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    कोरोना के नए वेरिएंट जेएन1 वायरस की दस्तक के बाद अलर्ट मोड पर सेहत विभाग, अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड किया स्थापित

    Updated: Sat, 23 Dec 2023 05:29 PM (IST)

    जालंधर शहर में कोरोना संक्रमित महिला की मौत के बाद सेहत विभाग अलर्ट मोड में आ गया है। पंजाब सरकार के साथ ही सेहत विभाग ने नए वेरिएंट से बचाव के लिए नई गाइडलाइन जारी की हैं। सेहत विभाग ने लोगों को कोरोना से बचाव के लिए मुंह पर मास्क लगाना जरूरी कर दिया है। इस बाबत विभाग ने नई एडवाइजरी जारी की है।

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    कोरोना के नए वेरिएंट जेएन1 वायरस की दस्तक के बाद अलर्ट मोड पर सेहत विभाग, Photo Jagran

    नितिन सिंगला, बठिंडा। जालंधर शहर में कोरोना संक्रमित महिला की मौत के बाद सेहत विभाग अलर्ट मोड में आ गया है। पंजाब सरकार के साथ ही सेहत विभाग ने नए वेरिएंट से बचाव के लिए नई गाइडलाइन जारी की हैं। सेहत विभाग ने लोगों को कोरोना से बचाव के लिए मुंह पर मास्क लगाना जरूरी कर दिया है। इस बाबत विभाग ने नई एडवाइजरी जारी की है। इसके अनुसार लोगों को आगाह किया है कि वह भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से गुरेज करें। 

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    यदि जाना ही है तो फिर मुंह पर मास्क लगाकर जाएं और एक-दूसरे से दूरी बनाकर रखें। सरकार ने सभी जिलों के सिविल सर्जनों को आदेश दिए हैं कि वह अलर्ट मोड पर आ जाएं और बचाव के लिए दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए उचित कदम उठाएं।

    विभाग ने सैंपलिंग बढ़ाने के दिए आदेश

    सेहत विभाग की तरफ नई एडवाइजरी जाने होने के बाद सेहत विभाग ने भी कोरोना से निपटने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। सेहत विभाग की तरफ से सिविल अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए 10 बेड का आइसोलेशन वार्ड स्थापित किया जा चुका है। वहीं कोरोना के सैंपलिंग के लिए फ्लू कॉर्नर पर सैंपलिंग बढ़ा दी गई। हालांकि, जिले में पिछले एक माह से कोरोना का नया मरीज कोई नहीं मिला है, लेकिन कोरोना के नए वेरिएंट दस्तक के बाद विभाग ने सैंपलिंग बढ़ाने के आदेश स्थानीय अधिकारियों को दे दिए है, ताकि नए वेरिएंट से संक्रमित मरीजों की पहचान कर उनका इलाज किया जा सके और उसे ज्यादा लोगों में फैलने से रोका जा सके। 

    गाइडलाइन का पालन करना बेहद जरूरी

    इसके लिए सिविल अस्पताल में बेड, ऑक्सीजन सप्लाई, वेंटिलेटर, दवा व टेस्टिंग की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है। अधिकारियों का कहना है कि डब्ल्यूएचओ की ओर से मिली जानकारी अनुसार वेरिएंट दूसरे वायरस की तरह खतरनाक नहीं है, लेकिन लोगों को कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करना बेहद जरूरी है।

    ये है लक्षण

    सिविल सर्जन डा. तेजवंत सिंह ढिल्लो का कहना है कि कोरोना के नए वेरिएंट से ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं। इस संबंध में अधिकारियों के साथ मीटिंग हो चुकी है। इससे बचाव के लिए सिविल अस्पताल में सभी प्रबंध पूरे किए गए हैं, ताकि मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े। सर्दी के मौसम में वायरस फैलने का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। प्रदूषण के साथ किसी भी तरह की समस्या हो जाए, तो उसे ठीक होने में भी अधिक समय लगता है। इस वेरिएंट से बचाव करने की लोगों से अपील की है। उन्होंने कहा कि नए वेरिएंट से गले में खराश, बुखार, नाक बहना आदि लक्षण है। 

    सिविल सर्जन ने बताया कि कोरोना के दौरान फलो किए जाने वाले सभी नियमों का पालन करना अधिक जरूरी है। पहले की तरह शारीरिक दूरी बनानी शुरू की जानी चाहिए। बिना मास्क लगाए घर से बाहर न निकलें। विभाग के अनुसार बर्तन और दैनिक उपयोग की वस्तुएं जैसे टूथब्रश, कंघी बन दूसरे लोगों के साथ शेयर लि करने से बचें। हाइजीन का खास ख्याल रखें। हाथों को बार-बार धोएं, किसी भी चीज को छूने के लि बाद सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। डाक्टरों ने सुझाव दिया कि लोगों ले से बात करते समय 10 मीटर की कि दूरी बनानी होगी। इसके अलावा भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें और हाथ न मिलाएं।

    राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के निर्देशक डॉ. आदर्शपाल कौर ने सभी सिविल सर्जनों को पत्र लिखकर कोविड के दौरान जारी हिदायतों का सख्ती से पालन करने को कहा है। कोविड के नए वेरिएंट जेएन-1 के बढ़ते मामलों को देखते हुए नई एडवाइजरी जारी की है। सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि भीड़ भाड़ वाली जगहों और बंद जगहों पर मास्क पहने, डॉक्टरों, पैरामैडीक्स और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को मरीजों की देखभाल करते समय अनिवार्य रूप से मास्क पहनना होगा और कोविड उचित व्यवहार का पालन करना होगा। 

    सभी स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में मरीजों और उनके परिचारकों को अनिवार्य रूप से मास्क पहनना होगा और अन्य एहतियाती उपायों का पालन करना होगा। छींकते और खांसते समय नाक और मुंह को ढकें। हाथों को साबुन और पानी से धोएं या सैनिटाइजर का उपयोग करें। श्वसन संबंधी लक्षणों से पीड़ित होने पर व्यक्तिगत संपर्क सीमति करें। यदि आप अस्वस्थ महसूस करते हैं (बुखार, खांसी, सांस लेने में कठिनाई आदि) तो डॉक्टर से मिलें।

    कोरोना से बचाव के लिए क्या करें...

    • खांसते और छींकते समय रुमाल या टिशू पेपर का प्रयोग करें।
    • उपयोग के बाद टिश्यू पेपर को बंद कूड़ेदान में फेंके।
    • हाथों को बार-बार साबुन, पानी या अल्कोहल-आधारित सैनिटाइजर से साफ करें।
    • अगर किसी को वायरल है या सांस लेने में दिक्कत हो रही है तो उसे लोगों से मिलना बंद कर देना चाहिए और खुद को आइसोलेट कर लेना चाहिए।
    • बुखार, खांसी, सांस लेने में दिक्कत हो तो डॉक्टर से संपर्क करें।
    • जिन लोगों को पहले से स्वास्थ्य संबंधित समस्या है उन्हें भीड़-भाड़ वाली जगहों पर नहीं जाना चाहिए और ऐसी जगह पर नहीं बैठना चाहिए, जहां वेंटिलेशन न हो, बुजुर्ग लोगों और गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान रखना चाहिए।

    क्या ना करें

    • अपनी आंखों, नाक और मुंह को न छुएं।
    • सार्वजनिक स्थानों पर न थूकें।
    • यदि आप में बुखार या कोविड के लक्षण विकसित हों तो स्वयं दवा न लें।

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