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    कमल कौर भाभी हत्याकांडः यूएई भागे अमृतपाल मेहरों को 30 दिन का अल्टीमेटम - सरेंडर करो या भगोड़ा घोषित

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 03:19 PM (IST)

    बठिंडा अदालत ने कंचन कुमारी हत्याकांड में अमृतपाल सिंह मेहरों और उसके सहयोगी रणजीत सिंह को 30 दिनों के भीतर पेश होने का नोटिस जारी किया है। अमृतपाल के ...और पढ़ें

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    कंचन भाभी हत्याकांड: बठिंडा अदालत का अमृतपाल सिंह मेहरों व उसके साथी को 30 दिन में सरेंडर करने का नोटिस जारी।

    जागरण संवाददाता, बठिंडा। जिला अदालत ने डिजिटल कंटेंट क्रिएटर कंचन कुमारी उर्फ कंचन भाभी की हत्या के मामले में सिख कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह मेहरों और उसके सहयोगी रणजीत सिंह को 30 दिनों के भीतर अदालत में पेश होकर कानूनी प्रक्रिया में शामिल होने का नोटिस जारी किया है। अमृतपाल सिंह मेहरों के संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में छिपे होने की आशंका जताई जा रही है, जबकि रणजीत सिंह पर मेहरों को देश से फरार कराने में मदद करने का आरोप है।

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    पुलिस के अनुसार कंचन कुमारी की 9 और 10 जून की रात कथित तौर पर अमृतपाल सिंह मेहरों और उसके दो निहंग साथियों जसप्रीत सिंह और निमरतजीत सिंह ने गला घोंटकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने इस हत्याकांड को 'अनधिकृत नैति

     

    कंचन भाभी हत्याकांडःयूएई भागे अमृतपालमेहरों को 30 दिन का अल्टीमेटम -सरेंडर करो या भगोड़ा घोषित

    क पुलिसिंग' का मामला बताया है। कंचन का शव 11 जून को भुच्चो स्थित आदेश मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की पार्किंग से बरामद हुआ था। हत्या के कुछ ही घंटों बाद अमृतपाल सिंह मेहरों अमृतसर पहुंचा और वहां से यूएई के लिए उड़ान भरकर फरार हो गया।

    बाद में पुलिस ने उसके दोनों निहंग साथियों जसप्रीत सिंह और निमरतजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया, जबकि रणजीत सिंह अभी फरार है। वहीं 1 दिसंबर को हुई सुनवाई के दौरान अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गुरकिराल सिंह सेखों ने टिप्पणी की थी कि आरोपितों के खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट तामील होकर वापस आ गए हैं।

    अदालत ने माना कि आरोपित जानबूझकर गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार हैं और उन्हें सामान्य प्रक्रिया के तहत समन नहीं किया जा सकता। इसके बाद अदालत ने 30 दिन का नोटिस जारी करने के आदेश दिए।

    अभी हाल ही में हुई सुनवाई के बाद कैंट थाना प्रभारी दलबजीत सिंह ढालीवाल ने बताया कि अदालत के आदेशानुसार अमृतपाल सिंह मेहरों और रणजीत सिंह के घरों के बाहर नोटिस चस्पा कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि 30 दिनों की समय-सीमा सोमवार से ही शुरू हो गई है। यदि निर्धारित समय के भीतर दोनों आरोपित आत्मसमर्पण नहीं करते हैं, तो अदालत उन्हें भगोड़ा अपराधी घोषित कर सकती है।

    पुलिस अधिकारियों के अनुसार इसके बाद जांच एजेंसियां अमृतपाल सिंह मेहरों के खिलाफ इंटरपोल से रेड कार्नर नोटिस जारी करवाने की प्रक्रिया शुरू कर सकती हैं और उसकी संपत्तियों को भी कुर्क किया जा सकता है। इस मामले में एसएसपी अमनीत कौंडल ने बताया कि राज्य सरकार केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय में यूएई से अमृतपाल सिंह मेहरों के प्रत्यर्पण के लिए लगातार प्रयास कर रही है और इंटरपोल की मदद ली जा रही है।