया है।
बठिंडा के मुल्तानियां रोड निवासी वाशु शर्मा ने फाजिल्का जिले के नुकेरियां निवासी हरजोबन सिंह और मलोट निवासी हरपिंदर सिंह के खिलाफ एसएसपी बठिंडा को लिखित शिकायत दर्ज करवाते हुए बताया कि ये लोग मलोट में आक्सफ़ोर्ड इमिग्रेशन और बठिंडा में एस्टेट ओवरसीज़ के नाम से इमिग्रेशन का काम करते हैं।
इन लोगों ने उन्हें 25 लाख रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से ब्रिटेन का वीज़ा दिलाने का वादा किया था, जिसके बाद उन्होंने गुरसिमरन सिंह, जसकरण सिंह और रणजोध सिंह की तीन फाइलों पर वीज़ा लगाने के साथ-साथ आरोपितों को 75 लाख रुपये भी दिए थे। आरोपितों ने यह भी आश्वासन दिया था कि यदि किसी कारणवश वीजा रद होता है, तो पूरी राशि वापस कर दी जाएगी। इस संबंध में एक समझौता भी लिखा गया था।
पीड़ित ने बताया कि नवंबर 2024 में आवेदक और उसकी पत्नी से 75 लाख रुपये लेने के बाद, उन्होंने 12 मई 2025 को एक कुशल प्रवासी के रूप में वीजा के लिए आवेदन किया था। उपरोक्त आरोपियों ने गुरसिरमन सिंह और जसकरन सिंह की फाइलें दूतावास में जमा नहीं करवाईं, क्योंकि उनके मामले में उनके वीजा आवेदन पहले ही खारिज हो चुके थे, लेकिन राशि छह महीने पहले दे दी गई थी। फाइल भी जमा हो गई और उसकी स्पॉन्सरशिप फर्जी निकली।
जब उसने आरोपियों से पैसे वापस मांगे, तो आरोपियों ने उसे कोई जवाब नहीं दिया और बहाने बनाने शुरू कर दिए। जब आरोपितों से दोबारा पैसे मांगे गए, तो वे परिणाम भुगतने की धमकी देने लगे। शिकायतकर्ता के बयानों के आधार पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।