भारत-पाक तनाव के चलते बठिंडा में किया गया ब्लैकआउट, पूरे शहर में छाया रहा अंधेरा; लोगों को किया गया सतर्क
बठिंडा में भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को देखते हुए बुधवार रात ब्लैकआउट अभ्यास किया गया। रात 8 30 से 8 40 तक सभी लाइटें बंद कर दी गईं। इसका उद्देश्य नागरिकों को दुश्मन के हवाई हमले से बचाव के लिए जागरूक करना था। पुलिस और प्रशासन ने निगरानी रखी। यह अभ्यास आपातकालीन स्थिति के लिए नागरिकों को तैयार करने के उद्देश्य से किया गया।
जागरण संवाददाता, बठिंडा। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर बुधवार रात जिले भर में ब्लैकआउट अभ्यास आयोजित किया गया। यह ब्लैकआउट रात 8:30 बजे से 8:40 बजे तक किया गया, जिसमें सभी प्रकार की लाइट्स बंद कर दी गईं। इस दौरान पूरे शहर में अंधेरा छा गया और हर प्रकार की रोशनी को बंद रखने की हिदायत दी गई थी।
नागरिकों को जागरूक करना उद्देश्य
ब्लैकआउट का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को यह जागरूक करना था कि यदि रात के समय दुश्मन देश की ओर से कोई हवाई हमला होता है तो उससे किस प्रकार बचा जा सकता है। इस दौरान वाहन चालकों को भी निर्देश दिया गया कि वे अपनी गाड़ियों को वहीं रोक दें जहां वे उस समय मौजूद हों।
अधिकांश लोगों ने प्रशासन के निर्देशों का पालन करते हुए बिजली बंद रखी और सार्वजनिक स्थानों पर भी कोई रोशनी नहीं जलाई गई। प्रशासन द्वारा यह कवायद इस उद्देश्य से की गई कि आपातकालीन स्थिति में नागरिकों को घबराने के बजाय तैयार रहना चाहिए।
पुलिस प्रशासन ने रखी कड़ी निगरानी
ब्लैकआउट से पहले और बाद में बठिंडा के किले से ली गई तस्वीरों में अंधेरे और फिर रोशनी के दृश्य को साफ तौर पर देखा जा सकता है, जिससे इस अभ्यास की प्रभावशीलता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
पुलिस और जिला प्रशासन की टीमों ने इस दौरान सड़कों पर निगरानी रखी और यह सुनिश्चित किया कि कहीं भी रोशनी न जले। लोगों को बताया गया कि ऐसे ब्लैकआउट अभ्यास आगे भी समय-समय पर किए जा सकते हैं ताकि आमजन को सतर्क रखा जा सके।
गौरतलब है कि भारत-पाकिस्तान के बीच मौजूदा हालात को देखते हुए देशभर में सतर्कता बढ़ा दी गई है। बठिंडा में किया गया यह अभ्यास इसी सतर्कता का हिस्सा था, जिसमें नागरिकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और प्रशासन के सहयोग से ब्लैकआउट को सफल बनाया।
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