बठिंडा, जागरण संवाददाता। हाई सिक्योरिटी कहीं जाने वाली केंद्रीय जेल बठिंडा पिछले कुछ दिनों से सुर्खियों में बनी हुई। जिसका कारण केंद्रीय जेल में कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के अलावा पंजाब के अन्य गैंगस्टरों का इस जेल में बंद होना है। केंद्रीय जेल बठिंडा में 2100 कैदियों को रखने की क्षमता है, लेकिन मौजूदा समय में इसमें 1750 कैदी व हवालाती बंद है।

वहीं बठिंडा जेल में ए, बी और सी कैटेगरी के करीब 51 गैंगस्टर भी शामिल है। जिसमें 36 हवालाती है, तो 15 कैदी है। इन गैंगस्टरों के चलते जेल में आए दिन झगड़े व मारपीट की वारदात भी होती रही है।

लॉरेंस बिश्नोई के दो इंटरव्यू ने खड़े किए सवाल

पिछले दिनों गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के दो इंटरव्यू सामने आने के बाद बठिंडा जेल काफी विवादों में है और उसकी सुरक्षा को लेकर सवाल भी खड़े किए जा रहे हैं। हालांकि जेल प्रशासन इस बाबत जेल में लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू की बात से इंकार करता रहा है, लेकिन जमीनी सच्चाई यह है कि मोबाइल रेंज को ब्लॉक करने वाले जैमर से लेस इस जेल में आए दिन कैदियों व हवालातियों से मोबाइल फोन बरामदगी के मामले सामने आते रहे हैं।

अब सवाल उठता है कि अगर जेल में मोबाइल रेंज ब्लॉक है, तो फिर कैदी इन मोबाइलों का क्या करते हैं। शायद इसका जवाब किसी के पास नहीं है। बठिंडा की इस जेल में बाहर के भी गैंगस्टर लाकर रखे जाते हैं, क्योंकि बठिंडा की इस जेल को सुरक्षा के लिहाज से ज्यादा सुरक्षित माना जाता है और मोबाइल नेटवर्क नहीं होने का दावा किया जाता है।

बठिंडा की जेल में कैद हैं इतने कैदी

आरटीआई एक्टिविस्ट संजीव गोयल की तरफ से बठिंडा की जेल में व्यापक व्यवस्था को लेकर सूचना अधिकार कानून के तहत मांगी जानकारी में खुलासा हुआ है कि जेल में 2100 हवालाती व कैदियों को रखने की समर्था है। वहीं जेल में ए से लेकर डी कैटेगरी के कैदी गैंगस्टरों की गिनती 15 है।

जिसमें सर्वाधिक खतरनाक ए कैटेगरी के छह, बी कैटेगरी के तीन व सी कैटेगरी के एक कैदी गैंगस्टर रखा गया है। वहीं एनआई व जेल रूट व बड़े स्मगलर की तादाद पांच है। इसके अलावा जेल में महिला कैदी कोई नहीं है, जबकि 542 पुरुष कैदी बंद है। वहीं 36 हवालाती गैंगस्टर भी इसी जेल में बंद है। इसमें ए ग्रुप के 11, बी ग्रुप के 4 व अन्य 21 गैंगस्टर हवालाती है। वहीं जेल में कुल हवालाती 1193 है।

कैदी करते हैं ये काम

आरटीआई सूचना में जेल व्यवस्था के मामले में कैदियों को दी जाने वाली ड्यूटी के संबंध में बताया गया है। जिसके मुताबिक 73 कैदियों से लंगर में काम करवाया जा रहा है, जबकि 147 कैदी निगरान बैरक और गेट निगरान का काम करते हैं। वहीं 25 कैदियों से बतौर चक्कर सेवादार का काम करवाया जाता है। 22 नफर कैदियों से कार्यालयों व दफ्तरों में काम करवाया जाता है। 88 नफर कैदियों से बैरकों में साफ-सफाई का काम लिया जा रहा है, जबकि 33 नफर कैदियों से खेती का काम करवाया जा रहा है।

इसी तरह 9 नफर कैदियों से खेतीबाड़ी का काम करवाया जाता है। वहीं 5 कैदियों से लंगर कमेटी में काम करवाया जाता है, जबकि 4 कैदी कटिंग पंजे में काम करते हैं। 14 नफर कैदी गैंगस्टर अलग-अलग सेलों में बंद हैं।5 कैदी विकलांग हैं, उनसे कोई भी मेहनत का काम नहीं करवाया जाता है।

5 कैदी सधारण कैदी हैं, जबकि अन्य 101 कैदी फैक्टरी में काम करते हैं। इसी तरह परिवार व दोस्तों से संपर्क रखने के संबंध में जेल के अंदर कैदी 10 मिनट प्रति दिन टेलीफ़ोन के माध्यम से परिजनों से बात करते है, जिसका समय सुबह जेल खुलने से लेकर बंद करने तक का है।

Edited By: Swati Singh