पंजाब की बर्खास्त कॉन्स्टेबल अमनदीप कौर मामले में विजिलेंस ब्यूरो को अदालत की फटकार, चार्जशीट दाखिल करने में नाकाम रही टीम
बठिंडा अदालत ने भ्रष्टाचार के मामले में विजिलेंस ब्यूरो को फटकार लगाई है, क्योंकि वे बर्खास्त पुलिस कॉन्स्टेबल अमनदीप कौर के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दाखिल करने में विफल रहे। अदालत ने 20 नवंबर तक का अंतिम मौका दिया है। अमनदीप पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है और वह फिलहाल जेल में है। विजिलेंस विभाग की जांच में उसकी आय से अधिक खर्च पाया गया था।

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जागरण संवाददाता,बठिंडा। जिला अदालत ने भ्रष्टाचार के एक मामले में इस साल के अगस्त माह से बर्खास्त पंजाब पुलिस कॉन्स्टेबल अमनदीप कौर के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर करने में विफल रहने के लिए विजिलेंस ब्यूरो (बठिंडा रेंज) को फटकार लगाई है और जांच एजेंसी को सुनवाई की अगली तारीख 20 नवंबर से पहले पूर्ण चालान दाखिल करने का अंतिम मौका दिया है।
विजिलेंस विभाग पिछली पांच सुनवाई से इस बाबत लगातार कोर्ट से समय मांग रहा है, लेकिन चालान पेश करने में असमर्थ रहा है। इसके चलते अब कोर्ट ने सख्त निर्देश जारी किए है।
मामले की सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुरिंदर पाल कौर ने विजिलेंस विभाग के डीएसपी के अनुरोध को स्वीकार कर लिया, जिसमें यह सुनिश्चित किया गया था कि आरोपित के बैंक विवरण प्राप्त करने के बाद अदालत के समक्ष पूरक चालान पेश किया जाएगा।
अपील और न्याय के हित में अभियोजन पक्ष को इस बाबत पूरे सबूत प्रस्तुत करने का अंतिम अवसर प्रदान करने के संबंध में कोर्ट ने निर्देश दिए। वहीं कहा कि इस बार किसी तरह की लापरवाही न की जाए।
आदेश में कहा गया है कि अदालत अमनदीप के खिलाफ आरोप तय करने के लिए 20 नवंबर को मामले की सुनवाई करेगी। विजिलेंस विभाग की तरफ से अतिरिक्त आरोप पत्र प्रस्तुत करने में देरी के कारण आरोप तय होने के बाद अदालत द्वारा मुकदमा शुरू करने में देरी हुई है।
बताते चले कि बठिंडा शहर की एक महिला कॉन्स्टेबल को बीती 2 अप्रैल को उसकी थारा गाड़ी से 17.71 ग्राम हेरोइन बरामद होने के बाद गिरफ्तार किया गया था। बाद में उसपर कथित तौर पर अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया गया।
जांच के बाद बठिंडा रेंज के विजिलेंस पुलिस स्टेशन में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1) और 13(2) के तहत मामला दर्ज किया गया, जिसमें उसकी चल और अचल संपत्तियों के साथ-साथ उसके वेतन, बैंक खातों और ऋण रिकार्ड की जांच की गई। अमनदीप को इसी साल 3 अप्रैल को बर्खास्त कर दिया गया था और वह फिलहाल बठिंडा सेंट्रल जेल में बंद है
गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस विभाग की जांच से पता चला कि अमनदीप की 2018 से 2025 के बीच कुल आय 1,08,37,550 रुपये थी, जबकि उसका खर्च 1,39,64,802.97 रुपये था, जो उसकी आय के ज्ञात स्रोतों से 31,27,252.97 रुपये अधिक था। यह राशि उसकी वैध आय से 28.85 फीसदी अधिक थी। 11 अगस्त 2025 को विजिलेंस स्टेशन हाउस आफिसर (एसएचओ) परमिंदरजीत कौर ने अदालत को सूचित किया कि एजेंसी आरोपित के खिलाफ पूरक चालान दायर करने के लिए अपील कर रही है, लेकिन 11 अगस्त के बाद से लगातार पांच सुनवाइयों में विजिलेंस ऐसा करने में विफल रहा और उसने अधिक समय मांगा।
बताते चलेx कि एनडीपीएस केस में अमनदीप कौर की गिरफ्तारी ने राज्य भर में चर्चा खड़ी कर दी कि उसे पंजाब में तैनात एक वरिष्ठ भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी का संरक्षण प्राप्त था। हालांकि, जांचकर्ताओं का कहना है कि अब तक की जांच में ऐसा कोई संबंध सामने नहीं आया है। जांच से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने भी अमनदीप से पूछताछ की है।

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