Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Punjab News: रोडवेज के कर्मचारियों ने 9 से तीन दिन की हड़ताल की दी चेतावनी, जानें क्या है उनकी मांगें?

    बठिंडा में रोडवेज कर्मचारियों ने 9 से 11 जुलाई तक हड़ताल की चेतावनी दी है। यूनियन ने ठेका प्रणाली खत्म करने और नियमितीकरण की मांग की है। कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार ने वादे पूरे नहीं किए और ठेकेदार उनका शोषण कर रहे हैं। यदि मांगें पूरी नहीं हुईं तो हड़ताल की जाएगी।

    By Sahil Garg Edited By: Rajiv Mishra Updated: Mon, 07 Jul 2025 09:51 PM (IST)
    Hero Image
    रोडवेज के कर्मचारी पीआरटीसी डिपो के गेट पर धरना लगाकर प्रदर्शन करते हुए। (फोटो- जागरण)

    जागरण संवाददता, बठिंडा। रोडवेज के कर्मचारियों की ओर से 9 से 11 जुलाई तक अपनी मांगों को लेकर हड़ताल की जाएगी। इससे पहले यूनियन द्वारा सोमवार को बठिंडा पीआरटीसी के डिपो पर गेट रैली की गई। जिस दौरान राज्य नेता कुलवंत सिंह मणेस ने कहा कि आज तीन साल बाद भी आप सरकार ने ठेका प्रणाली को खत्म कर एक भी कर्मचारी को रेगुलर नहीं किया। जबकि बीते साल मुख्यमंत्री ने 1 जुलाई को मीटिंग में एक कमेटी बनाकर 1 महीने के अंदर मांगों का समाधान करने का वादा किया था, लेकिन कमेटी बने 1 साल हो गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मगर अभी तक किसी भी समस्या का समाधान नहीं हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि पहला ठेकेदार सीधे तौर पर सिक्योरिटी, ईपीएफ, ईएसआई का 12-13 करोड़ रुपए लूटकर भाग गया। फिर दूसरा ठेकेदार भी उसी तरह लूटपाट कर भाग गया।

    अब तीसरे ठेकेदार को बिना किसी समझौते के अवैध रूप से लाया गया है। डिपो अध्यक्ष रविंदर सिंह बराड़ ने कहा कि पनबस/पीआरटीसी के कच्चे कर्मचारियों का लंबे समय से ठेका प्रणाली के तहत शोषण किया जा रहा है।

    जिसके चलते यूनियन को बार-बार संघर्ष करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। यहां तक कि आम आदमी पार्टी सरकार ने एक भी नई बस शुरू नहीं की है, यही कारण है कि परिवहन माफिया अवैध रूप से धड़ल्ले से चल रहा है।

    उन्होंने कहा कि सरकार कर्मचारियों की मांगों का तुरंत समाधान करे, जिन कर्मचारियों की ब्लैक लिस्ट व अपील खारिज हो गई है, उन्हें पुनः काम पर रखने का मौका दे। सरकार कर्मचारियों को नियमित करे, ठेका प्रथा बंद करे, वेतन में एकरूपता लाए, किलोमीटर स्कीम की बसें बंद करे, विभाग की सरकारी बसों की संख्या 10 हजार करने की व्यवस्था की जाए। अगर सरकार ने मांग का समाधान नहीं किया तो मजबूर होकर यूनियन 9 से 11 जुलाई तक हड़ताल की जाएगी।