Move to Jagran APP

गैंगस्‍टर विक्की गौंडर को मारने टीम में शामिल एआइजी सहित चार को राष्ट्रपति पुलिस मेडल

गणतंत्र दिवस के अवसर पर पंजाब के चार पुलिसकर्मियों को राष्‍ट्रपति पुलिस मेडल से सम्‍मानित किया गया है। इनमें गैंगस्‍टर विक्‍की गोंडर को मुठभेड़ में मारने वाले एआइजी भी शामिल हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 26 Jan 2020 09:17 AM (IST)Updated: Sun, 26 Jan 2020 09:17 AM (IST)
गैंगस्‍टर विक्की गौंडर को मारने टीम में शामिल एआइजी सहित चार को राष्ट्रपति पुलिस मेडल
गैंगस्‍टर विक्की गौंडर को मारने टीम में शामिल एआइजी सहित चार को राष्ट्रपति पुलिस मेडल

बठिंडा, [गुरप्रेम लहरी]। दो साल पहले गणतंत्र दिवस पर गैैंगस्टर विक्की गौंडर व प्रेमा लाहौरिया को मार गिराने वाली पुलिस टीम में शामिल एआइजी गुरमीत सिंह चौहान सहित चार जवानों को बहादुरी के लिए राष्ट्रपति पुलिस मेडल से सम्मानित किया गया है। चौहान के अलावा ओकू (आर्गेनाइज्ड क्राइम कंट्रोल यूनिट) में शामिल डीएसपी बिक्रम सिंह बराड़, एसआइ बलविंदर सिंह व एसआइ कृपाल सिंह को भी चयनित किया गया है।      

loksabha election banner

26 जनवरी 2018 की रात को गौंडर के साथ गैैंगस्टर प्रेमा लाहौरिया भी मारा गया था

पुलिस ने राजस्थान की सीमा में घुसकर 26 जनवरी 2018 की रात को दोनों का एनकाउंटर किया था। ओकू की अगुआई में पुलिस के कई जवानों की टीम गई हुई थी। टीम का नेतृत्व गुरमीत चौहान कर रहे थे। दोनों के मारे जाने के बाद पंजाब के गैैंगस्टरों में भय व्याप्त हो गया था। हालांकि प्रदेश सरकार पहले ही उनको पदोन्नत व सम्मानित कर चुकी है, लेकिन केंद्र सरकार ने दो सालों के बाद सम्मानित करने का फैसला किया है।

गुरमीत सिंह चौहान

आइपीएस अधिकारी गुरमीत चौहान पटियाला के एसएसपी रह चुके हैं। लंबे समय से ओकू की टीम को लीड कर रहे हैं। उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि विक्की गौंडर अपने साथियों सहित पंजाब की सीमा से सटे राजस्थान में छिपा है। उनकी अगुआई में टीम मौके पर पहुंची थी। उन्होंने कहा कि यह मेडल मिलना बहुत बड़ी बात है। इससे अन्य पुलिस अधिकारियों को प्रेरणा मिलेगी।

-------

बिक्रम सिंह बराड़  

डीएसपी बिक्रम सिंह बराड़ विक्‍की गोंडर के इनकाउंटर के समय तब इंस्पेक्टर थे। उनकी देखरेख में टीम ने गौंडर व उसके साथियों को घेरा था। वह साथ वाले घर में से उस मकान की छत पर पहुंच गए जिसमें गौंडर छिपा था। जब पुलिस ने उसे सरेंडर करने को कहा तो वह फायङ्क्षरग करने लगा। बराड़ व उनकी टीम ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर उसे मार गिराया। उन्होंने कहा, उन्हें खुशी है कि केंद्र सरकार ने भी उनके काम की प्रशंसा की है।

------ 

बलविंदर सिंह          

एसआइ बलविंदर तब एएसआइ थे। वह उस घर के गेट के ठीक सामने थे जिसमें गौंडर छिपा था। जब पुलिस ने ललकारा तो लाहौरिया फायरिंग करते हुए दीवार पर चढ़ गया। उसकी गोली बलविंदर के कंधे पर लगी, लेकिन वे फायङ्क्षरग करते रहे। एक गोली लाहौरिया को लगी तो वह दीवार से बाहर गिर गया। बलङ्क्षवदर ने कहा कि उस गोली का निशान मेरे सीने पर तमगे जैसा है। मैं सीनियर्स का अवार्ड के लिए धन्यवाद करना चाहूंगा।    

-----

कृपाल सिंह           

एसआइ कृपाल सिंह भी एनकाउंटर के समय एएसआइ थे। वह भी बलविंदर की तरह गेट के सामने वाली साइड में थे। प्रेमा लाहौरिया व विक्की गौंडर द्वारा की गई ताबड़तोड़ फायङ्क्षरग में एक गोली कृपाल ङ्क्षसह को भी लगी थी, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं छोड़ी। दोनों गैैंगस्टर मारे गए। इसके बाद सरकार ने कृपाल को एसआइ प्रमोट किया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.