Move to Jagran APP

पंजाब पहुंचे स्वामी विज्ञानानंद, कहा- अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए जनता से धन जुटाएगी विहिप

विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महामंत्री स्वामी विज्ञानानंद अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के सिलसिले में पंजाब में हैं। कहा कि मंदिर निर्माण के लिए सरकार से कोई धन नहीं लिया जाएगा बल्कि देश के चार करोड़ परिवारों से संपर्क कर धन जुटाया जाएगा।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 07 Dec 2020 02:15 PM (IST)Updated: Mon, 07 Dec 2020 02:15 PM (IST)
पंजाब पहुंचे स्वामी विज्ञानानंद, कहा- अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए जनता से धन जुटाएगी विहिप
बठिंडा में पत्रकारों से बातचीत करते स्वामी विज्ञानानंद। जागरण

जेएनएन, बठिंडा। अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण शीघ्र ही शुरू होने जा रहा है। मंदिर निर्माण के लिए 1500 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। इसमें 300 करोड़ रुपये की लागत के साथ भव्य मंदिर का निर्माण होगा, जबकि अन्य राशि से यात्री निवास, विभिन्न म्यूजियम के अलावा और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। मंदिर का निर्माण आम लोगों से धन इकट्ठा करके किया जाएगा। इसमें केंद्र सरकार से कोई पैसा नहीं लिया जाएगा।

loksabha election banner

यह बात सोमवार को विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महामंत्री, वर्ल्ड हिंदू इकोनोमिक फोरम और वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस के संस्थापक स्वामी विज्ञानानंद ने कही। वह यहां पर विश्व हिंदू परिषद के प्रदेश अध्यक्ष हरप्रीत सिंह गिल के निवास पर संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। वह मंदिर निर्माण के लिए धन संग्रह करने के सिलसिले में ही प्रदेश अध्यक्ष व समाज के लोगों से बातचीत करने के लिए पहुंचे थे, ताकि आम लोगों से धन इकट्ठा करने की प्रक्रिया को शुरू किया जा सके।

प्रधानमंत्री का मोरल स्पोर्ट अवश्य, लेकिन पैसा नहीं

उन्होंने कहा कि भारत के करीब साढ़े छह लाख गांव हैं, जिसमें से चार लाख गांवों में संगठन को पहुंचना है। इसका मतलब चार करोड़ परिवारों के साथ डायरेक्ट संपर्क करके राम जन्म भूमि के इस महाअभियान में धन संग्रह करना है। धन संग्रह का मूल उद्देश्य है कि हर आदमी ऐसा अनुभव करे कि श्री राम जन्म भूमि के निर्माण में उसका भी योगदान है। यह बड़ा व्यापक कार्यक्रम बना है।

उन्होंने कहा कि इस व्यापक अभियान में विश्व हिंदू परिषद का पूरा संगठन लगा हुआ है और इसे लीड कर रहा है। जगह-जगह पर इसकी बैठकें शुरू कर दी गई हैं। उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण में प्रधानमंत्री का मोरल स्पोर्ट अवश्य है, लेकिन उनसे पैसा कोई नहीं लिया जा रहा है। मंदिर निर्माण में सरकार से एक पैसे का भी योगदान नहीं लेंगे। इसका निर्माण जनता के पैसे से ही करना है। इसमें समाज के हर वर्ग के लोगों से पैसा इकट्ठा किया जाएगा।

2024 में श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा मंदिर

उन्होंने कहा कि इसका स्ट्रक्चर बेशक पत्थर का होगा, लेकिन यह सबको जोड़ने वाला है। विश्व हिंदू परिषद अलग से पैसा इकट्ठा नहीं कर रहा। परिषद ट्रस्ट के लिए ही पैसा इकट्ठा कर रहा है। इसमें ट्रस्ट का ही कूपन होगा और उसकी ही रसीद होगी। इसमें दस रुपये का मिनीमम कूपना रखा गया है। पैसा इकट्ठा करने के लिए जिला व प्रखंड स्तर पर टीमें बनाई जा रही हैं। पैसा इकट्ठा कर ट्रस्ट के स्टेट बैंक आफ इंडिया में अकाउंट में जमा करवाया जाएगा। मंदिर निर्माण का काम लार्सन एंड टुबरो को दिया गया है।

एलएंडटी का भी कंसलटेड आइआइटी मद्रास व टाटा इंजीनियर्स हैं। इसके आर्किटेक्ट सोमपुरा जी हैं। यह मंदिर कोटा सैंड स्टोन का बनेगा। मंदिर का निर्माण तीन साल में पूरा करने की योजना है। वर्ष 2024 के शुरूआत में मंदिर को श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए खोल दिया जाएगा। इस मौके पर परिषद के प्रदेश अध्यक्ष हरप्रीत सिंह गिल के अलावा भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश सचिव सुखपाल सिंह सरां भी मौजूद थे। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.