दो थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के HIV Positive पाए जाने पर हंगामा, अस्पताल के सामने बड़ा प्रदर्शन
बठिंडा में मंगलवार शाम को एक और 9 साल के बच्चे के पॉजिटिव आने के बाद थैलेसीमिया वेलफेयर सोसाइटी के सदस्यों ने बुधवार सुबह सिविल अस्पताल पहुंचकर प्रदर्शन किया गया। उन्होंने पीड़ित बच्चों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग की।
बठिंडा, जेएनएन। बठिंडा में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआईवी पॉजिटिव पाए जाने का मामला भड़क गया है। यहां लोगों में संक्रमित खून चढ़ाने के मामले में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। मंगलवार शाम को एक और 9 साल के बच्चे के पॉजिटिव आने के बाद थैलेसीमिया वेलफेयर सोसाइटी के सदस्यों ने बुधवार सुबह सिविल अस्पताल पहुंचकर प्रदर्शन किया गया। उन्होंने बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर आपराधिक केस दर्ज करने की मांग की। वहीं, जिन बच्चों को एचआईवी पॉजिटिव ब्लड चढ़ाया गया है, उनके परिवारों को मुआवजा देने की भी मांग की गई है।
सोसाइटी के प्रधान जितेंद्र सिंह ने बताया कि थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों का हर दो-तीन महीनों के बाद टेस्ट होता है। मगर अब बच्चों का टेस्ट पॉजिटिव आ रहा है। इसके साथ यह बच्चे तो पहले ही गंभीर बीमारी से ग्रस्त होकर उसका सामना कर रहे हैं। अब उनके लिए एचआईवी एक और नई बीमारी सामने आ गई है। इसका इलाज उनके लिए संभव नहीं है। आरोप लगाया कि इस मामले में जिम्मेदार सीनियर अधिकारियों पर तो कोई कार्रवाई नहीं की जा रही, बल्कि मुलाजिमों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है।
लैब टेक्नीशिय बैठे धरने पर
दूसरी तरफ लैब टेक्नीशियनों ने जूनियर मुलाजिमों पर कार्रवाई करने के विरोध में धरना लगा दिया है। फिलहाल बठिंडा के सिविल अस्पताल में यह धरना चल रहा है। उनका भाजपा व शिवसेना हिंदुस्तान ने भी समर्थन किया है।
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