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    Punjab News: दुकान के बाहर बोर्ड पर लगाना होगा GST नंबर, वरना लग सकता है 50 हजार का जुर्माना

    कर विभाग ने जीएसटी में हो रही फर्जी वाडे़ में रोकथाम के लिए एक अहम कदम उठाया है। इसके तहत 15 सितंबर पर सभी व्यापारियों से दुकान या कंपनी के बाहर जीएसटी नंबर लगाने की अपील करेंगे। इसके बाद अगर किसी कारोबारी ने बाहरी जीएसटी नंबर का प्रदर्शन न किया तो उस पर 50 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।

    By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Sun, 03 Sep 2023 01:19 PM (IST)
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    बाहरी बोर्ड पर जीएसटी नंबर न लिखने पर लगेगा जुर्माना (कॉन्सेप्ट इमेज)।

    बठिंडा, साहिल गर्ग: जीएसटी नेटवर्क पोर्टल पर पंजीकृत कारोबारियों के लिए दुकान, औद्योगिक इकाई या फिर अपने कार्यालय के बाहर बोर्ड पर जीएसटी नंबर प्रदर्शन करना जरूरी है। ऐसा न करने पर कारोबारी से 50 हजार रुपये तक का जुर्माना वसूला जा सकता है। इसमें 25 हजार रुपये राज्य और 25 हजार रुपये केंद्र सरकार का जुर्माना होगा। जबकि केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर व सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) की तरफ से जीएसटी वेरिफिकेशन के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत अधिकारी सभी कारोबारियों से जीएसटी नंबर प्रदर्शन नियम को सख्ती से लागू करने की हिदायत दे रहे हैं।

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    15 सितंबर के बाद होगी जुर्माने की कार्रवाई

    आगामी 15 सितंबर तक चलने वाले इस अभियान के तहत अधिकारी जीएसटी में पंजीकृत सभी कारोबारियों के पास पहुंचने की कोशिश करेंगे, ताकि उनकी रजिस्ट्रेशन की जांच हो सके। इस दौरान सभी कारोबारियों को पहले अपनी दुकानों के बाहर बोर्ड पर जीएसटी नंबर लिखने की अपील की जाएगी। अगर इसके बाद भी किसी ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया तो 15 सितंबर के बाद कार्रवाई की जाएगी। इस समय जीएसटी विभाग की ओर से जिले को 9 वार्डों में बांटा गया है, जिसमें करीब 14 हजार फर्में हैं। इस अभियान की मदद से जीएसटी कलेक्शन बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।

    छोटे कारोबारी ग्राहकों से नहीं वसूल पाएंगे फर्जी GST

    कारोबारियों को अपने परिसर में टंगे साइन बोर्ड में जीएसटी नंबर साफ-साफ अक्षरों में लिखा होना चाहिए। वहीं दिए गए मोबाइल नंबर पर जीएसटी नंबर लेने वाले फर्म के मालिक से संपर्क भी होना चाहिए। एईटीसी कपिल जिंदल का कहना है कि ऐसा न करने वाले कारोबारियों पर 50 हजार रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। लेकिन अभी इस नियम का पालन कारोबारी नहीं कर रहे हैं। जबकि जीएसटी नंबर के प्रदर्शन को अनिवार्य करने से कंपोजिट स्कीम में शामिल सर्विस सेक्टर के कारोबारी ग्राहकों से फर्जी तरीके से जीएसटी नहीं वसूल सकेंगे।

    सालाना 50 लाख से कम का कारोबार करने वाले रेस्टोरेंट या ढाबे मालिक कंपोजिट स्कीम में शामिल होते हैं और उन्हें जीएसटी वसूलने का कोई हक नहीं होता है। लेकिन इस प्रकार के छोटे रेस्टोरेंट व ढाबे भी ग्राहकों से पांच फीसद का जीएसटी वसूल लेते हैं।

    दुकानों के बोर्ड पर GST नंबर लगाना अनिवार्य

    साइन बोर्ड नियम के सख्ती से लागू होने से इस प्रकार का फर्जीवाड़ा बंद हो जाएगा। अभियान के तहत पहले उन कारोबारियों के पास अधिकारी जा रहे हैं, जिन्होंने बिक्री के मुकाबले अधिक मात्रा में इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा कर रखा है। जीएसटी में फर्जीवाड़ा करने के लिए काफी ऐसे पंजीयन भी कराए गए, जिनका कारोबार से कोई लेनादेना नहीं है। इस कारण पड़ी जरूरत विभाग ने पूर्व से ही जीएसटी नंबर अंकित करने का प्रावधान किया गया है। लेकिन जिले में अधिकांश व्यवसायियों द्वारा बोर्ड लगाया जाता है, फार्म का नाम भी रहता है, लेकिन उस पर जीएसटी नंबर अंकित नहीं रहता है। इसको लेकर अब कर विभाग सख्त हो गया है।

    बोर्ड पर GST नंबर लिखने से अधिकारियों को होती आसानी

    व्यवसायियों को दुकानों की मेन बोर्ड या दीवार यह नंबर लिखना जरूरी है। जबकि बोर्ड पर नंबर न होने से यह स्पष्ट नहीं होता है कि उनके पास जीएसटी है कि नहीं। यदि उनके बोर्ड पर जीएसटी नंबर अंकित रहेगा, तो अधिकारियों को जांच करने में सुविधा रहेगी। पहले तो जीएसटी नंबर के जरिए पता चलेगा कि उनके द्वारा टैक्स जमा किया जाता है या नहीं। सूत्रों के अनुसार, जीएसटी नंबर लगाना इसलिए भी अनिवार्य किया गया है कि इसके साथ पता लग सकेगा कि दुकानदार का कितना काम है और वह कितना टैक्स अदा कर रहा है। अगर वह कम टैक्स अदा करता है तो उस हिसाब से कार्रवाई की जाएगी।