बठिंडा में रिटायर्ड नेवी अधिकारी के साथ ठगी, पैसे डबल करने का झांसा देकर 67 लाख का लगाया चूना
बठिंडा में एक सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारी को इंश्योरेंस पॉलिसी के पैसे दोगुने करने का लालच देकर लगभग 67 लाख रुपये की ठगी का शिकार बनाया गया। पुलिस ने शिकायत पर कार्रवाई करते हुए आरोपियों की पहचान श्री अमृतसर के राजविंदर सिंह और जगप्रीत सिंह के रूप में की है और उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।

जागरण संवाददाता, बठिंडा। भारतीय नेवी सैना से सेवामुक्त हुए 71 वर्षीय एक अधिकारी की इंनसोरेस पॉलिसी के पैसे डबल करने का झांसा देकर दो ठगों ने करीब 67 लाख रुपये की ठगी की है। बठिंडा पुलिस ने पीड़ित अधिकारी की शिकायत पर मामला दर्ज कर आरोपितों की पहचान की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए आरोपित श्री अमृतसर जिले के रहने वाले है।
पुलिस को शिकायत देकर गली नंबर 12 जुझार सिंह नगर बठिंडा निवासी पीड़ित बलवीर सिंह ने बताया कि वह भारतीय जल सेना से साल 1992 में बतौर मास्टर चीफ पेटी आफिसर क्लास 2 के पद से सेवामुक्त हो चुका है। सेना से रिटायर्ड होने के बाद उसने साल 2014 तक बठिंडा के ज्ञानी जैल सिंह इंजीनियरिंग आफ टेक्नीलाजी यूनिवर्सिटी में बतौर इलैक्टरीकल इंस्टकटर नौकरी की है।
पीड़ित के अनुसार वर्ष 2014 में उसने रियालंस इंनसोरेस कंपनी से अपने और अपनी बेटी के नाम पर छह इंनसोरेस पॉलिसी बनवाई थी। जिनकी वह पूरी किश्तें भर नहीं सका और उसने कुछ किश्तें ही भरी थी।
उसने भरी हुई किश्तों के पैसे वापस लेने के लिए बठिंडा के हाजीरत्न चौंक पर स्थित कंपनी के दफ्तर में गया और वहां पर मौजूदा कंपनी के अधिकारियों से मिलकर अपने पैसे वापस करने की मांग की, लेकिन उन्होंने पैसे वापस करने से साफ इंकार कर दिया। जिसके बाद उसने बठिंडा अदालत में कंपनी के खिलाफ केस दायर कर दिया, लेकिन वह अदालत से केस भी हार गया।
पीड़ित के अनुसार साल 2023 में उसके मोबाइल फोन पर एक व्यक्ति का फोन आया और उसने अपनी पहचान अजय वर्मा कमिश्नर लोकपाल बंबे बताया और उसने उसे आश्वासन दिया कि वह उनके इंनसोरेस पॉलिसी के पैसे दोगुणा करवाकर कंपनी से वापस दिला देगा। इसके लिए उसे कुछ पैसे देने होंगे।
पीड़ित ने बताया कि अपने पैसे वापस लेने के लालच में आकर वह आरोपित के झांसे में आ गया और आरोपित के कहने पर उसने अपने बैक खाते से आरोपित अजय वर्मा के बैक खाते में विभिन्न किश्तों में करीब 19.56 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। पैसे लेने के बाद उक्त व्यक्ति ने अपना फोन बंद कर लिया। अपने परिवार के डर से उसने पुलिस के पास उक्त ठगी की शिकायत नहीं की।
पीड़ित ने बताया कि साल 2025 में उसे दोबारा उसके मोबाइल पर फोन आया और सामने से बात करने वाले व्यक्ति ने अपना नाम लखविंदर सिंह बताया और कहा कि वह एक रिटायर्ड टीचर है। आरोपित ने उसे झांसा दिया कि जिस प्रकार इंनसोरेस पॉलिसी के पैसे आपके फंसे हुए, उसकी प्रकार उसके भी 45 लाख इंनसोरेस पॉलिसी में फंसे हुए है।
पीड़ित के अनुसार आरोपित ने उसे झांसा दिया कि उसके फंसे हुए पैसे राधे मोहन नाम का व्यक्ति है, जोकि लोकपाल बंबे में एक अधिकारी है, उसने उसके इंनसोरेस पॉलिसी के 45 लाख रुपये निकलवा दिए है। उक्त राधे मोहन व्यक्ति अपके भी इंनसोरेस पॉलिसी के पैसे कंपनी से निकलवा देगा। इतना ही नहीं जो पैसे आपे ने पहले अजय वर्मा नामक व्यक्ति को दिए थे, वह रकम भी आपकी वापस करवा देगा।
पीड़ित ने अनुसार वह खो हुए पैसे वापस लेने के झांसे में आकर आरोपित लखविंदर सिंह की बातों पर भरोसा कर लिया और राधे मोहन को पैसे देने के लिए तैयार हो गया। जिसके बाद आरोपित लखविंदर सिंह ने राधे मोहन से उसकी फोन पर बातचीत करवाई व उसे भरोसा दिलाया कि वह इंनसोरेस पॉलिसी के पूरी रकम और अजय वर्मा द्वारा ठगे पैसे समेत उसकी पूरी रकम उसे वापस करवा देगा।
इसके बाद उसने विभिन्न किश्तों में आरोपित राधे मोहन के बैंक खाते में 38 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। इसके अलावा आरोपित ने अपने विभिन्न साथियों की मदद से 9 लाख रुपये विभिन्न किश्तों में हासिल किए, लेकिन पैसे लेने के बाद उक्त लोगों ने उसे संपर्क करना बंद कर दिया।
पीड़ित के अनुसार उसे बाद में पता चला कि आरोपित राजविंदर सिंह निवासी गांव कलेश जिला तरनतारन व जगप्रीत सिंह निवासी गांव कठानिया जिला श्री अमतसर ने मिलकर एक गिरोह बना रखा है, जोकि अपने आप को आईबी व लोकपाल के अधिकारी बनकर लोगों से ठगी करते है। मामले के जांच अधिकारी व थाना कैंट के एएसआई अक्षय कुमार ने बताया कि पीड़ित की शिकायत के आधार पर आरोपित राजविंदर सिंह व जगप्रीत सिंह पर मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।
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