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    पंजाब में धान कटाई के बाद 23 जिलों में से 13 में जलने लगी पराली, इस जिले में आए सबसे ज्यादा मामले

    Updated: Sat, 04 Oct 2025 01:48 PM (IST)

    बठिंडा पंजाब में धान की कटाई के बाद पराली जलाने के मामले बढ़ रहे हैं इस साल 95 मामले सामने आए हैं जिनमें अमृतसर में सबसे ज्यादा हैं। हालांकि प्रदूषण का स्तर अभी नियंत्रण में है क्योंकि किसी भी जिले में एक्यूआइ 100 के पार नहीं गया है। साल 2021 से पराली जलाने के मामलों में कमी आई है

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    पंजाब में धान कटाई के बाद 23 जिलों में से 13 में जलने लगी पराली (File Photo)

    जागरण संवाददाता, बठिंडा। धान की कटाई के बाद पराली को आग लगने की घटनाएं भी होने लगी हैं। राज्य में इस साल अब तक पराली जलाने के 95 मामले सामने आ चुके हैं।

    सबसे ज्यादा अमृतसर में 55 मामले आए हैं। जिसके बाद तरनतारन में 11 जगहों पर पराली को आग लगाई जा चुकी है। पराली को आग लगाए जाने से प्रदूषण का स्तर भी बिगड़ रहा है लेकिन राहत की बात यह है कि अब तक राज्य के किसी भी जिले में एक्यूआइ 100 के पार नहीं हुआ।

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    दूसरी तरफ साल 2021 के बाद हर साल पराली जलाने के मामले में कम हो रहे हैं। इसके पीछे किसानों में बढ़ रही जागरूकता कहो या फिर सरकारों की सख्ती राज्य के इन जिलों में अब तक इतने मामले आए सामने अमृतसर: 55 तरनतारन : 11 पटियाला : 10 मलेरकोटला : 4 बरनाला : 3 कपूर्थला : 3 होशियारपुर : 2 संगरूर : 2 बठिंडा : 1 फरीदकोट : 1 फिरोजपुर : 1 जालंधर : 1 एसएएस नगर: 1 -

    बीते चार सालों में इतने मामले आए सामने

    • 2021: 71304
    • 2022: 49922
    • 2023: 36663
    • 2024: 10909

    इस सीजन में सितंबर में इतनी जली पराली

    • 15: 6
    • 16: 17
    • 17: 12
    • 18: 11
    • 19: 1
    • 20: 1
    • 21: 7
    • 22: 6
    • 23: 8
    • 24: 6
    • 25: 3
    • 26: 1
    • 27: 2
    • 28: 8
    • 29: 5

    प्रमुख शहरों का 3 अक्टूबर को एक्यूआइ

    • अमृतसर : 91
    • जालंधर : 50
    • पटियाला : 67
    • लुधियाना : 96
    • बठिंडा : 88

    इनकी है जिम्मेवारी 

    प्रशासन: पराली की आग को रोकने के लिए जिला प्रशासन की अहम भूमिका होती है। प्रशासनिक अधिकारी हर रोज गांवों में जाकर किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक कर रहे हैं।

    पुलिस: पराली को आग लगने वाले जिम्मेदार पर केस दर्ज करना। सारा कुछ वेरिफाई होने के बाद संबंधित अधिकारी की रिपोर्ट के बाद केस दर्ज किया जाता है। अगर पुलिस सख्ती से कार्रवाई करे तो पराली कम जलेगी।

    प्रदूषण कंट्रोल विभाग

    पराली को आग लगाने सेरोकने के लिए प्रदूषण कंट्रोल विभाग नोडल एजेंसी होता है। विभाग की ओर से सेटेलाइट के माध्यम से पराली जलाने की रिपोर्ट तैयार की जाती है। जिसके बाद अगर केस सही मिलता है तो संबंधित को चालान काटकर जुर्माना भी लगाया जाता है।

    रेवेन्यू विभाग

    किसानों द्वारा पराली को आग लगाने के बाद जो चालान काटकर जुर्माने लगाए जाते हैं, उसकी रिकवरी करने की जिम्मेवारी होती है। लेकिन रेवेन्यू विभाग की कारगुजारी इतनी धीमी है कि जुर्माना भी वसूल करने में काफी पीछे है। 

    कृषि विभाग: कृषि विभाग की जिम्मेवारी किसानों को जागरूक करने की होती है। उनके द्वारा लगातार गांवों में कैंप लगाने के अलावा प्रदर्शनियां लगाकर किसानों को जागरूक किया जा रहा है। लेकिन इसके बाद भी पराली जलना समझ से परे है।

    ऐसे लगता है जुर्माना

    • 2 एकड़ तक 2500 रुपये 
    • 5 एकड़ तक 5000 रुपये 
    • 5 एकड़ से अधिक पर 15 हजार