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    फल की चिता छोड़ कर्म करने से मिलता है सुख: संत हरि योगी

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 27 Jul 2021 10:07 PM (IST)

    श्री ज्वाला माता मंदिर एक शाम श्रीराम के नाम के जाप पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

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    फल की चिता छोड़ कर्म करने से मिलता है सुख: संत हरि योगी

    संस, बठिडा: मोहल्ला सुधार कमेटी द्वारा अजीत रोड, गली नंबर 17 में श्रीगुरु पूर्णिमा व पावन श्रावण मास के आरंभ के अवसर पर श्री ज्वाला माता मंदिर एक शाम श्रीराम के नाम के जाप पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दो दिवसीय कार्यक्रम में आगरा से पधारे राष्ट्रीय संत हरि योगी महाराज द्वारा पहले दिन श्रीराम नाम व अगले दिन श्याम सुंदर पर अपने प्रवचनों की अमृतवर्षा की गई।

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    अपने प्रवचन के आरंभ में उन्होंने कहा कि श्रीराम व श्रीश्याम अलग-अलग नहीं हैं बल्कि दोनों एक ही रूप हैं। विष्णु भगवान सर्वोत्तम सता हैं और वे घट-घट में विद्यमान है। प्रभु श्रीराम व श्रीश्याम उन्हीं के सवरूप हैं। प्रभु श्रीराम ने हमें जीवन को जीने का तरीका बताया है। उनके जीवन से हमें प्रेरणा मिलती है कि हमारा जीवन मर्यादित और सकारात्मक सोच के साथ व्यतीत होना चाहिए। हमें त्याग की भावना रखनी चाहिए। वचन का पालन करना चाहिए। ऊंच नीच की भावना, कुसंगती व बदले की भावना से बचना चाहिए तथा हर हालत में धैर्य और शांति को बनाये रखना चाहिए। हमें कठिनाइयों में भी अपनी नैतिक मर्यादाओं को नहीं खोना चाहिए। तमाम उतार-चढ़ाव में भी अपने पथ पर आगे बढ़ना ही श्रेष्ठ है, न कि बुराई के आगे सर्मपण कर देना।

    वहीं दूसरी तरफ प्रभु श्रीश्याम सुंदर के मुखारविद से प्रकट श्रीमद्भगवदगीता यह संदेश देती है कि आत्मा अमर है। इसलिए हमें सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए और फल कि चिता छोड़कर अपने कर्म पर ध्यान देना चाहिए। आत्मा न कभी जन्म लेती है और न मरती है। शरीर का नाश होने पर भी इसका नाश नहीं होता। इस कार्यक्रम में मोहल्ला सुधार कमेटी प्रधान संजीव कुमार, सचिव मुकेश गर्ग, प्रेस सचिव विनोद कौशिक, पदम सिगला, संजीव शर्मा, सुभाष शर्मा, महिला संकीर्तन मंडल सदस्यों कृष्णा बांसल, शशी गोयल, मंजू गोयल, स्वर्ण लता, श्री महावीर संकीर्तन मंडल प्रधान सुरिदर वैद, मंदिर पुजारी सच्चिदानन्द जी शास्त्री, पंडित विनोद कौशिक व विनोद गोयल एनएफएल का विशेष सहयोग रहा। यहां सुरेश गोयल, सुरिदर जोशी, राजीव गोयल,प्रो: अशोक गुप्ता, रामजी लाल बत्रा, मुकंद लाल गोयल, विजय सिगला, प्रो: अशोक मितल, अशोक मालवा, कमल शुक्ला उपस्थित थे।