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    13 वर्षो में 20.45 करोड़ रुपये एकत्र किया काउ सेस, फिर भी बेसहारा पशु सड़कों पर

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 06 Oct 2021 05:39 AM (IST)

    शहर में बेसहारा पशुओं को पकड़कर उन्हें गोशाला में रखने और उनकी देखभाल और खानपान के लिए पैसे एकत्र करने को पंजाब सरकार ने साल 2009-10 में एक विशेष टैक्स ...और पढ़ें

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    13 वर्षो में 20.45 करोड़ रुपये एकत्र किया काउ सेस, फिर भी बेसहारा पशु सड़कों पर

    नितिन सिगला, बठिडा : शहर में बेसहारा पशुओं को पकड़कर उन्हें गोशाला में रखने और उनकी देखभाल और खानपान के लिए पैसे एकत्र करने को पंजाब सरकार ने साल 2009-10 में एक विशेष टैक्स (काउ सेस) शुरू किया था। यह सेस तेल, बिजली, प्रापर्टी टैक्स, शराब, सीमेंट, मैरिज पैलेस व दो और चार पहिया वाहनों पर लगाया गया था। इस काउ सेस का मकसद इन चीजों से एकत्रित होने वाले फंड से सड़कों पर घूम रहे बेसहारा पशुओं को पकड़कर उन्हें गोशाला में रखना था। बठिडा नगर निगम पिछले 13 सालों में 20 करोड़ रुपये से ज्यादा काउ सेस एकत्र कर चुका है, जबकि उसके मुकाबले साढ़े 15 करोड़ रुपये निगम जिले की विभिन्न गोशालाओं को काउ सेस के फंड से डाइट मनी आदि के रूप में खर्च कर चुका है। इसके बावजूद भी शहर से बेसहारा पशुओं की समस्या खत्म नहीं हो रही है। आज भी हजारों की तादाद में बेसहारा पशु सड़कों पर घूम रहे हैं, जबकि निगम उन्हें पकड़कर गोशाला में छोड़ने के लिए अलावा कोई भी स्थाई समाधान नहीं कर सका है। आज बेसहारा पशुओं की चपेट में आकर रोज तीन से चार हादसे हो रहे हैं, जबकि हर माह एक से दो लोगों की मौतों का कारण यह बेसहारा पशु बन रहे हैं। इतना ही नहीं इन बेसहारा पशुओं की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके और गंभीर रूप से घायल हो चुके कई लोगों ने नगर निगम बठिडा के खिलाफ पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में याचिक भी दायर की है, जिनकी सुनवाई चल रही है।

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    फंड की कमी निगम को पड़ रही भारी

    बेशक निगम द्वारा दावे किए जाते हैं कि वो इसके स्थायी समाधान को लेकर बेहद गंभीर है। निगम प्रत्येक साल जितना काउ सेस वसूल कर रहा है, उससे कहीं अधिक राशि अपनी ओर से अन्य फंडों से खर्च की जा रही है, लेकिन तमाम पशुओं की गिनती के हिसाब से उनकी संभाल के लिए जितने पैसों की उन्हें जरूरत है, उतने काउ सेस से हासिल नहीं हो पा रहे है। उन्हें सीमेंट और शराब से काउ सेस नहीं आ रहा है। चूंकि इन दोनों वस्तुओं का काउ सेस राज्य सरकार की ओर से अदा किया जाना है और सरकार अभी यह काउ सेस दे नहीं रही है। अगर इनका काउ सेस भी उन्हें आने लग जाए तो निगम काफी हद तक इस समस्या पर काबू पा सकता है। फंड की कमी निगम को भारी पड़ रही है। 13 वर्षो में निगम ने 15.45 करोड़ रुपये खर्च किए

    ग्राहक जागो संगठन के संजीव गोयल द्वारा आरटीआइ के तहत मांगी गई जानकारी के अनुसार निगम ने पिछले 13 वर्षों में 20.45 करोड़ रुपये काउ सेस वसूल किया है। जबकि इन वर्षों के दौरान निगम ने खर्च 15.45 करोड़ रुपये किए हैं। आरटीआइ के अनुसार वसूल की गई कुल राशि में से निगम के पास पांच करोड़ लाख रुपये पड़े हुए हैं। ग्राहक जागो संगठन के सचिव संजीव गोयल ने कहा कि निगम फंड होने के बावजूद बेसहारा पशुओं की समस्या पर काबू पाने में बुरी तरह से नाकाम रहा है। निगम को फंड न होने का कारण बताकर लोगों को गुमराह करने के बजाय अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करना चाहिए। आरटीआइ के अनुसार नगर निगम निम्नलिखित अनुसार काउ सेस वसूल किया और खर्च किया।

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    साल वसूल किए खर्च किए

    2009-10 1.28 लाख 26.21 लाख

    2010-11 3.85 18.42

    2011-12 4.16 32.76

    2012-13 3.65 45.31

    2013-14 3.75 80.90

    2014-15 31.03 71.84

    2015-16 296.35 206.71

    2016-17 296.52 149.05

    2017-18 295.94 72.61

    2018-19 312.23 336

    2019-20 274.24 218

    2020-21 243.44 291

    2021 279.45 250