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    Bathinda News: नंगे पांव पहुंचा दंपती, कहा-डीसी साहिब, 15 साल में घिस गए जूते, अब तक प्लाट हमारे नाम नहीं हुआ

    Bathinda News प्लाट होल्डरों की समस्याओं का निपटारा करने के लिए बुधवार को डीसी-कम-चेयरमैन नगर सुधार ट्रस्ट ने शिकायत निवारण कैंप का आयोजन किया। जूते उतारकर पहुंचने के पीछे का कारण यह था कि वह सीएम भगवंत मान के कहने के अनुसार ऐसा करके आए थे।

    By Sahil GargEdited By: Vipin KumarUpdated: Wed, 02 Nov 2022 09:09 PM (IST)
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    Bathinda News: प्लाट होल्डरों की समस्याओं का निपटारा करने के लिए कैंप का आयाेजन। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, बठिंडा। Bathinda News: नगर सुधार ट्रस्ट की कालोनियों के वासियों व प्लाट होल्डरों की समस्याओं का निपटारा करने के लिए बुधवार को डीसी-कम-चेयरमैन नगर सुधार ट्रस्ट ने शिकायत निवारण कैंप का आयोजन किया। कैंप में अपनी समस्याओं को लेकर पहुंचे लोगों ने सबके सामने अधिकारियों पर रिश्वत लेने के आरोप लगा दिए। इस कारण लोगों की समस्याओं का निपटारा तो कम ही हुआ, जबकि हंगामा जमकर हुआ। लोगों ने ट्रस्ट के अधिकारियों पर रिश्वत लेने का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी भी की। साथ ही मांग की कि या तो दफ्तर में भ्रष्टाचार बंद किया जाए या फिर नगर सुधार ट्रस्ट को ही बंद कर दिया जाए।

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    यहां तक कि ट्रस्ट के अधिकारियों से परेशान नथाना के पति-पत्नी तो जूते उतार ही दफ्तर में पहुंच गए। नंगे पांव पहुंचे नथाना के गोपाल कृष्ण और उनकी पत्नी मंजू बाला ने बताया कि उन्होंने 15 साल पहले नगर सुधार ट्रस्ट की स्कीम पटेल नगर में प्लाट लिया था, लेकिन आज तक वह उनके नाम ट्रांसफर नहीं करवाया गया। यहां तक कि अधिकारी बार-बार रिश्वत मांगते हैं। जब शिकायत की जाती है तो उसके बदले में नए-नए चार्ज लगा दिए जाते हैं। यहां तक कि आरटीआइ में भी उनको जानकारी नहीं दी जाती, जिसके चलते अब उनको परेशान होकर अपने जूते उतार कर समस्या बतानी पड़ रही है।

    वह रिश्वत मांगने पर अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। जूते उतारकर पहुंचने के पीछे का कारण यह था कि वह सीएम भगवंत मान के कहने के अनुसार ऐसा करके आए थे। असल में सीएम भगवंत मान ने सरकार बनने पर कहा था कि लोगों की शिकायतों को उनके पास जाकर हल किया जाए, क्योंकि लोग थक चुके हैं और उनके जूते घिस चुके हैं। ऐसा कर वह डीसी को बताना चाहते थे कि उनके जूते भी अब टूट चुके हैं, लेकिन बीते 15 साल से उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई।

    लोग बोले- अधिकारी शिकायत बाद में सुनते हैं, रिश्वत पहले मांगते हैं

    कैंप में अपनी शिकायत लेकर पहुंचे हरीकृष्ण गर्ग ने बताया कि वह बीते एक साल से अपने मकान की एनओसी लेने के लिए चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। यहां तक कि वह अधिकारियों को पैसे भी दे चुके हैं। अब उनको बैंक से लोन लेना है, लेकिन नक्शा नहीं मिल रहा। ऐसे में वह परेशान हो गए हैं। वहीं मोहित शर्मा ने बताया कि वह भी ट्रस्ट की स्कीम राजीव गांधी नगर के वासी हैं, लेकिन उनको अपने मकान का नक्शा लेने के लिए परेशान होना पड़ रहा है। यह कभी पास कर दिया जाता है तो कभी फेल कर दिया जाता है। उन पर कई प्रकार के चार्जेस भी लगाए जा रहे हैं। इसी प्रकार बलजिंदर सिंह ने तो चेयरमैन के दफ्तर के बाहर ही विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह दफ्तर भ्रष्टाचार का दफ्तर बनकर रह चुका है। अगर किसी के पास शिकायत लेकर जाओ तो वह पहले पैसे की मांग करता है। अगर यही हालात हैं तो इस दफ्तर को बंद कर देना चाहिए ताकि लोगों को परेशान न होना पड़े।

    वीआइपी कैंप, डीसी से मिलने के लिए लगानी पड़ी पर्ची

    नगर सुधार ट्रस्ट के दफ्तर में लगाया गया शिकायत निवारण कैंप एक साधारण कैंप न रहकर वीआइपी कैंप बन गया। यहां पर लोगों को डीसी से मिलने के लिए पहले स्लिप भेजनी पड़ती थी या फिर उनको इंतजार करना पड़ता था, जबकि कैंप में सभी लोगों को एक साथ बुलाकर उनकी समस्या को सुनना चाहिए। यहां तक कि गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मी भी दो-दो लोगों को ही अंदर जाने दे रहे थे। इस बात से गुस्साए लोगों ने नारेबाजी भी की। इस दौरान दविंदर सिंगला ने बताया कि यह नगर सुधार ट्रस्ट नहीं, बल्कि अधिकारियों के सुधार का दफ्तर है। यहां पर कोई भी काम बिना पैसे दिए नहीं हो सकता। उन्होंने तो यह भी बोल दिया कि जिसने एक बार ट्रस्ट की स्कीम से जगह ले ली, समझो उसने तो गुनाह ही कर लिया।

    भ्रष्टाचार के आरोपों पर बोले डीसी, जांच करवाकर करेंगे कार्रवाई

    शिकायत निवारण कैंप के दौरान डीसी शौकत अहमद परे ने लोगों की शिकायतों सुनीं और उनके हल के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने छोटी दुकानों (बूथों), प्लाटों के अनापत्ति प्रमाण पत्र, नक्शों व रजिस्ट्रियों को लेकर आम लोगों की समस्याओं को भी सुना। अधिकारियों को काम में तेजी लाने व किसी भी काम को पेंडिंग न छोड़ने के निर्देश दिए। कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि अधिकार क्षेत्र के तहत प्रत्येक वैध आवेदन/शिकायत को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाए। इसके अलावा भ्रष्टाचार के लग रहे आरोपों पर डीसी ने कहा कि आरोपों की जांच की जाएगी, जिसके बाद उचित कार्रवाई करेंगे।