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    सरदूलगढ़ के निवासियों के लिए खुशखबरी! घग्गर नदी में जलस्तर घटने से लोगों ने ली राहत की सांस

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 05:51 PM (IST)

    सरदूलगढ़ के निवासियों के लिए खुशखबरी है क्योंकि घग्गर नदी का जलस्तर लगातार कम हो रहा है। बाढ़ जैसी स्थिति से जूझ रहे लोगों के चेहरे पर अब मुस्कान है। प्रशासन और ग्रामीणों की मेहनत से हालात सामान्य हो रहे हैं। जलस्तर में गिरावट आने से खेतों से पानी निकलना शुरू हो गया है जिससे लोगों ने राहत की सांस ली है।

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    राहत- घग्ग्र में पानी कम होकर 20.8 फीट पर पहुंचा (फोटो: जागरण)

    हरभजन टैणी, सरदूलगढ़। क्षेत्र के लोगों के लिए राहत की खबर है कि घग्गर नदी का जलस्तर लगातार गिर रहा है। बीते कई दिनों से बाढ़ जैसी स्थिति का सामना कर रहे लोगों के चेहरों पर अब मुस्कान लौट आई है। प्रशासन और स्थानीय ग्रामीणों की कड़ी मेहनत के बाद हालात धीरे-धीरे सामान्य होने लगे हैं।

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    जानकारी के अनुसार, पिछले सप्ताह घग्गर में अचानक बढ़े पानी ने सरदूलगढ़ और आसपास के गांवों में दहशत का माहौल पैदा कर दिया था। लेकिन अब पानी का बहाव धीमा पड़ने और जलस्तर में गिरावट आने से खतरा काफी हद तक टल गया है। मंगलवार को 20.8 फीट जलस्तर रिकार्ड किया गया जबकि पहले साढ़े 22 फीट तक पहुंच गया था।

    सरदूलगढ़ वासी गुरजंट सिंह ने बताया कि जलस्तर कम होने से अब खेतों में पानी निकलना शुरू हो गया है। अब घरों और बस्तियों में पानी घुसने का खतरा नहीं है। ग्रामीणों ने प्रशासन और बचाव दलों का धन्यवाद किया, जिन्होंने दिन-रात मेहनत कर राहत कार्य चलाए।

    पवन कुमार ने कहा कि बाढ़ जैसी स्थिति ने उन्हें काफी डराया था, लेकिन अब हालात काबू में आते देख सबके मन में सुकून है। बच्चे फिर से स्कूल जाने लगे हैं और बाजारों में भी रौनक लौट रही है।

    सरदूलगढ़ में घग्गर नदी का पानी कम होना पूरे इलाके के लिए राहत की सांस जैसा है। सुखविंदर ने कहा कि करीब दो फीट पानी नीचे आ गया है और बाकी के दरियों में भी पानी कम होने लगा है। एैसे में उम्मीद की जा रही है कि अब पानी नहीं बढ़ेगा।

    ऐसे में इलाके के लोगों के लिए यह राहत देने वाली बात है। पिछले 20 दिनोें से लोग घग्गर में बढ़ रहे पानी को देख कर चिंतित थे और अपने अपने क्षेत्र के बांधों व तटबंधों को मजबूत करने में लगे हुए थे।

    लोगों को हर समय यही चिंता सता रही थी कि किसी भी समय पानी बढ़ सकता है और हालात 2023 जैसे हो सकते हैं। लेकिन प्रमात्मा की मेहर रही और लोगों का जानी व माली नुकसान नहीं हुआ।