किसान पिता कर्ज में डूबा था, बेटे को पढ़ाई छूटती लगी तो दे दी जान
बठिंडा के एक गांव में कर्ज में डूबे एक किसान के बेटे ने आत्महत्या कर ली। पिता की हालत के कारण उसे अपनी पढ़ाई छूटती लगी और उसने गले में फंदा लगाकर जान दे दी।
जेएनएन, बठिंडा। जिले के गांव नगला में एक युवक के किसान पिता भारी कर्ज में डूबे थे। ऐसे मेें दसवीं पास इस युवक को अपनी पढ़ाई छूटती लगी। वह इससे परेशान हो गया कि पिता उसके दाखिले के लिए पैसा कहां से लाएंगे। पिता की हालत और अपनी पढ़ाई छूटते देख उसने खुदकुशी कर ली।
बलविंद्र सिंह नामक 18 साल के इस युवक ने खेत में लगे पेड़ की टहनी पर रस्सी बांधकर गले में फंदा लगाकर जान दे दी। उसके पिता बिक्कर सिंहह पर कर्ज होने से उसे 11वीं में दाखिला लेने का रास्ता नजर नहीं आ रहा था। इस घटना से गांव में सनसनी फैल गई और शोक छा गया।
परिजनों के अनुसार, बलविंद्र दसवीं कक्षा की परीक्षा देने के बाद ग्यारहवीं में दाखिला लेना चाहता था। घर में गरीबी और अपने पिता पर चढ़े कर्ज के कारण परेशान रहने लगा था। किसान यूनियन (उग्राहां) के महासचिव मोहन सिंह चट्ठेवाला ने बताया कि बलविंद्र के पिता बिक्कर सिंह के पास एक कनाल जमीन है। वह पांच एकड़ जमीन ठेके पर लेकर खेती करता है।
उन्हाेंने बताया कि गांव नंगला में नहरी पानी की कमी के कारण पिछले समय में फसल कम होने के कारण बिक्कर पर पांच लाख रुपये के करीब कर्ज चढ़ गया। इसका पता लगने पर बलविंद्र परेशान रहने लगा था। उसे पिता की हालत देखते हुए अपनी पढ़ाई छूटती लगी। इससे हालात से दुखी होकर उसने जान दे दी।
किसान यूनयिन ने पंजाब सरकार से मांग है कि पीडि़त परिवार के एक सदस्य सरकारी नौकरी दी जाए आैर 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। इसके साथ ही किसान विक्कर सिंह पर चढ़े कर्ज को माफ किया जाए। इस संबंध में तलवंडी साबो के डीएसपी वीरेंद्र सिंह ने बताया कि बलविंद्र घर की गरीबी की वजह से परेशान था। उसने आत्महत्या कर ली है।
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