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पंजाब में बढ़े कैंसर मरीजों की संख्‍या, बठिंडा के एनसीडी में लगा तांता, एक बेड पर दो-दो मरीज

पंजाब में कैंसर मरीजों की संख्‍या बढ़ रही है। अस्‍पतालों में यह हालत होती जा रही है कि एक बेड पर दो-दो मरीजों को रखना पड़ रहा है। बठिंडा के एनसीडी में मरीजों का तांता लगा रहता है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 11:09 AM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 11:09 AM (IST)
पंजाब में बढ़े कैंसर मरीजों की संख्‍या, बठिंडा के एनसीडी में लगा तांता, एक बेड पर दो-दो मरीज

बठिंडा, [गुरप्रेम लहरी]। पंजाब मेें कैंसर मरीजाें की संख्‍या लगातार बढ़ रही है। हालत यह हो गई है कैंसर अस्‍पतालों में मरीजों के लिए बेड कम पड़ गए हैं औार कुछ अस्‍पतालों पर एक बेड पर दो-दो मरीजों को रखना पड़ रहा है। बठिंडा के एनडीसी (नॉन क्यूनीकेबल डिसिसेज) अस्‍पताल में ऐसी ही स्थिति देखने को मिल रहा है।

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दरअसल समस्‍या लॉकडाउन के कारण ट्रेनें बंद होने के कारण भी बढ़ी है। ट्रेनों के बंद होने के कारण बीकानेर में कैंसर का इलाज करवाने वाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वे बठिंडा और पंजाब के अन्‍य अस्‍पतालें में ही अपना इलाज करवाने आ रहे हैं लेकिन उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। बठिंडा के एनसीडी (नॉन क्यूनीकेबल डिसिसेज) क्लीनिक में आने वाले मरीजों के लिए पर्याप्त जगह न होने के कारण कई मरीजों को इंतजार करना पड़ रहा है। एक बेड पर दो-दो मरीजों को रखना पड़ रहा है।

लॉकडाउन के कारण ट्रेनें बंद, बीकानेर में कैंसर का इलाज करवाने वाले मरीजों को झेलनी पड़ रही परेशानी

जागरण टीम ने एनसीडी का दौरा किया। सभी बेड मरीजों से भरे हुए थे। कुछ बेड पर दो-दो मरीज लेटाए गए थे। कई मरीजों को खून चढ़ाने के लिए भी इंतजार करना पड़ा। गौर हो कि कैंसर मरीजों को बीकानेर में सस्ता इलाज मिल रहा था और ट्रेन का सफर भी फ्री था। अब कैंसर मरीजाें को प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराना पड़ रहा है या फिर सरकारी अस्पताल में स्थित एनसीडी क्लीनिक में इंतजार करना पड़ रहा है।

पीजीआइ जैसे बने हालात

बठिंडा के एनसीडी क्लीनिक में सिर्फ 11 ही बेड हैं। मरीजों की संख्या ज्यादा है। उनको या तो शिफ्टों में बुलाना पड़ रहा है या फिर एक बेड पर दो- दो मरीजों को लेटाना पड़ रहा है। इसके कारण कैंसर के मरीज को दूसरे मरीज से अन्य बीमारियां लगने का भी खतरा बना रहता है। कोरोना के दौर में मरीजों को एक साथ बेड पर लेटाना खतरे से खाली नहीं है।

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'' लॉकडाउन के कारण मरीज बढऩे लगे हैं। हम एनसीडी के लिए और कमरों का प्रबंध कर रहे हैं। कैंसर के मरीजों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करने दिया जाएगा।

                                                                     - डॉ. मनिंदर सिंह, एसएमओ, सिविल अस्पताल, बठिंडा।

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